सोरों (कासगंज)।
पवित्र नगरी सोरों में शिवहरे समाज के गंगा तीर्थ पुरोहित पं. संतोष तिवारी असुरक्षा के अंदेशे में हैं। लगभग तीन महीने पहले आपराधिक प्रवृत्ति के किशोरों ने उनके 13 वर्ष के पुत्र पर जानलेवा हमला कर दिया था। हालांकि हमले के पांचों आरोपी आगरा की बच्चा जेल में हैं, मगर पं. संतोष तिवारी अपराधियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई चाहते हैं। उन्हें आशंका है कि यदि आरोपी छूट गए, तो उनके परिवार पर फिर हमला कर सकते हैं। इस मामले में संतोष तिवारी ने विधायक (एमएलसी) विजय शिवहरे से सहायता की गुहार लगाई, जिस पर विजय शिवहरे ने कासगंज के भाजपा जिलाध्यक्ष केपी सिंह से बात की है। केपी सिंह ने पंडितजी को पूरी सहायता का आश्वासन दिया है।
बता दें कि रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली सोरों सुकर क्षेत्र को भगवान विष्णु के तीसरे अवतार ‘वराह’ का निर्वाण स्थान माना जाता है। सोरों सुकर क्षेत्र में कुंड (हरिपदी गंगा या हर की पौड़ी) वही स्थान है, जहां से भगवान वराह ने बैकुंठ लोक की ओर प्रस्थान किया था और तब से मृत्यु के बाद राख को इस कुंड में विसर्जित किया जाता है। अन्य हिंदुओं की तरह ही, कलचुरी परिवारों के लोग भी अपने किसी परिवारीजन की मृत्यु के बाद उसके अस्थि विसर्जन औऱ पिंडदान के लिए यहां आते हैं। पंडित श्री संतोष तिवारी शिवहरे परिवारों के तीर्थ पुरोहित हैं। वह पं. उपेंद्र तिवारी जी के पुत्र हैं। शिवहरे परिवारों की जन्म-मृत्यु का पीढ़ियों का लेखा-जोखा इनके पास सुरक्षित रहता है।
सोरों नगरी के चक्रतीर्थ मोहल्ला निवासी पं. संतोष तिवारी का छोटा बेटा 13 वर्षीय पुत्र मानव तिवारी कसबे के ही गोस्वामी तुलसीदास इंटर कालेज में आठवीं कक्षा का छात्र है। बीती 15 अक्टूबर को शारदीय नवरात्र के पहले दिन मानव तिवारी घर के पास रामलीला देखने गया था। वहां कश्यप समाज के आपराधिक प्रवृत्ति के पांच किशोरों ने उसका अपहरण करने का प्रयास किया, वे रामलीला के बीच भीड़ में से मानव को खींचकर अलग ले गए, और उसे जबरन उठा ले जाने का प्रयास किया। मावन ने प्रतिरोध करते हुए शोर मचा दिया। इस पर आरोपियों ने धारदार हथियार से मानव के चेहरे पर कनपटी के पास जानलेवा वार कर दिए। मानव बुरी तरह लहुलुहान हो गया। बच्चे की चीख सुनकर पास तैनात पुलिस मौके पर पहुंची और तीन आरोपियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो अन्य आरोपी हथियार के साथ भाग निकले। मानव को गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे अलीगढ़ रैफर कर दिया। करीब डेढ़ महीने की सघन चिकित्सा के बाद मानव अब कुछ ठीक हो पाया है। इस बीच फरार दो आरोपियों ने भी पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। पांचों आरोपी संजय, राजीव, अनमोल, रंजीत और लखन वर्तमान में आगरा के किशोर कारागार में हैं।


पंडित संतोष तिवारी का कहना है कि उनके बेटे पर सोची-समझी साजिश के तहत बदले की भावना से यह हमला किया गया है। उन्होंने बताया कि पांचों आरोपी कश्यप समाज से हैं जो मछली पकड़ने का काम करते हैं। ये मछुआरे कई बार रात के अंधेरे में हरिपदी गंगा कुंड में जाल डाल देते थे, इन्हें रोकने के लिए ब्राह्मण समुदाय के लोग बारी-बारी से रात को पहरा देते हैं। इसके चलते कई बार अवैध रूप से जाल डालने वाले मछुआरों को पक़ड़ा जा चुका है। उन्होंने संदेह जताया कि इसी के चलते उनके बेटे को हमले का शिकार बनाया गया, यदि आरोपियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो इन अपराधियों के हौसले बुलंद हो जाएंगे और वे फिर उनके परिवार को निशाना बना सकते हैं।
इस संबंध में उन्होंने विधायक विजय शिवहरे से बात कर बेटे को न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। श्री विजय शिवहरे ने तत्काल कासगंज के भाजपा जिलाध्यक्ष केपी सिंह से बात की। कल पंडित संतोष तिवारी ने केपी सिंह से मुलाकात की है। श्री संतोष तिवारी ने इस मामले में आला पुलिस अधिकारियों से बात करने का भरोसा पंडितजी को दिया है।


Leave feedback about this