फिरोजाबाद।
फिरोजाबाद में शिवहरे समाज के लोगों का ओबीसी सर्टिफिकेट बनाने की प्रशासन की हठधर्मिता एक युवा चिकित्सक के भविष्य की राह में रोड़ा बन गई है। दंत चिकित्सक डा. पीयूष शिवहरे को एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान में नौकरी का आवेदन करने के लिए ओबीसी सर्टिफिकेट बनवाना है, जिसके लिए उनके वृद्ध पिता पिछले आठ दिनों से तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। बीते रोज आवेदन रद किए जाने पर परिजनों का धैर्य जवाब दे गया और इसे लेकर तहसील कार्यालय में जमकर हंगामा किया, अफसरों से उनकी कहासुनी भी हुई। सीनाजोरी यह कि तहसीलदार ने वृद्ध पिता और उनकी एडवोकेट बेटी को गिरफ्तार करने की धमकी दे डाली, पुलिस बुला ली। मामले के समाधान के लिए सिरसागंज के चेयरमैन सोनी शिवहरे और एसडीएम ने दखल दिया है लेकिन समाचार लिखे जाने तक डा. पीयूष शिवहरे का ओबीसी सर्टिफिकेट नहीं बना है।
दरअसल फिरोजाबाद में शिवहरे गारमेंट्स के प्रोपराइटर सुनील शिवहरे के बेटे डा. पीयूष शिवहरे दंत चिकित्सक (एमडीएस) हैं, और वर्तमान में नेपाल के एक अस्पताल में काम कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, उन्हें दिल्ली स्थित एक शीर्ष चिकित्सा संस्थान में नौकरी के लिए आवेदन करना है जिसके लिए उन्हें ओबीसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता है। उनके पिता सुनील शिवहरे बीते आठ दिनों से इसके लिए तहसील कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, पहले तो लेखपाल वीरेंद्र यादव ने सर्टिफिकेट बनाने से साफ इनकार कर दिया लेकिन सुनील शिवहरे की ओर से ओबीसी जातियों की सूची दिखाने और संबंधित नियमों का हवाला दिए जाने पर लेखपाल को मानना पड़ा कि शिवहरे सरनेम से ओबीसी सर्टिफिकेट बन सकता है। इसके बाद लेखपाल ने उनसे आयकर रिटर्न मांगे। सुनील शिवहरे का कहना है कि उन्होंने अपने आयकर रिटर्न दे दिए लेकिन बीते रोज तहसीलदार संत राज और लेखपाल वीरेंद्र यादव ने रिटर्न की गलत तरीके से गणना कर क्रीमी लेयर का हवाला देते हुए ओबीसी सर्टिफिकेट बनाने से इनकार कर उनका आवेदन रद कर दिया।
इस पर सुनील शिवहरे की पुत्री श्रीमती उज्ज्वल शिवहरे एडवोकेट तहसीलदार कार्यालय पहुंचीं और आयकर नियमों को हवाला हुए तहसीलदार से ओबीसी सर्टिफिकेट बनाने को कहा। उनकी दलीलों से निरुत्तर तहसीलदार इस कदर खिसिया गए कि उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी तक दे डाली। यहां तक कि पुलिस भी बुला ली। इस बीच शिवहरे समाज एकता समिति के संयोजक सुगम शिवहरे और कोषाध्यक्ष सोनू शिवहरे तथा मीडिया के लोग भी वहां पहुंच गए। इस बीच सुनील शिवहरे ने सिरसागंज के चेयरमैन सोनी शिवहरे को फोन पर मामले की जानकारी दी। सोनी शिवहरे ने एसडीएम सदर राजेश कुमार वर्मा से बात कर मामले में दखल देने का आग्रह किया।
जानकारी के मुताबिक, एसडीएम ने तहसीलदार से बात की है। लेकिन, बुधवार शाम को समाचार लिखे जाने तक डा. पीयूष शिवहरे का ओबीसी सर्टिफिकेट नहीं बन सका है। बेंगलुरू के एक लॉ कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर श्रीमती उज्ज्वल शिवहरे एडवोकेट ने शिवहरेवाणी को बताया कि सर्टिफिकेट नहीं बनाने की अधिकारियों की जिद अपने आपमें आश्चर्यजनक है, लेकिन किसी अधिकारी की जिद कानून से ऊपर नहीं हो सकती। सुनील शिवहरे का आरोप है कि ओबीसी सर्टिफिकेट बनवाने के लिए उनसे घूस मांगी गई थी जिसे देने से उन्होंने इनकार कर दिया।
वहीं सुगम शिवहरे ने बताया है कि उन्होंने शिवहरे समाज एकता समिति के अध्यक्ष श्री कमल गुप्ता एडवोकेट को इस बारे में पूरी जानकारी दी है। श्री कमल गुप्ता एडवोकेट ने कहा है कि वह समाज के बच्चों के ओबीसी सर्टिफिकेट बनाने को लेकर प्रशासन की हठधर्मिता के खिलाफ एकजुट होकर अपने अभियान को मजबूत करेंगे। बता दें कि बीते दिनों शिवहरे समाज एकता परिषद ने बैठक कर इस मुद्दे पर संघर्ष करने का फैसला किया था।
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