November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

फीरोजाबाद के वार्ड 39 से सुगम शिवहरे की धर्मपत्नी कंचन बनीं भाजपा प्रत्याशी, सिरसागंज नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए श्री सोनी शिवहरे को भाजपा टिकट

by Som Sahu November 08, 2017  Uncategorizedघटनाक्रमराजनीति 597 

शिवहरे वाणी नेटवर्क

फिरोजाबाद।

भाजपा ने फिरोजाबाद महानगर पालिका और जिले की अन्य नगर पालिकाओं के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने फिरोजाबाद महानगर पालिका के वार्ड 39 से पार्षद पद के लिए श्रीमती कंचन शिवहरे को मैदान में उतारा है। श्रीमती कंचन शिवहरे भाजपा के युवा नेता श्री सुगम शिवहरे की धर्मपत्नी हैं। वहीं सिरसागंज नगर पालिका के अध्यक्ष पद के लिए भाजपा ने श्री सोनी शिवहरे को टिकट दिया है।

फिरोजाबाद महानगर पालिका के वार्ड-39 में मोहल्ला जोशियान, कोटला मोहल्ला, चंद्रवार गेट, छोटी छपैटी, भोजपुरा, जैन गली और  माता वाली गली क्षेत्र आते हैं। यहां से टिकट के लिए श्रीमती कंचन शिवहरे के अतिरिक्त जिस एक अन्य महिला ने भाजपा से टिकट की दावेदारी की थी, वह भाजपा की पृष्ठभूमि से नहीं जुड़ी होने के कारण अंतिम दौर में पिछड़ गईं। श्रीमती कंचन शिवहरे इस चुनाव से राजनीति में पदार्पण कर रही हैं। शिवहरे वाणी से बातचीत में उन्होंने बताया कि राजनीति में आने का उन्होंने कभी सोचा नहीं था। लेकिन अब यदि पार्षद चुन ली गईं, तो क्षेत्र के विकास मे कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। खास बात यह है कि भाजपा से मेयर पद की प्रत्याशी कु. नूतन राठौर भी वार्ड-39 की ही निवासी हैं, लिहाजा चुनाव में, और जीतने के बाद भी इसका सीधा फायदा श्रीमती कंचन को मिलने वाला है।

श्रीमती कंचन शिवहरे के पति श्री सुगम शिवहरे करीब 15 साल से भाजपा से जुड़े हुए हैं। वह वर्ष 2006 में भाजपा की नगर कार्यकारिणी में रहे, 2007 में युवा मोर्चे के महामंत्री रहे और, 2010 में दोबारा इसी पद पर चुने गए। इसी वर्ष उन्होंने भाजपा की तिरंगा यात्रा में भाग लिया और अनुराग ठाकुर और पूनम महाजन के साथ जेल में रहे थे। 2011 में दिल्ली में संसद घेराव में भाग लिया और इस दौरान पुलिस के लाठीचार्ज के भी शिकार हुए। वह शिवहरे समाज एकता परिषद से भी जुड़े हुए हैं। भाजपा से जुड़ी उनकी पृष्ठभूमि को देखते हुए उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कंचन शिवहरे को टिकट मिलने की संभावनाएं तो प्रबल थीं, लेकिन पूरी तरह कोई भी आश्वस्त नहीं था। श्रीमती कंचन शिवहरे के अतिरिक्त जिस एक अन्य महिला ने भाजपा में टिकट की दावेदारी की थी, वह पार्टी की पृष्ठभूमि से जुड़ी नहीं होने के कारण अंतिम दौर में पिछड़ गईं।

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