पुष्कर।
धर्मनगरी हरिद्वार के बाद अब तीर्थराज पुष्कर में भी कलचुरी कलार समाज के आराध्य देव राजराजेश्वर सहस्रबाहु अर्जुन की मूर्ति स्थापित हो गई है। बीते रोज पुष्कर स्थित ‘अखिल राजस्थान सर्ववर्गीय कलाल समाज मंदिर एवं धर्मशाला’ के 22वें स्थापना समारोह में भगवान सहस्रबाहु अर्जुन की पाषाण प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा धूमधाम से की गई।
पूरे देश और राजस्थान भर से आए प्रबुद्ध एवं प्रतिष्ठित समाजबंधुओं की उपस्थिति में भामाशाह विनोद कुमार मेवाड़ा (थरोदा का गुलाबपुरा) द्वारा प्रतिमा का अनावरण एवं प्राण-प्रतिष्ठा की गई। भगवान सहस्रबाहु की यह प्रतिमा जयपुर में कुशल कलाकारों द्वारा श्रेष्ठ गुणवत्ता के सफेद पत्थर पर उकेरी गई है और पुष्कर धर्मशाला में स्थित चामुंडा देवी मंदिर के बाहरी हिस्से में इसे स्थापित किया गया है।
सत्यनारायण मेवाड़ा (केकड़ी) की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में एलएनसीटी भोपाल के कुलाधिपति ‘कलचुरी रत्न’ श्री जयनारायण चौकसे, तेलंगाना कलाल समाज के अध्यक्ष श्री लक्ष्मण गौड़ राव पिल्लई (हैदराबाद), श्री ललित कुमार मेवाड़ा (अजमेर), वृंदावन से स्वजातीय संत श्री हरिहर दासजी महाराज, आईका अध्यक्ष शंकरलाल पटेल, बांसवाड़ा से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री हरीश कलाल, देवली से कांग्रेस नेत्री माया सुवालका के साथ मंदिर एवं धर्मशाला के मुख्य संरक्षक जय सिंह चौहान (अजमेर) एवं संरक्षक जगदीश स्वरूप मेवाड़ा (केकड़ी) समेत सभी पदाधिकारियों एवं उपस्थित समाजबंधुओं ने एक जाजम पर बैठकर सामाजिक मुद्दों पर गंभीर चर्चा की।
धर्मशाला में सात कमरे बनवाने के लिए भामाशाहों ने की घोषणाएं
बैठक में संस्था की ओर से धर्मशाला की चौथी मंजिल पर सात कमरों के निर्माण की पेशकश की गई जिसके लिए उपस्थित समाजबंधुओं ने बढ़चढ़ कर अपने योगदान की घोषणाएं कीं। प्रत्येक कमरे की लागत का आकलन 351000 रुपये लगाया गया। निर्माण के लिए योगदान की घोषणा करने वाले भामाशाहों की सूची निम्न प्रकार हैः-
- एडवोकेट कन्हैया लाल मालवीया (लुहारिया, भीलवाड़ा) – एक कमरा
- आनंद मेवाड़ा (कोटा) – सभी कमरों में पंखे
- जयसिंह चौहान (अजमेर)- एक कमरा
- जयनारायण चौकसे (भोपाल) – एक कमरा
- भगवती प्रसाद एवं इंद्रजीत मेवाड़ा (बिजयनगर)- एक कमरा
- रामस्वरूपजी, भगवती प्रसाद जी, इंद्रजीत जी मेवाड़ा (देवलिया, बिजयनगर)- एक कमरा
- जगदीश स्वरूप एवं कैलाश स्वरूप मेवाड़ा (केकड़ी)- एक कमरा
- मदनलालजी, रामेश्वरलाल जी, नोरतमल जी, सत्यनारायण जी, ओम प्रकाश जी मेवाड़ा (हिंगोनिया, केकड़ी)- एक कमरा
- श्रीमती माया सुवालका (देवली) – 51000 रुपये
- कलाल समाज कोटा – 21000 रुपये
इस दौरान एलएनसीटी समूह के संस्थापक कलचुरी रत्न श्री जयनारायण चौकसे को ‘समाज गौरव, भामाशाह सम्मान’ से नवाजा गया। श्री चौकसे ने इस अवसर पर अपने संबोधन में समाज को संगठित करने और उसमें जनचेतना का विकास करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं को शिक्षा, उद्यमिता और सिविल सर्विस जैसे क्षेत्रों में प्रवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपना स्टार्टअप चालू करने या नया बिजनेस करने वाले युवाओं को समाज के बुजुर्गों तथा सभी वर्गों को सहयोग व प्रोत्साहन देना चाहिए।
हैदराबाद से आए श्री लक्ष्मण गौड़ राव पिल्लई ने तेलंगाना राज्य में कलाल समाज की स्थिति पर चर्चा की। अजमेर में कृष्णा कोचिंग के नाम से एजुकेशनल इंस्टीट्यूट चलाने वाले श्री ललित कुमार मेवाड़ा ने इस मौके पर अपने कोचिंग संस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आने वाले समाज के बच्चों को फीस में 40 प्रतिशत की छूट देने का ऐलान किया। खास बात यह है कि श्री ललित कुमार मेवाड़ा ने कलाल समाज के विकास पर पीएचडी की है और उन्होंने 300 पेजों के अपने शोधग्रंथ की एक प्रति संस्था के अध्यक्ष सत्यनारायण मेवाड़ा को भेंट की। राजराजेश्वर सहस्रार्जुन की कथा को तीन भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी व संस्कृत) में अनुवाद करने वाले वृंदावन से आए स्वजातीय संत हरिहरदासजी महाराज ने कहा कि राष्ट्रीय चैनल पर वह प्रतिदिन इन अनुवादों के अंश का प्रसारण कराएंगे।
