November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
वुमन पॉवर समाचार

रक्षाबंधन पर विशेषः एक बहन जो भाई को खोने के बाद कैंसर मरीजों की ‘बहन’ बनकर कर रहीं सहायता; कई‘भाइयों’ को मौत के मुंह से निकाला

झांसी।
भाई-बहन का संबंध दरअसल प्रेम और समर्पण पर आधारित जीवनभर निभाने वाला सबसे पवित्र रिश्ता होता है। लेकिन, झांसी की एक बहन ने भाई की मौत के बाद भी इस रिश्ते को इस शिद्दत से निभाया, कि मिसाल बन गई। कैंसर से भाई की मौत के बाद उसने लोगों को इस घातक बीमारी से बचाने को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया। खास बात यह है कि अंजू की इस पहल के साथ अब कई बहनें जुड़ चुकी हैं, और इन बहनों ने मिलकर अब तक कई भाइयों को मौत के मुंह से निकाला है।
भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक पर्व ‘रक्षाबंधन’ के पावन अवसर पर हम बात कर रहे हैं झांसी की श्रीमती अंजू शिवहरे की जिन्होंने अपने बड़े भाई स्व. श्री राजेश राय की कैंसर से मौत के बाद 2018 में उनकी स्मृति में ‘आरआर कैंसर फाउंडेशन’ की स्थापना की (आरआर यानी राजेश राय) जो ‘कमजोर वर्ग के कैंसर पीड़ितों की इस घातक बीमारी से लड़ने और सही इलाज प्राप्त करने में सहायता करता है। अब तक इस फाउंडेशन की सहायता से 50 से अधिक लोग कैंसर से मुक्ति पा चुके हैं और सामान्य जीवन जी रहे हैं। खास बात यह है कि अंजू शिवहरे का आरआर कैंसर फाउंडेशन पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित है। शुरू में इसकी 14 सदस्य थीं, आज 50 से अधिक महिलाएं इस फाउंडेशन से जुड़ चुकी हैं। इनमें ज्यादातर घरेलू महिलाएं हैं जो अपनी बचत के पैसों से कैंसर मरीजों की सहायता में योगदान करती हैं।

श्रीमती अंजू शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि उनके बड़े भाई स्व. श्री राजेश राय को 2017 की जनवरी में ओरल कैंसर यानी मुंह का कैंसर डिटेक्ट हुआ था। उनके उपचार के लिए दिल्ली, मुंबई, भोपाल जैसे शहरों के बड़े-बड़े चिकित्सकों और अस्पतालों के खूब चक्कर लगाए। कई बार वह खुद भी भइया को अस्पताल लेकर गईं जहां उन्हें अहसास हुआ कि इस जानलेवा बीमारी का महंगा उपचार कमजोर आर्थिक वर्ग के मरीजों के परिवारों की कमर तोड़ देता है। बहुत से मरीज एक स्थिति के बाद उपचार कराने में असमर्थ हो जाते हैं और यह मजबूरी उन्हें मौत के मुंह में धकेल देती है, जबकि उन्हें बचाया जा सकता था। अंजू शिवहरे बताती हैं कि बड़े भइया रेलवे कांट्रेक्टर श्री राजेश राय से उनका विशेष लगाव था, वह भी उन्हें बेटी की तरह प्यार करते थे। कैंसर से उनके असमय निधन ने अंजू को भावनात्मक रूप से तोड़ दिया था। लेकिन, भाई के लिए सच्चे प्यार ने उन्हें उन ‘भाइयों’ की मदद करने के लिए प्रेरित किया जो पैसों की कमी के चलते अपने कैंसर का उपचार नहीं करा पाते। इसी लक्ष्य से उन्होंने आरआर कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की।

