ग्वालियर।
पितृपक्ष में गौसेवा और वृक्षारोपण का विशेष महत्व है। शिवपुराण में वर्णन है कि जो व्यक्ति वीरान एवं दुर्गम स्थानों में वृक्ष लगाता है, वह अपनी बीती हुई और आने वाली सभी पीढ़ियों के सभी पितृकुलों का उद्धार कर देता है। ग्वालियर में बीते रोज कलचुरी महिला मंडल और जायसवाल संवर्गीय महिला महासभा की सदस्यों ने मोहना स्थित रानी घाटी में वृक्षारोपण किया और वहां स्थित गौशाला में गौसेवा कर पितृपक्ष में श्राद्धकर्म को पूर्णता प्रदान की।
शिवपुराण में कहा गया है कि पितृपक्ष में लगाए गए वृक्ष अगले जन्म में उस व्यक्ति के पुत्र होते है जो फूलों के द्वारा देवताओं की, फलों के द्वारा पितरों की और छाया के द्वारा अतिथियों की पूजा करते हैं। अतः पितृपक्ष में वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए। श्रीमती सगीता गुप्ता ने बताया कि ग्वालियर के दोनों महिला संगठनों ने नई पीढ़ी को पितृपक्ष और श्राद्धकर्म के साथ ही वृक्षारोपण व गौशाला के महत्व को बताने के लिए यह आयोजन किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान कलचुरी महिलाओं ने मोहना स्थित रानी घाट के पास जंगल में पीपल, नीम, बेलपत्र, समी, तुलसी, अनार, आम, बरगद, अमलताश, आबला आदि औषधीय वृक्षों की पौध रौंपी। रानी घाटी पर ही गोशला में संतों ने महिलाओ से गौमाता की पूजा अर्चना कराई जिसके पश्चात महिलाओं ने गौसेवा का पुण्य कार्य किया। श्रीमती संगीता गुप्ता ने बताया कि इस दौरान यज्ञशाला में भी महिलाओ को पूजा अर्चना करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर श्रीमती आशा शिवहरे, गायत्री शिवहरे, जुली शिवहरे।, रेणु शिवहरे, कीर्ति गुप्ता, सोनम राय, हेमा शिवहरे, पिंकी राय, गीता शिवहरे, गरिमा शिवहरे, गूंजा शिवहरे, दीपमाला राय आदि सदस्य उपस्थित रहे।
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