November 22, 2024
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समाज

‘मिशन एक रुपया…!’ कलचुरि समाज सेना की अनोखी पहल

by Som Sahu August 11, 2017  आलेखजानकारियां 980

  • साधारण व्यक्तिगत योगदान से हासिल करेगी व्यापक सामाजिक लक्ष्य
  • घोषणा के साथ एकाउंट नंबर जारी, दो समाजबंधुओं ने किया पहला योगदान

शिवहरे वाणी नेटवर्क

भुवनेश्वर/भोपाल।

समाज की एकजुटता और जागृति के लिए कई अभिनव अभियानों को शुरू कर चुकी कलचुरि समाज सेना ने अब एक नया प्रयोग किया है। संपूर्ण समाज के उत्थान के लक्ष्य को समर्पित यह अभियान यदि कामयाब रहा तो निश्चित रूप से अन्य समाजों के लिए मिसाल भी बन सकता है। खास बात यह है कि इस अभियान में समाज का हर व्यक्ति चाहे वह अमीर हो, मध्यमवर्गीय हो अथवा गरीब, एक ट्रस्टी की हैसियत में होगा। इसके लिए उसका योगदान होगा एक रुपया। जी हां!….सिर्फ और सिर्फ एक रुपया। आपको केवल एक रुपया, और यदि क्षमतावान हैं तो एक रुपये प्रतिदिन या माहवाह का योगदान कर सकते हैं। यह पैसा निम्न खाते में जमा करना होगाः-

*श्री कलचुरी सेवा नागरिक समिति*
*स्टेट बैंक आफ इंडिया*
*एकाऊंट नं –37007350829*
*IFSC code – SBIN0005193*

आज 12 अगस्त की शाम को इसकी घोषणा के कुछ ही देर बाद  इस खाते में दो लोगों ने क्रमशः 100 रुपये और 365 रुपये जमा भी करा दिए। हो सकता है आप चौंक रहे होंया बात हजम नहीं हो रही हो। सोच रहे हों कि एक रुपये की बिसात क्या। लेकिन श्री विपिन राय अपनी इस परिकल्पना के पक्ष में मजबूत दलीलों, डेटा और ऐतिहासिक दृष्टांतों का हवाला देते हैं। कलचुरि समाज सेना के प्रमुख संस्थापकों में से एक श्री विपिन राय ने शिवहरे वाणी को विस्तार से इस अभियान के बारे में बताया।

श्री विपिन राय कहते हैं कि कलचुरि समाज संख्या बल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े समाज या जातीय समुदायों में शुमार है। सवा अरब की आबादी वाले भारत में कलचुरि समाज की संख्या 15 करोड़ के आसपास है। लेकिन, भाषाई और क्षेत्रीय विभाजन के कारण सांस्कृतिक रूप से इनमें काफी भिन्नताएं है और इसीलिए एक मंच पर नहीं हैं। दूसरी बात यह कि कलचुरि समाज में आर्थिक असमानताएं भी बहुत व्यापक हैं। आर्थिक वर्गभेद के कारण समाज कभी एकजुट सूरत में सामने नहीं आ पाया है। इसके विपरीत समाज की छिपी ताकतें भी हैं। मसलन 15 करोड़ की आबादी वाले इस समाज में 50 फीसदी युवा हैं जो अपनी स्थिति को बदलने और इस तरह समाज की स्थिति को बदलने का माद्दा रखते हैं। यानी ये युवा वर्ग समाज में असमानता की खाई को दूर करने और विभिन्न आधारों पर उसे एकजुट करने का साधन और साध्य, दोनों हैं।

