November 23, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
खबरे जरा हटके

कन्फ्यूज हो गया लैब्राडोर कुत्ता तो चकरघिन्नी हुई पुलिस, अब कराया डीएनए टेस्ट

होशंगाबाद। 

वैसे तो कुत्ता बहुत वफादार जानवर होता है, अपने मालिक को पहचानता है। कुत्ते की हरकतें बता देती है कि उसका मालिक कौन है। लेकिन, मध्य प्रदेश के हौशंगाबाद जिले का लैब्राडोर जैसी उच्च नस्ल का एक कुत्ता अपने मालिक को पहचानने में ऐसा कन्फ्यूज हुआ, कि पुलिस भी चकरघिन्नी हो गई। कुत्ते के दो दावेदारों के बीच झगड़े को सुलझाने के लिए पुलिस ने उसका डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया है। पुलिस डीएनए के सैंपल लेकर हैदराबाद रवाना हो गई है जहां डीएनए सैंपल का मिलान किया जाएगा। इसके बाद ही तय होगा कि कुत्ता किसका है। फिलहाल कुत्ते को देखरेख के लिए उसके एक दावेदार कृतिक शिवहरे को सौंप दिया गया है। 

अपनी तरह इस अनोखा मामले में दो दावेदार हैं। एक हैं एबीवीपी नेता कार्तिक शिवहरे, और दूसरा दावेदार है शादाब खान। दोनों हौशंगाबाद के हैं। जानकारी के मुताबिक, पिछले सप्ताह शादाब खान ने हौशंगाबाद देहात थाना पुलिस को फोन कर शिकायत की थी कि कार्तिक शिवहरे के घर पर उसने अपना लैब्राडोर कुत्ता देखा है जो कुछ दिनों से लापता था। इस पर पुलिस कुत्ते को ले आई। सूत्रों के मुताबिक, शादाब ने पुलिस को कुत्ते का पंजीकरण दिखाया, जिसके बाद पुलिस ने उसे कुत्ता सौंप दिया। 

इसके बाद 19 नवंबर को कार्तिक शिवहरे ने कुत्ते पर अपना दावा पेश कर दिया। उसने आरोप लगाया कि उसकी गैरहाजिरी में कुत्ते को उसके घर से लाया गया। उसने पुलिस के आला अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की। मामले को तूल पकड़ता देख थाना पुलिस ने शादाब से वह कुत्ता वापस ले लिया। 
पेशे से पत्रकार शादाब का कहना है कि वह कुत्ते को पचमढ़ी से लाए थे, जबकि कार्तिक ने बताया कि वह कुत्ते को बाबई से लाये थे। शादाब का कहना है कि चमकदार काले रंग के इस कुत्ते का नाम उन्होंने कोको रखा था। बीते अगस्त में वह लापता हो गया था जिसकी शिकायत उसने पुलिस में दर्ज कराई थी। हालांकि पुलिस का कहना है कि ऐसी कोई रिपोर्ट रिकार्ड में नहीं है। वहीं कार्तिक शिवहरे का कहना है कि उसके कुत्ते का नाम टाइगर है और बीती 11 अगस्त को उसने बाबई से इसे खरीदा है। इस पूरे विवाद में लैब्राडोर कुत्ते की स्थिति यह है कि उसकी हरकतों से मालिक का पता नहीं चल पा रहा है। सूत्रों के अनुसार, तीन साल का यह लेब्राडोर कुत्ता बड़ी आसानी से दोनों दावेदारों के पास रह जा रहा है, जबकि आमतौर पर ऐसा होता नहीं है। और, लेब्राडोर जैसे उच्च नस्ल के कुत्ते से तो इसकी उम्मीद ही नहीं की जा सकती है।  

ऐसे में पुलिस के पास एक ही रास्ता बचा था…डीएनए टेस्ट। पुलिस ने विवादित लेब्राडोर कुत्ते के साथ ही शादाब के कागजात के दर्शाए उसे जन्म देने वाले पंचमढ़ी के दूसरे कुत्ते के सैंपल भी लिए हैं। अब दोनों सैंपलों का डीएनए मिलान किया जाएगा। इसके लिए पुलिस दोनों के सैंपल लेकर हैदराबाद रवाना हो गई जहां अपराध विज्ञान प्रयोगशाला में उनकी डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। दोनों दावेदारों को डीएनए मिलान की रिपोर्ट आने का इंतजार है। 

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