October 7, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

महेश्वर में लगेगी सहस्रबाहु प्रतिमा; कई वर्षों से समाज के सामूहिक प्रयासों के सुफल पर श्रेय लेने की होड़

भोपाल।
मध्य प्रदेश सरकार ने महेश्वर में भगवान सहस्रबाहु की भव्य प्रतिमा स्थापित करने की कलचुरी समाज की लंबे समय से चली आ रही मांग को मानते हुए इसे शासन की योजना में शामिल करने का निर्देश दिया है। कलचुरी समाज के सभी वर्गों, संस्थाओं औऱ संगठनों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।
निश्चय ही यह एक उत्साहजनक समाचार है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि योजना कब तक सिरे चढ़ेगी, इसमें कितना समय लग जाएगा। यह भी ध्यान रखना होगा कि गत वर्ष अगस्त में अखिल भारतवर्षीय हैहय कलचुरी महासभा के स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने भगवान सहस्रबाहु अर्जुन की शौर्यगाथा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की थी, लेकिन आज एक साल बाद भी इस दिशा में कोई ठोस कदम शासन की ओऱ से नहीं उठाया गया है। लिहाजा अभी बहुत ज्यादा खुश या आश्वस्त होने की बात भी नहीं है। बल्कि, जरूरत समाज को एकजुट कर यह सुनिश्चित करने की है कि जब तक प्रतिमा का कार्य जमीन पर शुरू न हो जाए, और नर्मदा के तट पर 100 कमरों के भवन के निर्माण, महेश्वर को सहस्रबाहु धाम घोषित करने, सहस्रबाहु के अवतरण दिवस पर भव्य शासकीय मेले के आयोजन जैसी बहुप्रतीक्षित मांगों पर शासन की ओर से ठोस पहल न की जाए, तब तक कलचुरी समाज के सामूहिक प्रयास मंद नहीं पड़ने चाहिए।
लेकिन, अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के राजनीतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजाराम शिवहरे के हवाले से जिस प्रकार का समाचार मीडिया में सामने आया है, उसे लेकर कलचुरी समाज के संगठनों के बीच श्रेय लेने की होड़ औऱ अप्रिय बहस शुरू हो गई है। राजाराम शिवहरे ने अपनी विज्ञप्ति में दावा किया कि उनके लिखे एक पत्र पर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री दिलीप जायसवाल ने अनुशंसा की थी जिस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव औऱ सांस्कृतिक मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने पवित्र महेश्वर नगरी में भगवान सहस्रबाहु अर्जुन की 108 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव को शासन की योजना में शामिल करने का निर्देश दिया। उन्होंने बीती 25 जुलाई को ‘सहस्रबाहु धार्मिक सांस्कृतिक सामाजिक कल्याण समिति’ के लैटरपैड पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल को लिखे पत्र की प्रति भी मीडिया में जारी की है। राजाराम शिवहरे मुताबिक, इस पत्र के बाद स्वजातीय मंत्री दिलीप जायसवाल ने उनकी भेंट मुख्यमंत्री मोहन यादव से कराई जिसमें उन्होंने इस मांग पर जल्द से जल्द कदम उठाने का आग्रह किया था।
मीडिया में इस समाचार के प्रकाशन के बाद राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष किशोर राय ने विज्ञप्ति जारी कर गत पांच वर्षों से विभिन्न संगठनों और प्रतिष्ठित समाजसेवियों के प्रयासों की क्रमबद्ध सूची प्रस्तुत की। साथ ही एक वर्ष पूर्व 20 जुलाई, 2024 को मुख्यमंत्री मोहन यादव को दिए ज्ञापन की प्रतिलिपि भी जारी की। महासंघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती अर्चना जायसवाल के साथ भोपाल की महापौर मालती राय, मध्य प्रदेश अध्यक्ष राकेश राय (सीहोर), राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंकज चौकसे, म.प्र. कार्यकारी अध्यक्ष किशोर राय समेत अन्य पदाधिकारियों के अधोहस्ताक्षरित इस ज्ञापन में महेश्वर में सहस्रबाहु अर्जुन की 108 फुट ऊंची प्रतिमा लगाने, नर्मदा तट पर भवन का निर्माण और सहस्रबाहु के अवतरण दिवस पर भव्य शासकीय मेले के आयोजन की मांग की गई थी। ऐसा ही पत्र केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्रीपाद यशो नाइक और पर्यटन मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर को दिया गया था। इसके बाद हरिद्वार के अवधूत मंडल आश्रम में भगवान सहस्रबाहु की प्रतिमा स्थापना समारोह में केंद्रीय मंत्री यशो नाइक ने इस मांग को लेकर समाज को आश्वस्त किया था। गत पांच वर्षों से शिवहरेवाणी भी इस संबंध में समय-समय पर किए गए प्रयासों के समाचार प्रकाशित करती आ रही है, जिसे आज भी पोर्टल पर देखा जा सकता है।
किशोर राय ने शिवहरेवाणी से बातचीत में कहा कि सरकार का ताजा निर्णय़ समाज के सामूहिक प्रयासों का ही सुफल है, जिसमें महासंघ की सबसे अग्रणी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की संयोजिका श्रीमती अर्चना जायसवाल के साथ हैहयवंशी महासभा के जयनारायण चौकसे, कलचुरी महासभा के प्रमुख दिलीप सूर्यवंशी, भोपाल महापौर श्रीमती मालती राय राकेश राय (सीहोर), पंकज चौकसे (नरसिंहपुर) सहित समाज के सैकड़ो समाजसेवोयों ने अपने-अपने स्तर पर सामूहिक प्रयास किए हैं। कोई इसका व्यक्तिगत श्रेय लेने का प्रयास करे तो बड़े अफसोस की बात है।
गौरतलब है कि महेश्वर में भगवान सहस्रबाहु प्रतिमा की स्थापना, महेश्वर को सहस्रबाहु धाम घोषित करने, कलचुरी समाज के भवन का निर्माण, सहस्रबाहु के अवतरण दिवस पर अवकाश घोषित करने, और भव्य शासकीय मेले के आयोजन जैसी मांगे कलचुरी समाज के राष्ट्रीय स्तर के लगभग सभी संगठनों के एजेंडे का हिस्सा है जिन्हें इनके हर राष्ट्रीय अधिवेशन के मंच से दोहराया जाता है। कोई एक व्यक्ति या एक संगठन इस पर दावा नहीं कर सकता। ऐसा कोई भी प्रयास समाज में एकजुटता की भावना को आहत कर सकता है।

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