इन बातों को समझाते हुए श्री विपिन राय अब अपनी उस परिकल्पना का खुलासा करते है जिसे अभियान के तौर पर लागू करने के लिये गंभीर विमर्श उन्होंने शुरू कर दिया है। वह बताते हैं कि यदि समाज का हर व्यक्ति 1 रुपये का योगदान करे, तो कोष में अच्छी खासी धनराशि एकत्र हो सकती है। यदि सभी एक रुपये दें तो यह 15 करोड़ रुपये होती है। अब इस कोष को समाज के कमजोर आर्थिक वर्ग के ऊर्जावान युवाओं के उत्थान में इस्तेमाल किया जाए। उदाहरण के लिए, वास्तविक पात्र को कारोबार के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है, जिसे बेहद मामूली ब्याज या फिर केवल मूलधनराशि की मियादी तरीके से वापसी की शर्त पर दिया जा सकता है। समाज के ही लोग उसके कारोबार को सफल बनाने में अपना लॉजिस्टिक सपोर्ट दे सकते हैं। यानी कि उसके उत्पाद की मांग और आपूर्ति में समाज अहम योगदान कर सकता है। मसलन, एक युवा इस कोष से एक लाख रुपये लेकर कॉपी बनाने की यूनिट लगाता है। अब समाज के वे लोग जो स्टेशनरी का काम करते हैं, जो कापियां बेचते हैं, उस युवा की प्रेस में बनीं कॉपियों को अपनी दुकानों में रखे। इससे उस स्टार्टअप के सफल होने की संभावना अधिक होगी और कोष को पैसे की वापसी भी सुनिश्चित होगी। यह तो इस परिकल्पना का एक पक्ष है। लक्ष्य व्यापक है तो इसके आयाम भी व्यापक होंगे। अभी तक जो लक्ष्य तय किए गए हैं, वे निम्न प्रकार हैंः-

*समाज के जरूरत मंद को स्वास्थ लाभ के लिए*
*समाज के व्यक्ति की उच्च शिक्षा मे सहायता।*
*समाज की बेटी के विवाह में सहायता।*
*समाज के निशक्तजन की मदद हेतु।*
*असहयाय व बृद्धजनो की मदद हेतु।*
*किसी परिवार की आर्थिक परेशानी मे सहायता।*

श्री विपिन राय कहते हैं कि यह काम असंभव नहीं है, बल्कि कई ऐतिहासिक दृष्टांत हैं जब लगभग नगण्य व्यक्तिगत योगदान से बेहद असाधारण सामाजिक परिणाम सामने आए हैं। सबसे बड़ा उदाहरण महाराज अग्रसेन का है। एक बार अग्रोहा राज्य में अकाल पड़ने से त्राहि-त्राहि मच गई। लोग गांवों को छोड़कर नगरों की ओर भागने लगे। तब उहोंने एक ईंट और एक रुपयाके सिद्धांत की घोषणा की थी। इसके तहत नगर में आने वाले हर नए परिवार को नगर में रहने वाले प्रत्येक परिवार की ओर से एक रुपया और एक ईंट दी जाती थी। ईंटो से वह अपने घर का निर्माण करता था और रुपयों से व्यापार करता था।

एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में रीजनल मैनेजर के पद पर तैनात इंजीनियर श्री विपुल राय मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले हैं। काफी समय से उनकी पोस्टिंग भुवनेश्वर में हैं। वह अपने व्यस्त व्यावसायिक शेड्यूल से वक्त निकाल कर सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं। कलचुरि समाज सेना के गठन में उनके प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कलचुरि समाज सेना इससे पहले समाज को एकजुट करने के लिए जन्मदिवस ,शादीसालगिरह पर समाजजन के द्वार पर पहुँघकर शुभकामनाओं के साथ पौधा और आराध्य श्री की फोटो प्रदान करने, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, समाज की प्रतिभाओं का सम्मान , और कलचुरी धाम धर्म यात्रा जैसे कार्य किये जा रहे है। जल्द ही कलचुरी जागृति यात्रा की शुरूआत भी करने जा रहे। श्री विपिन राय ने सेना के माध्यम से बढ़े चलोका नारा दिया और हमेशा कहते है कि लक्षण बदलो परिणाम बदल जायेंगे।

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