रायपुर।
छत्तीसगढ़ की बिजनेस वुमन श्रीमती श्वेता जायसवाल ने मिसेज इंडिया क्वीन ऑफ नेशन 2021 का खिताब जीत लिया है। 25 अगस्त को नागपुर में आयोजित फाइनल इवेंट में देश की पहली मिसेज वर्ल्ड एवं अभिनेत्री अदिती गोवित्रीकर ने उन्हें ताज पहनाया। श्वेता जायसवाल अपनी कामयाबी का श्रेय पति श्री देवांशु जायसवाल को देती हैं जो खुद भी एक मॉडल रहे हैं। श्वेता अब मिस वर्ल्ड स्पर्धा की तैयारी कर रही हैं। वह देश-दुनिया में राज्य और अपने समाज का नाम रोशन करने का इरादा रखती हैं।
श्वेता जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि यह एक कड़ी स्पर्धा थी जिसके लिए इस साल फरवरी से हर स्टेट में ऑडीशन हुए और विभिन्न स्तरों पर शॉर्टलिस्ट करते हुए अंतिम 12 प्रतिभागियों को फाइनल में जगह मिली। नागपुर के होटल रेजेंटा सेंट्रल में 23 अगस्त से 25 अगस्त तक तीन दिन का फाइनल इवेंट हुआ जिसमें पहले दिन टेलेंट राउंड, दूसरे दिन फ़िटनेस राउंड ओर तीसरे व अंतिम दिन रैंप वाक का आयोजन किया गया था। तीनों राउंड में श्वेता का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा जिसके आधार पर ज्यूरी ने उन्हें ‘मिसेज इंडिया क्वीन ऑफ द नेशन 2021’ अवार्ड विनर घोषित किया। वर्ष 2000 की मिसेज वर्ल्ड रहीं अदिती गोवित्रीकर ने उन्हें क्राउन पहनाया।
मूल रूप से अंबिकापुर की रहने वाली श्वेता जायसवाल ने रायपुर से बीएससी (कंप्यूटर साइंस) किया। 2007 में उनका विवाह बैकुंठपुर के देवांशु जायसवाल से हुआ जो होटल व्यवसाय में हैं। रायपुर में उनका ‘रायपुर इन’ नाम से उनका एक होटल है जिसका संचालन श्वेता जायसवाल करती हैं। जबकि देवांशु जायसवाल न्यू रायपुर स्थित अपने ‘आरण्यम रेस्टोरेंट’ का संचालन देखते हैं।
देवांशु जायसवाल ने बताया कि उनके एक फ्रेंड ने उन्हें इस कांटेस्ट की जानकारी दी थी जिस पर उन्होंने श्वेता से इसमें भाग लेने को कहा। श्वेता जायसवाल इस पर राजी हो गईं और पहले ही दिन से तैयारी में जुट गईं। श्वेता जायसवाल ने कहा कि एक बिजनेस वुमन होने के नाते उनमें आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं थी, और इसे वह अपनी कामयाबी की सबसे बड़ी वजह मानती हैं। इसके लिए वह अपने पति को श्रेय देती हैं, जिन्होंने उन्हें शुरू से ही आत्मनिर्भर महिला बनने के लिए प्रेरित किया।
फिलहाल, श्वेता जायसवाल को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। श्वेता ने बताया कि परिवार के लोगों और सभी फ्रेंड्स उनकी कामयाबी से बहुत खुश हैं। 35 वर्षीय श्वेता जायसवाल दो बच्चों, पुत्री आरण्वी और पुत्र वर्णेन्यम की मां हैं, जिनकी देखभाल करते हुए अपने होटल को भी संभालती हैं। वह छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तीकरण की एक मिसाल बन गई हैं। इसके लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
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