by Som Sahu May 31, 2017 Uncategorized, घटनाक्रम 177
शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा
विकास गुप्ता (शिवहरे) की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में अंततः रिपोर्ट दर्ज हो ही गई। लोहामंडी थाने में विकास के भाई अंबरीश शिवहरे की तहरीर पर आईपीसी की धारा 306 (प्रताड़ित करना और खुदकुशी के लिए उकसाना) के तहत छह लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है। खास बात यह है कि 24 अप्रैल को विकास की लाश जिन परिस्थितियों में मिली थी, उससे हत्या का मामला प्रतीत हो रहा था। जबकि, पुलिस इस खुदकुशी का मामला मान रही थी। अंबरीश लगातार रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास कर रहा था, इस बीच मामला संज्ञान में आने पर शिवहरे वाणी ने इसके लिए अपनी रिपोर्टों के माध्यम से अभियान चलाया। शिवहरे वाणी की पहल पर समाज एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शिवहरे से मिला। श्री विजय शिवहरे ने इस मामले में अधिकारियों से बात की। और, अंततः एक महीना पांच दिन बाद रिपोर्ट दर्ज हो सकी।
लोहामंडी थाने में दर्ज रिपोर्ट में ताजगंज स्थित पंचवटी निवासी आशुतोष तिवारी, विकास की मंगेतर सोनी शर्मा, उसके पिता तिलकराज शर्मा, मां राजकुमारी शर्मा, भाई शोनी शर्मा और विक्की नाम के एक अन्य युवक को नामदज किया गया है। बता दें कि विकास और सोनी शर्मा की सगाई हो चुकी थी। मामले में कई एंगेल सामने आ रहे हैं, कई सवाल हैं जिनकी चर्चा शिवहरे वाणी पोर्टल में पहले प्रकाशित हो चुकी रिपोर्ट में किया जा चुका है। साथ ही, थाना ताजगंज और लोहामंडी थाना पुलिस द्वारा जिस तरह रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी की जा रही थी और टाला जा रहा था, उससे यह संदेह भी निरंतर पुख्ता हो रहा था कि विकास की हत्या की गई है और आरोपियों को पुलिस की थाना पुलिस की शह मिल रही है।
मामले को पुलिस द्वारा लगातार टाले जाने पर शिवहरे वाणी के संपादक सोम साहू शिवहरे समाज के प्रतिष्ठित जनों श्री मुकुंद शिवहरे, श्री कुलभूषण गुप्ता राम भाई, श्री अशोक शिवहरे औऱ श्री अमित शिवहरे के साथ भाजपा महानगर अध्यक्ष श्री विजय शिवहरे जी से मिले थे। श्री विजय शिवहरे ने खुद इस सदर सीओ से बात की। इसके बाद से शिवहरे वाणी लगातार इस मामले पर नजर रखे थी।
रंग लाई अंबरीश की दृढ़ता
विकास के भाई अंबरीश की दृढ़ता अंततः रंग लाई। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अंबरीश ने इस मामले को लेकर कई दिन तक थाना लोहामंडी औऱ ताजगंज के चक्कर के काटे, वहां उसे टहलाया जाता रहा। कहीं से कोई सहायता नहीं मिलने पर भी अंबरीश ने हिम्मत नहीं हारी। वह डीआईजी, एसएसपी, एसपी सिटी समेत तमाम अफसरों से भी मिला। इसका पता चलने पर शिवहरे वाणी भी उसके इस प्रयास में शामिल हो गई।
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