संस्था के प्रथम ट्रस्टी एवं अखिल भारतीय कलवार कलाल कलार महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री हरीश कलाल (बांसवाड़ा) ने अध्यक्षीय कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण करने पर श्री सत्यनारायण मेवाड़ा को तलवार भेंटकर एवं पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। आराध्य देव राजराजेश्वर श्री सहस्त्रबाहुर्जुन जी की मूर्ति अनावरण एवं भोजन महा प्रसादी के लिए 221000 का योगदान करने वाले भामाशाह विनोद कुमार मेवाड़ा सुपुत्र श्री शोभा लाल जी मेवाड़ा (थरोदा का गुलाबपुरा) व श्री महावीर मेवाड़ा (बड़ला) को भी तलवार एवं पगड़ी से सम्मानित किया।
इस अवसर पर राजस्थान कलाल समाज के वरिष्ठजन ओर युवाओं के साथ मातृशक्ति भी मौजूद रही। कार्यक्रम के मुख्य व्यवस्थाक श्री सत्यनारायण मेवाड़ा (गोठियाना) और श्री बजरंग मेवाड़ा (सह-व्यवस्थापक) ने व्यवस्थाओं को अंजाम दिया, जिसमें महासचिव राजेंद्र कुमार मेवाड़ा (गुलाबपुरा), कोषाध्यक्ष राजेश मेवाड़ा (किशनगढ़) समेत समस्त कार्यकारिणी पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने सहयोग किया। कार्यक्रम में कलाल कलवार कलार पूर्व अध्यक्ष मदन लाल जी मेवाड़ा (हरपुरा), दिलीप जी सागवाड़ा, रामस्वरूप मेवाड़ा (देवलिया), भगवती प्रसाद मेवाड़ा, इंद्रजीत मेवाड़ा (देवलिया बिजयनगर), कन्हैया मालवीया (लुहारिया भीलवाड़ा), जगदीश स्वरूप मेवाड़ा, कैलाशस्वरूप मेवाड़ा (केकड़ी), मदन लाल जी, रामेश्वर लाल जी, नोरत मल जी, सत्यनारायण जी, ओमप्रकाश मेवाड़ा (हिंगोनियाँ केकड़ी), आनंद मेवाड़ा (कोटा), बालाघाट कलाल समाज अध्यक्ष अमृत लाल धुवारे, समाज अध्यक्ष सुंदर सुवालका (भीलवाड़ा), रामस्वरूप मेवाड़ा (बिजयनगर), जिलाध्यक्ष राजेश मेवाड़ा (देवगढ़), कलाल कलवार कलार महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती माया सुवालका (देवली), अखिल भारतीय कलाल कलवार कलार महासंघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष चंद्रेश पटेल (अहमदाबाद), पत्रकार श्रीमती संतोष मेवाड़ा (जयपुर), मेवाड़ा कलाल विकास एवं सुधार समिति धुणी अजमेर टोंक भीलवाड़ा परिक्षैत्र के अध्यक्ष रामस्वरूप जी मेवाड़ा (गागेड़ा), पूर्व प्रधान हरिशंकर मेवाड़ा (पालड़ी पाली), सर्व कलाल समाज अध्यक्ष नेमीचंद मेवाड़ा (बिजयनगर), उदयपुर कलाल समाज अध्यक्ष लोकेश चौधरी, गिरिधर चौधरी, ललित सुवालका, राना जायसवाल, भैरूलाल कलाल, नरेश पूरबिया, सुंदरलाल सुवालका (भीलवाड़ा), ललित मेवाड़ा (अजमेर), माणक मेवाड़ा (पाली), बून्दी कलाल समाज अध्यक्ष मोहन लाल मेवाड़ा, भूपेश मेवाड़ा (पाली), राष्ट्रीय मेवाड़ा युवा अध्यक्ष प्रकाश शाह मेवाड़ा (सिरोही), उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी राजपाल जायसवाल (जयपुर), कपिल मेवाड़ा (शिवगंज सिरोही), राजमल मेवाड़ा (आसींद), लालचन्द मेवाड़ा (डूंगरपुर), पत्रकार गोपेश धारवाल (अलवर), केशुभाई पटेल (अहमदाबाद), भूपेश मेवाड़ा (पाली), हरि ओम मेवाड़ा (हुरडा), एडवोकेट धीरज मालवीया (बिजयनगर), समाज कवि सुशील मेवाड़ा (कोटा), बजरंग मेवाड़ा (खारी का लांबा) एवं तकरीबन 15 परगनों के अध्यक्ष व पदाधिकारी उपस्थित रहे। मंच संचालन सूर्य प्रकाश सुवालका (उदयपुर) ने किया।
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