November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
वुमन पॉवर समाचार

शिवहरे समाज की दो बहनें कर रही हैं ऐसा काम कि आप भी उनसे कहेंगे ‘शुक्रिया’

आगरा।
मासूम बच्चों के साथ दुष्कर्म की रूह कंपा देने वाली घटनाएं आए दिन सामने आती हैं। ज्यादातर मामलों में यौन शोषण करने वाला व्यक्ति परिवार का कोई नजदीकी ही होता है, जिसके झांसे में बच्चे/बच्चियां आसानी से आ जाते हैं। एक अध्ययन में यह सामने आया है कि बच्चे/बच्चियों के यौन शोषण की शुरूआत कहीं न कहीं ‘बेड टच’ से होती है जिसे मासूम समझ नहीं पाते हैं। मासूमों को ‘गुड टच’ और ‘बेड टच’ के अंतर को ठीक से समझाया जाए, तो ऐसी वारदातें रुक सकती हैं। शिवहरे समाज की दो बहनें श्रीमती कविता गुप्ता और श्रीमती कंचन गुप्ता पिछले दो वर्षों से इस अभियान में जुटी हुई हैं।

ये हैं ग्वालियर निवासी श्री राम आसरे शिवहरे एवं श्रीमती स्नेहलता शिवहरे की आगरा में ब्याहीं दो बेटियां श्रीमती कविता गुप्ता पत्नी श्री रवि गुप्ता (ए टु जेड इंटीरियर प्रोडक्ट्स) एवं श्रीमती कंचन गुप्ता पत्नी श्री निरंजन गुप्ता। दोनों बहनें झांसी की सामाजिक संस्था ‘नव प्रभात’ के महिला प्रकोष्ठ ‘कृति’ से जुड़कर मासूम बच्चों खासकर बच्चियों को ‘गुड टच-बेड टच’ के बारे में समझाने के साथ ही आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दिलवाने का काम भी कर रही हैं। ग्वालियर से स्नातक श्रीमती कविता गुप्ता इस संस्था द्वारा संचालित महिला हेल्पलाइन समूह ‘वैदना-एक दर्द’ की आगरा अध्यक्ष हैं और उनके नेतृत्व में संस्था ने विगत दो वर्षों में आगरा में 25 से अधिक महिला विद्यालयों में अपने ट्रेनिंग कैंप आयोजित किए हैं। यह तब है जबकि मार्च 2020 में कोरोना के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से किसी ट्रेनिंग कैंप का आयोजन नहीं किया जा सका है। 

श्रीमती कविता गुप्ता ने अपने महिला हेल्पलाइन समूह  ‘वैदना-एक दर्द’ को आगरा में वार्ड स्तर तक विस्तारित करने की पहल की है और इसके लिए महिलाओं से आवेदन करने की अपील भी की है। इसके लिए वे उनके मोबाइल 8126239558 पर संपर्क करती हैं। श्रीमती कविता गुप्ता ने शिवहरेवाणी से बातचीत में कहा कि हर महिला एक जिम्मेदार अभिभावक होती है, और इस नाते उसका कर्तव्य बनता है कि वह अपने पेशेवर या पारिवारिक दायित्वों से कुछ समय निकाल कर बच्चे-बच्चियों की सुरक्षा के इस अभियान का हिस्सा बनकर उसे मजबूती प्रदान करे। श्रीमती कविता गुप्ता स्वयं भी एक युवा पुत्र और पुत्री की मां हैं और इसके बावजूद इस अभियान के लिए अपने पारिवारिक दायित्वों के व्यस्त शेड्यूल से समय निकाल ही लेती हैं। वह अपने ससुर श्री हरीशचंद्र गुप्ता एवं सास श्रीमती राधा गुप्ता का आभार व्यक्त करना भी नहीं भूलतीं, जिनके सहयोग और प्रेरणा के बिना यह संभव नहीं हो पाता। वहीं ग्वालियर बीकॉम, बीएड शिक्षित श्रीमती कंचन गुप्ता भी इस पुनीत कार्य में बड़ी बहन का कंधे से कंधा मिलाकर साथ देती हैं। उन्हें भी फख्र है कि इस कार्य में उनके ससुर श्री सुरेंद्र कुमार गुप्ता और सास श्रीमती सुशीला गुप्ता का पूरा समर्थन मिलता है। 

श्रीमती कविता गुप्ता ने बताया कि वे आगरा में होली पब्लिक जूनियर स्कूल, होली पब्लिक प्राइमरी स्कूल, रतन मुनि इंटर कॉलेज, सेंट जॉर्ज कॉलेज यूनिट सेकंड, सरस्वती विद्या मंदिर, राधा बल्लभ पब्लिक स्कूल दयालबाग, सनफ्लावर पब्लिक स्कूल, एसपी पब्लिक स्कूल दयालबाग,  एस एस कान्वेंट स्कूल कमला नगर,  विकलांग समेकित पुनर्वास संस्थान,  जॉन इब्राहिम स्कूल मदिया कटरा, चंद्रावती बालिका विद्यालय न्यू आगरा, देशदीपक इंटर कालेज समेत 25 से अधिक स्कूलों में बच्चों के लिए ट्रेनिंग कैंप और कार्यशाला का आयोजन कर चुकी हैं। 

यही नहीं, श्रीमती कविता गुप्ती झांसी, ग्वालियर, मुरैना समेत कई शहरों में संस्था की ओर से आयोजित होने वाले ऐसे कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेती रही हैं। उन्होंने बताया कि वह “कृति” की महिला हेल्पलाइन से फेसबुक के माध्यम से जुड़ी थी। संस्था मासूम बच्चियों को गुड टच-बेड टच के अंतर को समझाने, महिला शक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही उनके अधिकारों के प्रति सजग व सतर्क करने का कार्य वर्षो से कर रही है। उनका मानना है कि हम जिस समाज में रहते हैं, उसमें बेहतर सामाजिक वातावरण का निर्माण करना हमारी बड़ी जिम्मेदारी है, और इसी प्रेरणा से वह इस अभियान में शामिल हुई हैं। 

श्रीमती कविता गुप्ता ने बताया कि कार्यशाला में बच्चों को आयु और क्लास के हिसाब से अलग-अलग समूहों बांटकर शिक्षाप्रद लघु कहानियों,  खिलौनों,  गुड़िया के माध्यम से गुड़ टच और बेड टच के बारे में बताया जाता है।  घर के अंदर और घर के बाहर के वहशी दरिंदों द्वारा  छेड़छाड़, अभद्रता, अशिष्टता से लेकर अपराधी की मंशा को भांपने और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाती है। मसलन ऐसी स्थिति में बच्चे-बच्चियां आत्मरक्षा में ज्वलनशील स्प्रे, मिर्ची पाउडर साथ रखें, पुलिस हेल्पलाइन -100 नंबर या चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 का उपयोग करने जैसी उपयोगी बातें भी बताई जाती हैं। 

बड़े दुःख और खेद का विषय है कि हम अपने भारत को विश्वगुरू बनाने की बात करते हैं, जबकि हमारे बच्चे ही असुरक्षित हैं। एक पेरेंट के तौर पर बच्चों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। इसके लिए कुछ समय जरूर निकालें, इस मिशन में भागीदार बनें…और, यदि ऐसा संभव नहीं है तो दिल से एक थैंक्यू तो बोल ही दें कविता गुप्ता और कंचन गुप्ता के लिए।
 

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video