नागपुर।
धन्य हैं वे बच्चे जो अपनी कामयाबी से कुल और समाज का नाम रोशन करते हैं, और धन्य है वह समाज जो एकजुट होकर अपने बच्चों की सफलता का जश्न मनाता है। समाज के हर बच्चे को अपना बच्चा मानकर उसकी कामयाबी का जश्न मनाना ही उस समाज की प्रगतिशीलता और एकजुटता की ‘सच्ची पहचान’ है। नागपुर के कलचुरी-बंधुओं ने बीते रोज तालियों की गड़गड़ाहट के साथ अपने मेधावी बच्चों का सम्मान कर समाज की ‘सच्ची एकता’ प्रदर्शित की।
राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की महाराष्ट्र प्रदेश इकाई, नागपुर के बैनर तले बीती 16 जुलाई को संत रविदास सांस्कृतिक सभागृह में हुए मेधावी छात्र-छात्रा समारोह में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक अंक अर्जित करने वाले 150 से अधिक बच्चों का सम्मान किया गया। हर बच्चे के नाम पर पूरा सदन बार-बार तालियों की गड़गड़ाबट से गूंज उठता। कार्यक्रम में समाज की उन प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया गया जिनकी शानदार उपलब्धियां भावी पीढ़ी को प्रेरित करती हैं।
यह आयोजन महासंघ के मुख्य राष्ट्रीय संयोजक श्री दीपक जायसवाल के मार्गदर्शन में शिक्षण समिति, वरिष्ठ समिति (मुख्य समिति), युवा समिति एवं महिला समिति के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया। समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में पधारे डा. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ, अकोला के पूर्व कुलगुरू (वीसी) श्री शरद निंबाड़कर और महासंघ के प्रेरणास्रोत एवं मुख्य संयोजक श्री दीपक जायसवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि श्री शरद निबाड़कर ने प्रतिभा सम्मान के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल करने वाली स्वजातीय प्रतिभाओं एवं शख्सियतों को शॉल, प्रतीक-चिह्न और बुके देकर सम्मानित किया। समारोह में जिन शख्सियतों का किया गया, वे निम्न प्रकार हैं
1. श्री फाल्गुन उके जो रिटायर्ड एग्रीकल्चर ऑफिसर हैं, रिटायरमेंट के बाद गायत्री शक्तिपीठ मथुरा से जुड़कर सेवाकार्यों में सक्रिय हैं। समाज के प्रति आपकी निष्ठा हमेशा सराहनीय औऱ अनुकरणीय रही है। हाल ही में आपने नागपुर में कलचुरी समाज का छात्रावास बनाने के लिए 27 लाख रुपये एकत्र किए जिसमें 7 लाख रुपये स्वयं आपने डोनेट किए हैं।
2. श्री ललित कुमार थानथराटे निवासी तुमसर लायंस क्लब और रेड क्रॉस सोसायटी के माध्यम से समाजसेवा करते रहे हैं। उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल आपको सम्मानित कर चुके हैं।
3. प्रीतम रामरतन राजाभोज निवासी भंडारा महज 18 वर्ष की आयु से रक्तदान करते आ रहे हैं और अब तक 81 बार रक्तदान कर चुके हैं। इसके लिए राज्यपाल से सम्मानित हो चुके हैं।
4. डॉ कविता राजाभोज गोंदिया की हैं, आप असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और आपको इंटरनेशनल आईसीएच अवार्ड 2023 प्राप्त हुआ है।
5. डॉ प्रवीण पंकज कलवार बीएचयू (वाराणसी) से पीएचडी हैं और वर्तमान में जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के डायरेक्टर पद पर प्रतिष्ठित हैं।
6. श्री जयप्रकाश सूर्यवंशी ‘किरण’ मध्य प्रदेश के बेतूल के वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार हैं। आपका एक काव्य संग्रह ‘किरण की यादें’ और लघुकथा संग्रह ‘किरण की संवेदना’ प्रकाशित हो चुके हैं। आपको कई मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है।
