December 14, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
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रोडवेज चालक की बेटी सीए बनी; झांसी की शिवी शिवहरे ने अपनी लगन औऱ मेहनत से परिवार का मान बढ़ाया

झांसी।
झांसी में रोडवेज चालक की बेटी शिवी शिवहरे ने अपनी लगन और मेहनत से तमाम विपरीत परिस्थितियों को मात देते हुए सीए बनने का सपना साकार कर दिखाया है। बीते रोज ‘द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’ (आईसीएआई) की ओर से जारी सीए फाइनल के परिणाम ने पूरे परिवार में खुशियां बिखेर दीं।
झांसी में पठौरिया निवासी मुकेश शिवहरे रोडवेज में चालक हैं और चैकिंग स्टाफ की गाड़ी चलाते हैं। उनकी होनहार बेटी शिवी शिवहरे ने सीए की सभी परीक्षाएं पहले प्रयास में ही पास करते हुए अंतिम पड़ाव भी पार कर लिया। आईसीएआई ने फाइनल का रिजल्ट घोषित किया जिसमें कुल 1,42,402 अभ्यर्थियों में से मात्र 14,247 ही कामयाब हो सके। शिवी के सीए बनने से पूरा परिवार बहुत खुश है, रिश्तेदारों और मित्रों के यहां से बधाइयों के कॉल आ रहे हैं। शिवी शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि एक सीए के पास करियर के कई ऑप्शन होते हैं, अपना व्यवसाय भी शुरू किया जा सकता है लेकिन फिलहाल तो एक अच्छी जॉब हासिल करना ही उसका लक्ष्य है। शिवी अपनी सफलता का पहला श्रेय पिता श्री मुकेश शिवहरे और मम्मी श्रीमती नीलम शिवहरे को देती हैं जिन्होंने सीमित आय में तमाम जरूरतों पर उसकी पढ़ाई को प्राथमिकता दी और उसमे कभी बाधा नहीं आने दी। साथ ही वह अपने गुरू सीए जेपी अग्रवाल का भी आभार व्यक्त करती हैं जिनके अंडर में उसने इंटर्नशिप की।
श्री मुकेश शिवहरे बताते हैं कि शिवी पढ़ाई में शुरू से होनहार रही है। उसने एल्पाइन पब्लिक स्कूल से 97 प्रकतिशत अंकों के साथ हाईस्कूल किया, और स्कूल टॉपर रही। इंटरमीडियेट की पढ़ाई उसने केंद्रीय विद्यालय से की जिसमें 90 प्रतिशत अंक हासिल किए। बीकॉम और एमकॉम की पढ़ाई बुंदेलखंड विवि से की। खास बात यह है कि शिवी ने सीए की पढ़ाई के साथ-साथ बीकॉम और एमकॉम किया। शिवी की लगन इस कदर थी कि बीते पांच सालों में सीए की पढ़ाई के के चलते उसने कोई शादी-ब्याह या अन्य कोई पार्टी-फंक्शन अटैंड नहीं किया। मां श्रीमती नीलम शिवहरे ने बताया कि शिवी घर में पढ़ती रहती थी, हम भी उसे कभी डिस्टर्ब नहीं होने देते थे। उसने सोशल मीडिया से हमेशा दूरी बनाए रखी, मोबाइल का इस्तेमाल भी जरूरी कॉल और ऑनलाइन कोचिंग के लिए करती थी।
शिवी अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी है, और उसकी कामयाबी ने छोटी बहन वैष्णवी शिवहरे और छोटे भाई नैतिक शिवहरे को भी प्रेरित किया है। वैष्णवी ने हाल ही में इंटरमीडियेट पास किया है और अब बीएससी में एडमिशन लेगी, वहीं नैतिक इलेविंथ का स्टूडेंट है।
(शिवहरेवाणी के लिए विशेष संवाददाता विष्णु शिवहरे की रिपोर्ट)

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