November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शिक्षा/करियर

क्रॉसबोः जसवंतनगर के तुषार बने नेशनल चैंपियन, अब निशाने पर वर्ल्ड चैंपियनशिप

जसवंतनगर (इटावा)
इटावा मे जसवंतनगर के तुषार शिवहरे ने उत्तराखंड में आयोजित थर्ड क्रॉसबो नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल हासिल किया है। सीनियर मेंस वर्ग में इस शानदार प्रदर्शन के साथ तुषार शिवहरे ने वर्ल्ड कप और वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर लिया है। तुषार की इस सफलता पर जसवंतनगर के लोगों ने हर्ष व्यक्त करते हुए वापसी पर उनका जोरदार स्वागत किया है। 

बीते दिनों उत्तराखंड के रामनगर ढेला में आयोजित इस स्पर्धा में तुषार शिवहरे ने क्रॉसबो से अचूक निशाने साधकर सभी को प्रभावित किया। जसवंतनगर में लोहामंडी निवासी श्री विनोद कुमार गुप्ता और श्रीमती बबली गुप्ता के 23 वर्षीय पुत्र तुषार शिवहरे एमए करने के बाद अब एलएलबी कर रहे हैं। तीन भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे तुषार शिवहरे करीब दो वर्ष से क्रॉसबो खेल रहे हैं।

क्या होता है क्रॉसबो
आपको बता दें कि भारत के लिए क्रॉसबो एक नया गेम है, और यह बहुत कुछ तीरंदाजी (बो) से मिलता जुलता है। दोनों गेम एक ही सिद्धांत पर काम करते हैं, अंतर यह है कि तीरकमान में जहां कमान खींचनी पड़ती है, वहीं क्रॉसबो में प्लेयर को रायफल की तरह ट्रिगर दबाना पड़ता है। ईसा पूर्व सातवीं सदी में प्राचीन चीन और यूरोप के यूनान में क्रॉसबो का अविष्कार हुआ था और इसका ज्यादातर इस्तेमाल शिकार में किया जाता था। अब स्वीडन, स्पेन, रूस जैसे समेत तीस से अधिक देशों में क्रॉसबो अब एक स्पोर्ट के रूप में लोकप्रिय हो रहा है। इसे ओलंपिक तथा अन्य प्रतिष्ठित स्पर्धाओं में शामिल नहीं किया गया है। बताया जाता है कि दस और देशों में इसकी नेशनल चैंपियनशिप होने लगे तो इसे ओलंपिक में शामिल किया जा सकता है। 

तुषार शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि क्रॉसबो को अभी सरकार की ओर से कोई प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है, लिहाजा खिलाड़ी पूरी तरह अपने खर्चे पर इसे खेलते हैं। एक क्रॉसबो की कीमत दो लाख से 5-6 लाख तक की होती है। लिहाजा देश में इस खेल को सरकारी की ओर से प्रोत्साहन मिलना जरूरी है। वर्ल्ड क्रॉसबो एसोसिशएन के अधिकारी भी भारतीय प्रतिभाओं से काफी इंप्रेस हैं, लिहाजा सरकार को चाहिए इस खेल को प्रोत्साहन दें ताकि ओलंपिक में इसके शामिल होने के बाद भारतीय प्लेयर्स देश के गौरव में चार चांद लगा सकें। 

तुषार शिवहरे एक कारोबारी परिवार से हैं, और स्वयं भी बिजनेस में अपना करियर देखते हैं। उनके बड़े भाई विवेक शिवहरे कांट्रेक्टर हैं और दूसरे नंबर के भाई प्रतीक शिवहरे बिजनेस में हैं। बहन श्रीमती शशि गुप्ता का विवाह मथुरा में ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजेश गुप्ता से हुई है। आगरा के श्री गोपाल शिवहरे (सेक्टर-8) तुषार शिवहरे के मामाजी हैं।
 

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