by Som Sahu August 21, 2017 Uncategorized, घटनाक्रम 1211
- बेटे को उसका हक दिलाने के लिए मां का संघर्ष, मगर ससुरालवाले नहीं घुसने दे रहे
- पुलिस के सामने देवर ने 5 सितंबर को निर्णय करने का दया आश्वासन, तब हटीं धरने से
- शिवहरे समाज एकता परिषद ने दी चेतावनी, राखी को न्याय नहीं मिला तो बुलंद करेंगे आवाज
शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
सब्र की इंतहा होती है, और बेशक औरत के सब्र का पैमाना अधिक गहरा होता है। राखी शिवहरे गुप्ता ने पूरे 14 साल धैर्य रखा, जुल्म सहे, तंगी झेली…ससुरालवाले झूठे वादे कर उसे बहलाते रहे। राखी ‘अच्छे दिन’ की उम्मीद में अपनी इच्छाओं का गला घोंटती रही । लेकिन जब करोड़पति परिवार की इस बहु के पास मकान का किराया देना तो दूर, बेटे की फीस भरने तक के लाले प़ड़ गए, तो उसके अंदर की मां से रहा नहीं गया। बेटे को उसका हक दिलाने के लिए राखी ने सोमवार 21 अगस्त को अपने ससुराल की चौखट पर धरना दे दिया। पूरे दिन बिना कुछ खाए पिये धरने पर बैठी रही। इस दौरान राखी के जेठ और देवर ने उसे घर में नहीं घुसने दिया, और पुलिस व मीडिया के सामने झूठी कहानी गढ़ते रहे।
शाम को पुलिस ने हस्तक्षेप कर राखी के देवर गौरव से फोन पर बात की जो नोएडा में रहता है और उसे परिवार में मुखिया माना जाता है। गौरव पहले तो बात करने को ही राजी नहीं हुआ, बाद में पुलिस की सख्ती पर उसने 5 सितंबर को आगरा आने का आश्वासन दिया। 5 सितंबर को हरीपर्वत थाने के प्रभारी एसओ के सामने राखी और गौरव का आमना-सामना कराया जाएगा। इस आश्वासन के बाद राखी देर रात धरने से उठने को राजी हुई। शिवहरे समाज एकता परिषद ने राखी के संघर्ष में साथ देने का ऐलान करते हुए चेतावनी दी है कि यदि गौरव 5 सितंबर को आगरा नहीं आया और राखी व उसके बेटे को पैतृक मकान में रहने की जगह नहीं दी, तो युवा टीम राखी के हक की आवाज को बुलंद करेगी।
राखी शिवहरे गुप्ता लोहामंडी में आलमगंज स्थित 36/22, आलमगंज निवासी श्री रामबाबू की पुत्री हैं। उनका विवाह वर्ष 2004 में माथुर वैश्य परिवार के मनोज गुप्ता उर्फ दीपू पुत्र स्व. हरनारायण गुप्ता से हुआ था। स्व. हरनारायण गुप्ता का खंदारी में आरबीएस डिग्री कालेज चौराहे पर बड़ा मकान है जिसमें कभी राखी भी रहा करती थी। अपना मकान होते हुए भी राखी को किराये पर रहना पड़ रहा है। और, उसके जेठ और देवर उसे घर में घुसने नहीं दे रहे हैं। और तो और, राखी के बेटे नैतिक को पैतृक संपत्ति नहीं देने की गरज से साजिशें भी रच दीं। राखी के पति के नशे की लत का फायदा उठाते हुए उसे शराब पिला-पिलाकर अपने कब्जे में ले लिया है। राखी मारुति ऐस्टेट स्थित पुष्प पुनीत विला में अपने बेटे के साथ किराये के फ्लैट में अकेली रह रही है। पिछले तीन महीने से फ्लैट मालिक किराया मांग रहा है, बेटे के स्कूल (सेंट पॉल्स) में फीस मांगी जा रही है, दूधवाला बिल मांग रहा है, किराने वाला हिसाब करने को कह रहा है…मकान मालिक कह रहा है जब तक बिजली का बिल तो भरो।…. और ऐसे हालात में नकारा शौहर सीन से गायब है। आखिर कब तक रोती रहती….अश्रुधारा ने राखी के सब्र के बांध तोड़ दिए। राखी आज सुबह नौ बजे सीधे ससुराल पहुंच गई। वहां उसके लिए दरवाजे नहीं खोले गए तो बाहर सड़क किनारे बैठ गई। जानकारी मिलने पर मीडिया मौके पर पहुंच गई। पुलिस भी आ गई। लेकिन राखी का जेठ औऱ देवर किसी भी हाल में उसे घर में घुसने देने को राजी नहीं हुए। उन्होंने मीडिया के सामने झूठी कहानी गढ़ते मामले को अलग रंग देने की कोशिश की, पुलिस को मैनेज करने में लगे रहे। इधर राखी के पक्ष में उसके भाई शिवकुमार शिवहरे, भाभी, बहन रश्मि, बहनोई विनय, विकास शिवहरे पहुंच गए। खबर मिलने पर शिवहरे वाणी के संपादक सोम साहू और शिवहरे समाज एकता परिषद के अध्यक्ष अतुल शिवहरे, संयोजक अमित शिवहरे, महासचिव कुलदीप शिवहरे, उपाध्यक्ष अमित शिवहरे (ताजगंज), कोषाध्यक्ष अंशुल शिवहरे और अन्य सदस्य भी पहुंच गए। देर शाम करीब सात बजे पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए राखी के देवर गौरव गुप्ता से मोबाइल पर बात की। जिसके बाद 5 तारीख को समाधान का आश्वासन पाकर राखी धरने से उठ गई।
Leave feedback about this