आरआर कैंसर फाउंडेशन ज़मीनी स्तर पर काम करता है, जिसके माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर कैंसर मरीजों को सेवा प्रदान करती है। समय समय पर संस्था कैंप लगाती है, जिसमें मेदांता, मैक्स जैसे अस्पतालों के प्रतिष्ठित कैंसर स्पेशलिस्ट (ओंकियोलॉजिस्ट) चिकित्सकों को बुलाया जाता है। स्थानीय स्तर पर डा. बीआर श्रीवास्तव का भी विशेष सहयोग रहता है। हाल ही में फाउंडेशन ने मेदांता अस्पताल के कैंसर चिकित्सकों की ओपीडी भी झांसी में शुरू कराई है। संस्था के कैंपों और इस ओपीडी में कैंसर मरीजों को पहचान कर उनका उपचार शुरू कराया जाता है। इस तरह संस्था उन व्यक्तियों तक पहुंचती है, जो शायद आर्थिक संकट के कारण उपचार का भारी-भरकम व्यय वहन करने की स्थिति में नहीं हैं।

श्रीमती अंजू शिवहरे ने बताया कि फाउंडेशन की सदस्य महिलाएं हर महीने कुछ न कुछ धनराशि प्रदान करती हैं। कुछ महिलाएं सालाना योगदान करती हैं। इन पैसों से कैंसर मरीजों की सहायता की जाती है। खास बात यह है कि फाउंडेशन किसी मरीज की नगद आर्थिक सहायता नहीं करता, बल्कि उनके लिए चिकित्सकीय परामर्श, दवाओं और जरूरत होने पर कीमोथैरेपी, रेडियेशन सिकाई आदि की व्यवस्था करता है। गंभीर मरीजों के उपचार के लिए सीएम सहायता कोष से भी मदद दिलवाई जाती है। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन से उनके परिवार की भी कई महिलाएं जुड़ी हैं, भाई स्व. श्री राजेश राय के बच्चे भी इसके मेंबर हैं। इसके अलावा कई महिलाएं ऐसी हैं जिन्होंने कैंसर की बीमारी से अपने किसी प्रिय को खोया है। अंजू के मुताबिक, उनका फाउंडेशन अब झांसी के मरीजों तक सीमित नहीं है, बल्कि शिवपुरी, अतर्रा, महुरानीपुर, इंदरपुर और यहां तक कि गुजरात से भी कैंसर पेशेंट उनसे संपर्क करते हैं। फाउंडेशन और इसकी संस्थापिका के तौर पर स्वयं श्रीमती अंजु शिवहरे को इस शानदार काम के लिए कई प्रतिष्ठित मंचों पर पुरस्कृत व सम्मानित किया जा चुका है।
कौन हैं श्रीमती अंजु शिवहरे
एमए (पॉलिटिकल साइंस) शिक्षित अंजु शिवहरे झांसी के प्रतिष्ठित शिवहरे परिवार की बहू हैं। उनके पति श्री राजीव शिवहरे लोहा कारोबारी हैं। उनके श्वसुर स्व. श्री हरिशंकर शिवहरे प्रतिष्ठित समाजसेवी थे, वह शिवहरे समाज झांसी के महामंत्री रहे थे। झांसी नगर निगम के पूर्व उप-सभापति एवं जाने-माने समाजसेवी श्री जुगल शिवहरे उनके चचिया श्वसुर हैं जो लंबे समय तक शिवहरे समाज झांसी के अध्यक्ष रहे थे। शिवहरे समाज, झांसी के मौजूदा अध्यक्ष श्री विष्णु शिवहरे भी उनके नजदीकी पारिवारिक रिश्ते में हैं। श्रीमती अंजु शिवहरे के पुत्र निशांत शिवहरे मुंबई से एमबीए कर रहे हैं, जबकि पुत्री सुश्री नीतिका शिवहरे दुबई में यूके की एक यूनीवर्सिटी से बीबीए की पढ़ाई कर रही है। मायके से श्रीमती अंजु शिवहरे का परिवार झांसी में रहता है। उनके पिता श्री आनंद राय (रेलवे कांट्रेक्टर ) मूल रूप से बबीना से है। अंजू शिवहरे की माताजी श्रीमती सुशीला राय बबीना केंटूनमेंट बोर्ड की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं।

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