बूंदी।
राजस्थान में बूंदी जिले की तहसील हिंडोली के अजय कुमार सुवालका ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की सीजीएल परीक्षा में शानदार कामयाबी हासिल की है। बीते दिनों घोषित परीक्षा के अंतिम परिणाम में उनका चयन सांख्यिकी मंत्रालय में कनिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी (समूह ख) के प्रतिष्ठित पद पर हो गया है।
हिंडोली के एक साधारण किसान श्री छित्तरलाल सुवालका एवं श्रीमती मंजू सुवालका के पुत्र अजय कुमार सुवालका कहते हैं कि लक्ष्य के प्रति प्रयास की निरंतरता ही उनकी सफलता का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि आजकल प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रक्रिया में काफी वक्त लग रहा है, ऐसे में कई युवा हताश होकर दूसरे काम की तलाश में लग जाते हैं। सुवालका ने बताया कि उन्होंने पहले 2017 में एसएससी की परीक्षा दी, सफलता नहीं मिली तो 2018 में फिर परीक्षा दी और इस बार कामयाबी मिल ही गई। अजय कुमार सुवालका अपने कजिन अनिल सुवालका के प्रति आभार जताना नही भूलते जिनके मार्गदर्शन और सहयोग की उनकी सफलता में निर्णायक भूमिका रही है।
28 वर्षीय अजय कुमार सुवालका ने शिवहरेवाणी को बताया कि उनके परिवार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं थी, ऐसे में 2015 में बीटेक (सिविल) करने के तत्काल बाद उन्होंने प्राइवेट नौकरी पकड़ ली। तब उनके मौसेरे भाई अनिल कुमार जायसवाल ने उन्हें समझाया कि प्राइवेट नौकरी तो कभी भी मिल जाएगी, कुछ समय एकचित्त होकर सरकारी नौकरी की तैयारी करे। इसके लिए उन्होंने अजय को दिल्ली में अपने पास ही बुला लिया जहां रहकर उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। अजय ने दिल्ली में रहकर ही 2017 में एसएससी की परीक्षा दी जिसमें सफलता नहीं मिली। इसके बाद 2018 में भी परीक्षा दी जिसका परिणाम अब घोषित हुआ है जिसमें उनकी चयन कनिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी के पद पर हुआ है। इससे पहले, 2019 में अजय का चयन चयन जयपुर विद्युत वितरण निगम, राजस्थान में जूनियर असिस्टेंट के पद पर हो गया और फिलहाल यही जॉब कर रहे थे।
अजय कुमार अपनी सफलता का श्रेय परिवार को देते हैं। कहते हैं, तमाम आर्थिक दुश्वारियों के बावजूद उनके माता-पिता ने उन्हें और उनके भाई-बहनों को कभी पढ़ाई से विचलित नहीं होने दिया। बच्चों को पढ़ा-लिखाकर बेहतर जीवन की ओर अग्रसर करने का सपना ही उनकी प्रेरणा बन गया। अजय का छोटा भाई विजय सुवालका बीएसटीसी कर चुका है जो राजस्थान का टीचर्स ट्रेनिंग पाठ्यक्रम है जिसके बाद अभ्यर्थी आरईईटी की परीक्षा के माध्यम से टीचर बन जाते हैं। वहीं छोटी बहन ज्योति सुवालका सीए कर रही है।
अजय कुमार सुवालका को सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी करना पसंद हैं। वह कोटा में पढ़ाई में दौरान छह बार रक्तदान कर चुके हैं। इसके अलावा वह विकलांगों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा आयोजित कम्युनिटी ट्रेनिंग कैंप में भी भागीदारी कर चुके हैं।
शिक्षा/करियर
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, कहानी अजय सुवालका के सांख्यिकीय अधिकारी बनने की
- by admin
- April 7, 2021
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- 4 years ago
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