November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

यूपी चुनावः सिरसागंज से सोनी शिवहरे हो सकते हैं भाजपा के लिए तुरुप का पत्ता; नगर से देहात तक चर्चा में सबसे आगे

सिरसागंज। 
फिरोजाबाद जिले के सिरसागंज विधानभा क्षेत्र से भाजपा इस बार किसे लड़ाने जा रही है, इस सवाल पर कोई बहुत ज्यादा अटकलें नहीं हैं। क्षेत्र के आम मतदाता तो मानकर चल रहे हैं कि सिरसागंज नगर पालिका के चेयरमैन संत कुमार सोनी शिवहरे ही भाजपा के उम्मीदवार होंगे। उनकी दलील है कि 2017 में भाजपा उम्मीदवार जयवीर सिंह अनुकूल स्थितियों में भी चुनाव हार गए थे। तब फिरोजाबाद जिले की पांच विधानसभा सीटों में एकमात्र सिरसागंज ही ऐसी सीट रही जो भाजपा के खाते में नहीं जा सकी। इस बार स्थितियां उतनी अनुकूल भी नहीं है, ऐसे में सोनी शिवहरे जैसा युवा और लोकप्रिय नेता ही यहां भाजपा की नैया पार लगा सकता है। सिरसागंज में 20 फरवरी को मतदान होगा।
सिरसागंज नगर पालिका चेयरमैन के तौर पर सोनी शिवहरे ने एक सेवाभावी जनप्रतिनिधि की अपनी छवि को लगातार मजबूत किया है। सिरसागंज नगरपालिका की हद से बाहर ग्रामीण इलाकों में भी उनकी शानदार पकड़ है। पूरे कोरोना काल में उन्होंने गांवों में घूम-घूमकर लोगों की सहायता की। अपनी टीमों के माध्यम से कई जगह भंडारे चलवाए, खाद्य सामग्री बंटवाई। लोगों को जरूरत की चीज मुहैया कराईं, और यह क्रम कई महीनों चला। यही वजह रही कि, बीते दिनों उन्होंने सिरसागंज में भागवत कथा का आयोजन किया तो उसके समापन पर हुए भंडारे में करीब सवा लाख लोगों ने शिरकत की, जिनमें सिरसागंज के नागरिकों के अलावा बड़ी संख्या उन ग्रामीणों की थी जो दूरदराज के गांवों से लंबा रास्ता तय कर सिर्फ इसलिए आए कि सोनी शिवहरे ने बुलाया है। 

बता दें कि सिरसागंज विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। 2012 में यहां पहली दफा विधानसभा चुनाव हुआ जिसमें सपा के हरिओम यादव ने बसपा के अतुल प्रताप सिंह को हराया। हरिओम यादव को 85517 वोट मिले थे। वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में हरिओम यादव ने भाजपा के जयवीर सिंह को लगभग 11000 वोटों से हराया था। इस चुनाव में हरिओम यादव को 90281 वोट मिले थे, जबकि जयवीर सिंह 79 वोट ही पा सके थे। 
सिरसागंज में हर जाति-वर्ग का मतदाता है। यहां ठाकुर, यादव और वैश्य मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। यादव के अलावा अन्य ओबीसी जातियां भी है। इस तरह जातियों का गणित भी सोनी शिवहरे के पक्ष में है। ओबीसी वैश्य होने के चलते वैश्य समेत उच्च जातियों (जो कि भाजपा का परंपरागत वोट है) के साथ गैर यादव ओबीसी वोटों को आसानी से भाजपा के पक्ष में ला सकते हैं। जबकि, हर जाति और वर्ग में उनका व्यक्तिगत प्रभाव है जो उनकी जीत की संभावनाओं को पुख्ता करता है।
फिरोजाबाद भाजपा के एक प्रमुख नेता ने बताया कि पिछले पांच सालों में सोनी शिवहरे जिस तरह क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं, और सेवा के माध्यम से जनता के साथ जुड़ाव स्थापित किया है, वह एक अच्छी राजनीति का उदाहरण है।  जमीन से जुड़े इस विनम्र और सौम्य युवा नेता को क्षेत्र की जनता विधायक बनते देखना चाहती है यदि पार्टी उन्हें टिकट देती है तो  इस बार यह सीट भाजपा के खाते में जा सकती है। 

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