हर साल की तरह इस बार भी लोकप्रिय विधायक (एमएलसी) विजय शिवहरे के जन्मदिन का जश्न एक दिन पहले से शुरू हो गया। 11 जुलाई की शाम को विजय शिवहरे ने अपने जन्मदिन के कार्यक्रमों में शिरकत की। और, रात को घड़ी की दोनों सुइयां जैसे ही 12 पर चढ़ीं, नार्थ ईदगाह कालोनी में विजय शिवहरे के निवास के बाहर सैकड़ों युवा कार्यकर्ताओं का धूम-धड़ाका शुरू हो गया। कार्यकर्ताओं के बीच उन्हें फूल-माला और दुशाला ओढ़ाने की होड़ लगी थी। रात करीब एक बजे शिवहरे के काफी कहने-सुनने के बाद कार्यकर्ता लौटे।
शनिवार (12 जुलाई) को सुबह से ही शहर भर में कर जगह विजय शिवहरे के जन्मदिन कार्यक्रमों का शुरू हो जाएगा जो देर रात तक जारी रहेगा। विजय शिवहरे फैंस क्लब के युवाओं ने भी नीतेश शिवहरे के अगुवाई में कई प्रोग्राम रखे हैं। इनमें वाटरवर्क्स स्थित गौशाला में गऊमाता को छप्पन-भोग, जालमा में मानवसेवा और शाम को लंगड़े की चौकी स्थित हनुमान मंदिर में छप्पन भोग का आयोजन प्रमुख है। इसके अलावा दो रक्तदान शिविर भी होंगे जिनमें एक शिविर फतेहाबाद रोड पर भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से और दूसरा रक्तदान शिविर गोकुलपुरा में कसेरा समाज द्वारा लगाया जा रहा है। विजय शिवहरे के निवास पर भी हजारों कार्यकर्ताओं का पहुंचना तय है।
यह कोई पहली बार नहीं है जब विजय शिवहरे के समर्थक कार्यकर्ता उनके जन्मदिन को एक बड़े इवेंट के रूप में सेलिब्रेट कर रहे हैं। हर साल उनका जन्मदिन इसी तरह मनाया जाता है। यह लोकप्रियता का वह मुकाम है, जिस पर उनके कद के किसी भी अन्य नेता को उनसे रश्क हो सकता है। क्या हैं विजय शिवहरे! एक विधायक ही हो हैं, वो भी विधान परिषद के सदस्य जिसका निर्वाचन सीधे जनता द्वारा नहीं होता। आगरा जिले में नौ विधायक (एमएलए) है जिन्हें सीधे जनता चुनती है, दो सांसद हैं लेकिन इनमें से किसी के जन्मदिन पर कार्यकर्ताओं के बीच ऐसा जोश नजर नहीं आता। लोकप्रियता के मामले में विजय शिवहरे आगरा के नंबर-1 नेता लगते हैं।
विजय शिवहरे 1990 से आगरा के राजनीति में सक्रिय हैं। इन साढ़े तीन दशकों में कितने ही नेता आए, चढ़े और अस्त भी हो गए, लेकिन विजय शिवहरे का ग्राफ आज भी मंथर गति से बढ़ ही रहा है। विजय शिवहरे का राजनीतिक सफर छात्र-जीवन से शुरू हुआ। वह एबीवीपी में विभिन्न पदों पर रहे, भाजयुमो के महानगर सचिव और महानगर अध्यक्ष बने, फिर भाजपा के महानगर अध्यक्ष के रूप में उनका एक बेहद सफल कार्यकाल भी शहर के लोगों ने देखा। अब वह पार्टी के प्रदेश मंत्री हैं। विजय शिवहरे की राजनीति की एक खास शैली है जो युवा कार्यकर्ताओं को बहुत लुभाती है। आत्मविश्वास से लबरेज गरजती गूंजती आवाज और प्रभावशाली वक्तव्य शैली के साथ ही उनकी ऊर्जा जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को प्रभावित करती रही है, वहीं उनकी सह्रदयता और हमदर्दी कार्यकर्ताओं के दिलों में उतरती है। यही वजह है कि कार्यकर्ता उनके साथ व्यक्तिगत जुड़ाव महसूस करने लगते है। आज भाजपा के ज्यादातर युवा कार्यकर्ता विजय शिवहरे को अपना राजनीतिक गार्जियन मानते हैं, तो निश्चय ही इसमें कहीं न कहीं तारीफ विजय शिवहरे की भी है। वह अपने एक-एक कार्यकर्ता को उसके नाम से पहचानते हैं, उसके परिवार को जानते हैं, सुख-दुख में उसके यहां पहुंचते हैं, उसे डांटते डपटते भी हैं। जमीन से जुड़े नेता की यही पहचान होती है।
अपने शिवहरे समाज की बात करें तो यह अतिश्योक्ति नहीं है कि विजय शिवहरे ने आगरा में अपने समाज की पहचान और प्रतिष्ठा में बढ़ाया हैं। विजय शिवहरे ने कभी अपने समाज से यह नहीं चाहा कि वह एकजुट होकर उनका साथ दे या उनके लिए लामबंद हो जाए, लेकिन अपनी क्षमता में समाज के काम आने में वह कभी पीछे नहीं रहे, समाज की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर शिरकत करते हैं। विजय शिवहरे जब भाजपा महानगर अध्यक्ष बने थे, और फिर जब एमएलसी निर्वाचित हुए, तो दोनों ही मौकों पर शिवहरे समाज के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। एक नेता और उसके समाज के बीच संबंध की यही आदर्श स्थिति होनी चाहिए। आगरा के शिवहरे समाज ने जिसकी मिसाल है।
देशभऱ के सजातीय (कलचुरी) समाज को आगरा से प्रेरणा लेनी चाहिए और सजातीय नेताओं व सजातीय लोगों के बीच सहयोग का ऐसा सिलसिला बनाने का प्रयास करना चाहिए। किसी विचारशील और प्रगतिशील समाज से यह उम्मीद कभी नहीं की जानी चाहिए कि वह किसी पार्टी के पक्ष में एकजुट हो या किसी पार्टी को एकजुट होकर वोट दे, न ही ऐसा करने के लिए कहना चाहिए। समाज की ताकत दिखाकर पार्टियों से टिकट मांगना भी उचित नहीं है। इस तरह की संकीर्णता अपने ही नेता का दायरा सीमित कर सकती है, उसकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके बरक्स, सजातीय नेताओं और निर्वाचित सजातीय जनप्रतिनिधियों से मजबूत अपील की जानी चाहिए कि वे अपने समाज के हित में काम करें, अपनी स्थिति और क्षमता का समाज को यथासंभव लाभ पहुंचाएं। समाज के लोगों को भी सजातीय नेताओं की प्रगति पर गर्व करना चाहिए।
मैं श्री विजय शिवहरे को जन्मदिन की बधाई देता हूं, और शिवहरेवाणी को दिए उनके सहयोग व समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए उनकी दीर्घायु की कामना करता हूं।
सोम साहू
शख्सियत
समाचार
जन्मदिन विशेषः आसान नहीं होता विजय शिवहरे होना
- by admin
- July 11, 2025
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- 2 weeks ago


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