November 24, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शख्सियत

स्मृति-शेषः नई पीढ़ी को प्रेरित करती थी श्री राजाराम जायसवाल की शख्सियत

नई दिल्ली।
कोरोना महामारी ने दिल्ली के जायसवाल समाज को एक बड़ा झटका दे दिया है। वयोवृद्ध समाजसेवी और जायसवाल जागृति पत्रिका के संपादक श्री राजाराम जायसवाल का बीते रोज (3 मई, 2021) निधन हो गया। इसका समाचार मिलते ही समाज में शोक की लहर दौड़ गई। तमाम सामाजिक संगठनों और सेवियों ने सोशल मीडिया पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि हफ्तेभर पहले 26 अप्रैल को उनकी धर्मपत्नी श्रीमती चंद्रप्रभा जायसवाल भी कोरोना संक्रमण का शिकार हो गई थीं। 
अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के संस्थापकों में शामिल ख्यातिनाम समाजसेवी श्री वेदकुमार जायसवाल ने अपने पुराने साथी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शिवहरेवाणी को बताया कि श्री राजाराम जायसवाल से उनका 39 साल पुराना साथ था। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के थे लेकिन उनकी परवरिश और शिक्षा-दीक्षा मुंबई में हुई। 1982 में केंद्रीय वित्त मंत्रालय की सेवा में दिल्ली आए थे, जहां से वह पदोन्नत होकर इलेक्ट्रॉनिकी विभाग में ‘सहायक निदेशक राजभाषा’ बने  और इसी विभाग में ‘संयुक्त निदेशक राजभाषा’ के पद से रिटायर हुए। श्री वेदकुमारजी ने बताया कि वह केंद्र सरकार के एटामिक इनर्जी विभाग में ‘निदेशक राजभाषा’ के पद पर कार्यरत थे, जिसके चलते श्री राजारामजी से उनका परिचय हुआ। उनके संपर्क में आने के बाद राजारामजी भी सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय हो गए। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने जायसवाल जागृति पत्रिका का प्रकाशन किया, जो समाज की संभवतः पहली पत्रिका है जो बीते 27 वर्ष से नियमित रूप से प्रकाशित हो रही है। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती चंद्रप्रभा जायसवाल भी समाजिक क्षेत्र में सक्रिय थीं, और जायसवाल जागृति संस्था की महिला प्रकोष्ठ की संरक्षक थीं। 85 वर्षीय श्री  राजाराम जायसवालजी दिल्ली के गुलाबी बाग क्षेत्र में रहते थे अपने पीछे दो पुत्रों एवं दो पुत्रियों के भरे-पूरे परिवार को छोड़ गए हैं। 
मुंबई निवासी वरिष्ठ समाजसेवी श्री कृष्णकांत जायसवाल ने श्री राजाराम जायसवाल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि समाज ने एक अमूल्य धरोहर को खो दिया है। उन्होंने शिवहरेवाणी को बताया कि 
उन्हें एक मई को इसकी जानकारी उनकी पुत्र बधू शालिनी जी के द्वारा हुई थी, जिस पर उन्होंने  दिल्ली के सभी सजातीय भाई-बहनों से मदद करने के लिए फोन किया। शैलेन्द्र  जायसवाल, राजीव जायसवाल सीए, आदित्य वर्धनमजी, प्रदीप  जायसवाल, अनिल  जायसवाल  (स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली), सहित सभी समाजसेवी भाई बहनों ने अपने स्तर से मदद की। प्रदीप जी ने अपना आक्सीजन सिलेंडर भेज कर उन्हें आक्सीजन की कमी पुरी की थी। राजीव जी ने नोयडा के एक कोविड हास्पीटल में एडमिट कराया था। 2 मई की शाम उन्हें तकलीफ बढ़ी थी। रात मे दो बजे तक ठीक थे। परंतु 5 बजे के आसपास उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने कहा कि समाज को लंबे समय तक श्री राजाराम  जी जायसवाल की कमी  महसूस होती रहेगी। 
राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की संयोजक श्रीमती अर्चना जायसवाल ने श्री राजाराम जायसवाल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसे समाज की अपूर्णनीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि जायसवाल जागृति पत्रिका में अपने आलेखों के माध्यम से उन्होंने समाज में जिस जागरूकता का संचार किया, उसने नई पीढ़ी को सामाजिक सेवा के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित किया है। महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री किशोर राय ने कहा कि श्री राजाराम जायसवाल का आकस्मिक निधन समाज की बड़ी क्षति है। उन्होंने उनके पुत्रों से अपेक्षा की है कि वे अपने पिता की सेवा की विरासत को आगे बढ़ाएंगे। 
जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा दिल्ली के अध्यक्ष श्री शैलेंद्र जायसवाल एडवोकेट ने श्री राजाराम जायसवाल के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया। जायसवाल समाज दिल्ली के पदाधिकारियों ने जूम मीटिंग कर श्री राजाराम जायसवालजी को श्रद्धांजलि अर्पित की।  समाज के कोषाध्यक्ष रमेश बाबू जायसवाल ने कहा कि राजाराम जायसवाल जी समाज के सभी कार्यक्रमों मे उपस्थित रह कर हम सबका उत्साह बढ़ाते थे समाज के अन्य सदस्यों ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

 

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