7. डॉ सुरभि राजेश शिवहरे ‘एकेडमी ऑफ साइंटिफिक एंड इनोवेटिव रिसर्च’ की शोधकर्ता (पीएचडी) हैं जो ‘ब्रेस्ट कैंसर स्टेमसेल में मोलीक्युलर मैकेनिज्म की कीमो रजिस्टेंस’ विषय पर रिसर्च कर रही हैं।
8. डॉ प्रतिभा बापूराव कावरे नागपुर में पारिवारिक वादों की प्रतिष्ठित अधिवक्ता हैं। और कानून में पीएचडी हैं।
9. कुमारी पल्लवी विजयवंशी मध्य प्रदेश के बालाघाट से हैं और इस वर्ष संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 730वीं रैंक हासिल कर एलाइड सर्विसेज में स्थान पाया है।
10. कुमारी सोनाली कोमलराव कावरे राज्य पुरस्कार से सम्मानित
11. डॉ कल्याणी कोमलराव कावरे एमबीबीएस डाक्टर
12. डॉ आकाश आनंद दियेवार एमबीबीएस डाक्टर
13. जय चंद्रशेखर तिराले जो इंटरनेशनल स्टैंड बॉल ओपन चैंपियनशिप 2023 के विजेता हैं।
14. उत्कर्ष सुभाष बिजेवार जो आल इंडिया डांस कंप्टीशन के प्रथम पुरस्कार विजेता होने के साथ नेशनल डांस ओलंपिक-नागपुर 2023 के द्वितीय पुरस्कार विजेता हैं।
15. कु. मनस्वी विनोद उजवने प्रतिभाशाली डांसर
इस दौरान महासंघ के अध्यक्ष डॉ. बीआर काकपुरे, पूर्व अध्यक्ष श्री राजन कटकवार, शिक्षा समिति प्रमुख श्री त्रिलोकीनाथ शिवहरे, महासचिव सुरेश बोरोले, महिला समिति की अध्यक्ष सौ. स्नेहा अनूप राय, युवा समिति अध्यक्ष ओमकार सूर्यवंशी, उमेश चौकसे, श्री दामोदर दियेवार एवं समाज के विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी विशेष तौर पर उपस्थित थे।
प्रतिभा सम्मान के बाद शिक्षण समिति के अध्यक्ष श्री त्रिलोकीनाथ शिवहरे ने कार्यक्रम की प्रस्तावना एवं रूपरेखा प्रस्तुत की। सौ. कांता सुरेश बोरेले ने अतिथियों का परिचय कराया। श्री दीपक जायसवाल ने बच्चों को आशीषवचन देते हुए कहा कि अनुशासन, परिश्रम और समयबद्धता ही विद्यार्थी की सफलता का मूल हैं, और ये गुण जीवन के हर मोर्चे पर उन्हें कामयाब बनाते हैं। मुख्य अतिथि श्री निंबाड़कर ने अपने उद्बोधन में एक विद्यार्थी के जीवन में सफलता और तरक्की के लिए प्रयासों की निरंतरता के महत्व को रेखांकित करते हुए इसके व्यवहारिक सूत्र दिए। कार्यक्रम में मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रतीक चिह्न, ज्ञानवर्धक पुस्तकें एवं पुष्प देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ राजेश राजकुमार पशीने ने किया। आभार प्रदर्शन संस्था के सचिव डॉ बीआर काकपुरे ने किया।
कार्यक्रम में महेन्द्र डोहारे, दिनेश सारवे, सौ. मंगला पशीने, सौ अंजली राय, भूमिका राय, संध्या काकपुरे, सीमा डगवार, सरिता बिठले, खिलेद्र बिठले, शेखर डहरवाल, रेखा राय, राजेंद्र राय, बालमुकुंद राय, अरविंद राय, अरविंद जयसवाल, महिंद्रा चौकसे, गिरधर राय, नितिन चौकसे, रौनक पशीने, अजय मोहबे, देवेंद्र खराटे, निकिता तुराते आदि ने सहयोग किया.
इन संगठनों का भी रहा सहयोग
जायसवाल संगठन, अखिल भारतीय क्षत्रिय मराठा कलार संगठन, झरिया कलार संगठन, डहरवाल कलार संगठन, कोसरे कलार संगठन, गौड़ कलार संगठन, राय चौकसे संगठन, जैनकलार संगठन, डडसेना सिन्हा कलार संगठन, साव कलार संगठन, तेलुगु कलार संगठन, सूर्यवंशी कलार संगठन, शिवहरे कलार संगठन समेत सभी कलार संगठनों का सहयोग रहा।
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