November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

उपवर्ग कोई भी हो मगर जाति केवल कलवार, कलाल, कलार और समाज कलचुरी; सिलिगुड़ी में अंतरराष्ट्रीय एकता महाकुंभ में बनी सहमति

सिलीगुड़ी (प.बंगाल)।
अंतरराष्ट्रीय कलवार, कलार, कलाल एकता महाकुंभ में पूरे समाज को एकसूत्र में बांधने के लिए सहमति बनी है कि कलवार, कलार, कलाल ही हमारी जाति है लेकिन, समाज के तौर पर हमारी पहचान कलचुरी होनी चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने मंच से कहा कि हम सभी को जनगणना प्रपत्र पर अपनी जाति के तौर पर कलवार, कलार, कलाल में से उस नाम को लिखवाना है जिस नाम से हमारे राज्य में हमारे लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू है। जैसे पश्चिम बंगाल में केवल कलवार जाति के नाम से आरक्षण है, तो वहां के समाजबंधुओं को जनगणना प्रपत्र में जाति के कॉलम में केवल कलवार ही लिखना है, यदि कलार या कलाल लिख दिया तो वह आरक्षण से वंचित हो सकता है।

दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे एवं अंतिम दिन के पहले सत्र में गत दिन हुई चर्चा का निष्कर्ष यही दिया गया है। साथ ही समाज का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाए जाने की जरूरत भी जताई गई। राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की संयोजिका श्रीमती अर्चना जायसवाल ने अपने संबोधन में आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में समाज के ऐसे और भी अधिवेशन होंगे जो हमारी  एकता को और मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपनी एकजुटता दिखाएं, क्योंकि एकता मे ही शक्ति निहित होती है। इसीलिए जाति के तौर पर हम कलवार, कलार, कलाल शब्द में से ही एक कोई एक शब्द चुनें। ऐसा शब्द चुनें जिससे ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समाज को एकसूत्र में पिरोने का था और खुशी है कि यह काफी हद तक सफल रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यहां लिए गए  निर्णयों का सभी समाजबंधु अनुपालन करेंगे क्योंकि यह उनके और संपूर्ण समाज के हित में  हैं। मध्य प्रदेश कलचुरी एकता महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष किशोर राय ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि हमारा समाज विविधतापूर्ण समाज है, और अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग रूप में इसे जाना जाता है। इसीलिए, इनकी वह पहचान कायम रहनी चाहिए। इससे पूर्व बाहर से आए अतिथियों को बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के हाथों से स्मृति-चिह्न प्रदान कराया गया। 

दूसरे सत्र में वयोवृद्ध समाजसेवी श्री बसंतलाल साव ने समाज की स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि समाजहित में कोई भी निर्णय बहुत सोच-समझ और आपस में चर्चा करके ही लिया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती अंजु चौधरी ने समाज में महिलाओं की स्थिति पर चर्चा करते हुए कि समाज में महिलाओं की स्थिति ही उस समाज के विकास को परिभाषित करती है। महिलाओं की जिम्मेदारी है कि अपने बच्चों को अच्छे संस्कारों से पोषित करें, ताकि समाज को एक बेहतर भविष्य प्राप्त हो। कार्यक्रम को कोलकाता से आए कृष्ण भगत, गौतम भगत (दिल्ली). राजश्री प्रसाद (दिल्ली)  एवं अन्य अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए। महामंडलेश्वर संत श्री श्री 1008 स्वामी संतोषानंद महाराज ने अपने आशीषवचन में बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद का आभार व्यक्त किया कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी के बावजूद उन्होंने सम्मेलन में दो दिन का समय दिया। अंत में कार्यक्रम संयोजक विपिन बिहारी गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया।
 

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