by Som Sahu September 06, 2017 जानकारियां 364
- बिहार के सुजीत शिवहरे ने सोशल मीडिया पर जोड़े देशभर के शिवहरे कलचुरी बंधु
- 2007 में ऑरकुट पर बना था ग्रुप, 31 अगस्त 2011 में फेसबुक पर शिफ्ट किया गया
शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
हर दहाई, सैकड़ा, हजार, दस हजार, लाख…और अनंत संख्या का मूल एक इकाई होता है। रबींद्रनाथ टैगोर की पंक्ति ,एकला चले रे…’ इकाई की ताकत को ही बयां करती है, बशर्ते नीयत नेक होनी चाहिए। वर्ष 2007 की बात है, फेसबुक उस वक्त शायद प्रचलन में नहीं था, सोशल मीडिया के रूप में ऑरकुल भी बहुत लोकप्रिय नहीं हुआ था। फिर भी शिवहरे कलचुरी समाज को एकसूत्र में बांधने की नेक नीयत के साथ एक 16-17 साल के किशोर सुजीत शिवहरे ने ऑरकुट पर ग्रुप बनाया, नाम था “शिवहरे परिवार”। आज इस साधारण सी पहल ने फेसबुक पर एक बड़े वटवृक्ष का रूप ले लिया है जिसके शीतल छांव में 14000 से अधिक शिवहरे कलचुरी बंधु एक दूसरे के संपर्क में आते हैं, अपने अनुभव साझा करते हैं, अपने राजनीतिक व सामाजिक विचारों का आदान-प्रदान करते हैं, अपनी क्षेत्रीय पहचान को बरकरार रखते हुए बंधुत्व के भाव के साथ आपस में जुड़ते हैं। कुल जमा यह कि फेसबुक पर “शिवहरे परिवार” ग्रुप आज शिवहरे कलचुरी समाज के सबसे बड़े मंच के रूप में उभरा है।
अब चौंकने की एक और वजह भी है, खासकर हम उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के शिवहरे कलुचरी लोगों के लिए। “शिवहरे परिवार” के सूत्रधार, संस्थापक और संचालक सुजीत शिवहरे न तो यूपी से हैं और ना ही एमपी से। वह बिहार के सीतामढ़ी जिले के रहने वाले हैं। यानी इस ग्रुप ने शिवहरे कलचुरी समाज के पटल पर बिहार को सामने लाने का बड़ा काम किया है, क्योंकि बिहार में शिवहरे समाज की मौजूदगी व विस्तार के बारे में अब तक बहुत कम लोगों को जानकारी थी। अब बिहार वाले भी जान गए है कि यूपी और एमपी में शिवहरे हैं। सुजीत शिवहरे ने शिवहरे वाणी को बताया कि उत्तरी बिहार के सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, शिवहर, किशनगंज, पटना, वैशाली, मधुबनी आदि जिलों में शिवहरे समाज का खासा विस्तार है। लेकिन यूपी और एमपी के शिवहरे के साथ बिहार के शिवहरे बंधुओं का किसी प्रकार को कोई समन्वय और संबंध नहीं था। “शिवहरे परिवार” ग्रुप ने सोशल मीडिया के जरिये महज 10 साल के अंदर देशभर के समाज को एक सूत्र में बांधने का काम कर दिया । आज स्थिति यह है कि बिहार के शिवहरे परिवारों के वैवाहिक संबंध यूपी, एमपी, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र के शिवहरे परिवारों के साथ हो रहे हैं। यही नहीं, ग्रुप में शिवहरे के अलावा चौकसे, राय, जायसवाल, गुलहरे आदि कलचुरी समवर्गीय बंधु भी जुड़ रहे हैं।
बिहार के सीतामढ़ी निवासी श्री अशोक प्रसाद शिवहरे के पुत्र सुजीत सरकार ने 2007 में ऑरकुट पर “शिवहरे परिवार” ग्रुप बनाया था जिसमें सबसे पहले बिहार में उनके परिचित और रिश्तेदार जुड़े। चूंकि ऑरकुट बहुत ज्यादा प्रचलन में नहीं था और बहुत लोगों तक इंटरनेट एसेस भी नहीं थी, लिहाजा ग्रुप बहुत धीमी रफ्तार से बढ़ रहा था। लेकिन सुजीत इससे निराश नहीं हुए। बाद में फेसबुक आया तो 31 अगस्त, 2011 को यह समूह फेसबुक पर शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद सफलता की दास्तान आपके सामने है और आज इसके 14000+ मेंबर्स इस कामयाबी की गवाही हैं। मुख्य एडमिन के रूप में सुजीत शिवहरे आज भी इस ग्रुप को संचालित कर रहे हैं। वो भी दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हुए। सुजीत अपनी नेकनीयत, मजबूत इच्छा शक्ति, निरंतर प्रयास, बंधुत्व भाव और अंततः इस कामयाबी के लिए निसंदेह बधाई के पात्र हैं।
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