इंदौर/तेंदुखेड़ा (नरसिंहपुर)
महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. श्री रामचंद्र राय के पुत्र श्री किशोर राय को ‘स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी संयुक्त संगठन’ का प्रदेश सचिव बनाया गया है। संगठन के प्रदेश महासचिव अशोक सिंधु ने इंदौर में किशोर राय को नियुक्ति-पत्र सौंपा। किशोर राय ने संगठन का आभार व्यक्त करते हुए पूरी जिम्मेदारी औऱ सक्रियता के साथ दायित्व निभाने का वचन दिया।

बता दें कि तेंदुखेड़ा (नरसिंहपुर) निवासी श्री किशोर राय एक जाने-माने समाजसेवी हैं और राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ के प्रदेश (एमपी) कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। महासंघ की राष्ट्रीय संयोजिका श्रीमती अर्चना जायसवाल की अनुशंसा पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अजय सीतलानी ने उन्हें यह जिम्मेदारी दी है। किशोर राय के पिता स्व. श्री रामचंद्र राय तेंदुखेड़ा के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थी जिन्होंने आजादी के संघर्ष में तो भाग लिया ही, देश की आजादी के बाद समाज को कुरीतियों से ‘आजाद’ कराने में भी महत्वपूर्ण संघर्ष किया था। उन्हीं के प्रयासों का नतीजा है कि नरसिंहपुर और आसपास के इलाकों में कई समाजों ने मृत्युभोज बंद कर रखा है। वर्ष 1922 में जन्मे श्री रामचंद्र राय महज 15 वर्ष का आयु में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए थे। किशोरावस्था में लालकुर्ती सेना में शामिल होकर स्वतंत्रता सेनानियों तक आंदोलन से जुड़ी गोपनीय सूचनाओं एवं समाचारों को पहुंचाने का कार्य किया। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय हुए और देश के आजाद होने तक संघर्षरत रहे। इस दौरान वह दो बार जेल भी गए।

15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के बाद रामचंद्रजी राय ने सामाजिक आजादी को अपना लक्ष्य बनाया और समाज को कुरीतियों खासकर मत्युभोज जैसी कुप्रथा से मुक्त कराने का बीड़ा उठाया। यहां तक कि उन्होंने अपने बेटों को भी सख्त ताकीद कर रखी थी कि उनका मृत्युभोज नहीं कराया जाए, चाहे कोई कुछ भी कहे। 25 जून 2003 को श्री रामचंद्र राय का देहावसान हुआ तो बेटो ने पिता को दिए वचन का अक्षरशः पालन किया। आज स्थिति यह है कि तेंदुखेड़ा में कलचुरी समाज के साथ कई समाजों जैन,अग्रवाल, गुप्ता गहोई; ने भी मृतक भोज बंद कर दिया है जो अपने आपमें एक मिसाल है।

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