August 3, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

एक विवाह ऐसा भीः शादी के बाद 101 पौधों का दहेज देकर विदा की बिटिया; मेहमानों को भी रिटर्न गिफ्ट में दिए पौधे

कोरबा। 
छत्तीसगढ़ में कोरबा जिले के दीपका कस्बे में एक खास शादी हुई। खास इसलिए, कि मायका पक्ष ने शादी के बाद विदाई के दौरान बेटी को 101  पौधे दिए और दूल्हे से जिंदगी भर उन पौधों की रक्षा करने का वचन भी लिया गया। शादी में मेहमानों को रिटर्न गिफ्ट में भी पौधे दिए गए। 
दीपका निवासी श्री चंद्रभूषण महतो एवं श्रीमती भुवनेश्वरी महतो जी के पुत्री निशा का विवाह बालको निवासी श्री भागवत जायसवाल एवं श्रीमती अनिता जायसवाल के सुपुत्र स्वतंत्र जायसवाल से साथ बीती 2 दिसंबर को हुआ। विवाह में बिटिया को अन्य सामग्रियों के साथ उसके बड़े भाई प्रशांत महतो ने दहेज में 101 पौधे दिए गए जिसमें विभिन्न फलदार, छायादार पौधे शामिल है। 
प्रशांत महतो ने शिवहरेवाणी को बताया कि पौधों से बड़ा और कोई दहेज नहीं हो सकता। सारे सामान पुराने होने के साथ खराब हो जाएंगे, ये पौधे ही हैं जो हर दिन के साथ बड़े होंगे। इनसे ही ताजी हवा मिलेगी। पौधे जिंदगी के सबसे अहम हिस्सा हैं ऐसे में दहेज में पौधों का स्थान जरुरी है। उनका मानना है कि अगर हर शादी में यह पंरपरा शुरु होती है तो पौधे लगेंगे भी और बचेंगे भी।

बता दें कि प्रशांत महतो चरामेति फाउंडेशन के माध्यम से मानवता के लिए विभिन्न सेवाओं का संचालन करते है जिसमें से वृक्ष सेवा विश्व सेवा अभियान सबसे बड़ा प्रकल्प है। प्रशांत महतो ने 27 अप्रेल 2018 को बहन मनीषा महतो के विवाह कार्यक्रम में उपहार में पौधे देने की परंपरा की शुरुआत की थी और विवाह में आये मेहमानों को रिटर्न गिफ्ट में भी फलदार और औषधीय पौधे दिए गए। इसके बाद 2020 में उन्होंने अपने चाचा श्री महेन्द्र कुमार महतो की बेटी नम्रता महतो की शादी में भी नवदंपति को 35 पौधे दिए थे। नम्रता महतो और उनके पति अविनाश जायसवाल आज भी इन पौधों की देखभाल कर रहे हैं। 
प्रशांत महतो और उनका चरामेति फाउंडेशन अब तक 172 से ज्यादा वैवाहिक समारोह में पौधों को भेंट कर चुके हैं। खास बात यह है कि प्रशांत ने अपने विवाह के इनविटेशन कार्ड में मेहमानों से गिफ्ट के बजाय किताबें देने का अनुरोध किया था। अपनी शादी में उन्हें सैकड़ो किताबें गिफ्ट में मिलीं, जिन्हें उन्होंने जरूरतमंद बच्चों को बांट दी। 
प्रशांत महतो ने इस अभियान की शुरूआत 10 नवंबर 2017 को की थी। हसदेव नदी के पावन तट ग्राम तरदा में 1 लाख वृक्षारोपण करने का लक्ष्य रखा है जिसमे से प्रथम दो चरणों मे 3000 वृक्ष रोपित किये गए है विगत वर्ष के 1700 पौधे संरक्षित है और इसके संरक्षण के लिए 2 कार्यकर्ता रखे गए जो उसके खाद पानी आदि की व्यवस्था करते है।
 

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