September 7, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

6 सितंबर को पहली बार आगरा आ रहे ‘चर्चित संत’ धीरेंद्र शास्त्री; मान ही गए पुष्कल गुप्ता का आग्रह; तारघर मैदान में आशीर्वचन कार्यक्रम; भव्य तैयारियां

आगरा।
अपने बयानों और ‘पर्ची-सिस्टम’ को लेकर अक्सर चर्चाओं और विवादों में रहने वाले बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री 6 सितंबर को पहली बार आगरा आ रहे हैं। तारघर मैदान में उनका ‘भारत हमारा महान-सनातन हमारा महान’ आशीर्वचन कार्यक्रम होगा जिसमें वह धर्म, भक्ति और राष्ट्रप्रेम पर अपना संदेश देंगे। 2 घंटे के इस कार्यक्रम के लिए भव्य व्यवस्थाएं की गई हैं।

बता दें कि यह कार्यक्रम भाजपा के युवा नेता पुष्कल गुप्ता के संयोजन में हो रहा है। खंदारी में बैंक कालोनी निवासी रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी (प्रोन्नत) राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ‘शिवहरे’ के पुत्र पुष्कल गुप्ता आरएसएस से भी जुड़े हैं। पूर्व में वह आगरा में ‘हिंद-बलोच फोरम’ के बैनर पर सफल कार्यक्रम भी करा चुके हैं। बीते रोज मीडिया से बातचीत में पुष्कल गुप्ता ने बताया कि वह और उनका परिवार लंबे समय से बाबा बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्रीजी को आगरा लाने के प्रयास में था। करीब एक साल के लगातार संपर्क और प्रयासों के बाद उनकी स्वीकृति मिल पाई है। उन्होंने कहा कि पूरे ब्रज क्षेत्र के लिए यह सौभाग्य की घड़ी होगी, जब ‘बालाजी सरकार’ की कृपा और बाबा का आशीर्वचन आगरा को प्राप्त होगा।

पुष्कल गुप्ता ने बताया कि बाबा बागेश्वर सरकार महज दो घंटे के लिए आगरा आ रहे हैं जिसके लिए सभी तैयारियां अंतिम चरण हैं। तारघर मैदान में 20 हजार लोगों के बैठने के लिए वाटरप्रूफ पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। तारघर मैदान में 6 दिसंबर को सुबह 11 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत होगी। बागेश्वर सरकार लगभग 12 बजे मंच पर पहुंचेंगे और धर्म, भक्ति व राष्ट्रप्रेम पर संदेश देंगे। कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन के साथ आयोजकों की अपनी टीमें भी मुस्तैद रहेंगी। पंडाल में मेडिकल सुविधा, खानपान की व्यवस्था, पानी, कूलर और पंखों तक की सुविधाएं भी होंगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।

बता दें कि बागेश्वर धाम मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में खजुराहो-पन्ना रोड स्थित गंज कस्बे में है। करीब 1986 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया गया था। वर्ष 1987 में संत सेतुलालजी का वहां आगमन हुआ जो आचार्य धीरेंद्र शास्त्री (वास्तविक नाम धीरेंद्र कृष्ण गर्ग) के दादाजी थे। 2012 में मंदिर में श्रद्धालुओं की समस्याओं के निराकरण के लिए दरबार लगाया जाने लगा, और 2018 से धीरेंद्र शास्त्री ने दरबार संभाला जिसमें वह भक्तों के नाम की पर्ची निकालकर उनकी समस्याओं के कथित निवारण करते हैं। धीरेंद्र शास्त्री देशभर में अन्य जगहों पर भी दरबार लगाते हैं और हनुमंत कथा सुनाते हैं।

धीरेंद्र शास्त्री की जहां बड़ी फालोइंग है, वहीं उनके विरोधी भी कम नहीं हैं। अपने दरबार में पर्ची सिस्टम और कई बार धर्म, समाज व राजनीति पर बयानों को लेकर वह विरोधियों के निशाने पर रहते हैं, खासकर समाज में पाखंड फैलाने और सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के आरोप विरोधी उन पर लगाते रहे हैं, उन पर ‘सरकारी-संत’ का टैग भी लगाते हैं। बीते दिनों राजराजेश्वर भगवान सहस्रबाहु अर्जुन पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर वह कलचुरी समाज के निशाने पर आ गए थे। देश में जगह-जगह उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए जिसके बाद उन्हें बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी थी।

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