गरियाबंद (रायपुर)।
महज 12 साल का एक स्कूली बच्चा कोई किताब कैसे लिख सकता है भला, और वो भी खगोलशास्त्र जैसे जटिल विषय पर! हो सकता है कि दुनिया में यह पहला कारनामा हो। यदिऐसा है तो कक्षा 8 के होनहार छात्र पीयूष जायसवाल के लिए यह दोहरी खुशी होगी। एक तो उनकी किताब प्रकाशित हो ही चुकी है, दूसरे खगोलशात्र पर सबसे कम उम्र में पुस्तक लिखने वाले लेखक के रूप में उनका नाम गिनीज बुक में भी दर्ज हो सकता है। फिलहाल इतना तो तय है कि पुस्तक की बिक्री से पीयूष को रॉयल्टी के रूप में अच्छी खासी कमाई शुरू होने वाली है।
हिंदी टीचर माता-पिता के होनहार पुत्र पीयूष जायसवाल ने बहुत आसान और सुग्राह्य अंग्रेजी में लिखी 88 पृष्ठों की इस पुस्तक में ग्रहों, सौरमंडल, ग्रहों की संरचना और उनके उपग्रहों, धूमकेतु, उल्कापिंड, ब्लैकहोल आदि से जुड़ी तमाम अहम जानकारियों को 13 अध्यायों में समाहित किया है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जिला मुख्यालय में बीते रोज पुस्तक का विमोचन करते हुए कलक्टर नीलेश क्षीरसागर ने कहा कि यह अजूबा लगता है, वह गिनीज बुक वालों से संपर्क कर पीयूष का नाम दर्ज होने की संभावनाएं तलाशेंगे। वहीं एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने भी नन्हें राइटर की तारीफ करते हुए कहा है कि पीयूष ने 1000 पन्नों की जानकारी केवल 88 पन्नों के इस किताब में मौजूद है।
पीयूष जायसवाल रायपुर में गरियाबंद के मूंगझर स्थित डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं। पीयूष के पिता पी. जायसवाल डीएवी स्कूल में हिंदी के टीचर हैं, वहीं उसकी मम्मी श्रीमती एस जायसवाल भी एक अन्य स्कूल में हिंदी पढ़ाती हैं। छोटी बहन साक्षी जायसवाल कक्षा 6 में पढ़ती है। पीयूष बाल-प्रतिभा की जीती-जागती मिसाल है। माता-पिता दोनों हिंदी के शिक्षक हैं, जाहिर है घर में भी हिंदी का ही माहौल है लेकिन पीयूष ने अंग्रेजी को अपने लेखन का माध्यम बनाया है। वह फर्राटेदार अंग्रेजी बोल सकता है, और इसीलिए स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अक्सर वह एंकर की भूमिका में होता है।
एक पुस्तक बिकने पर मिलेगी 28 रुपये की रॉयल्टी
प्रकाशक नोशन प्रेस से तय अनुबंधों के आधार पर पिता ने बताया कि नोशन प्रेस इस पुस्तक को 150 देशों के 30 हजार बुक डिपो में उपलब्ध करवा रही है। एमेजन और फ्लिपकार्ट में भी इसकी मार्केटिंग होगी। किताब की कीमत 165 रुपए है, जिसमें 17 प्रतिशत रॉयल्टी रॉयटर्स को मिलना है जो लगभग 28 रुपये होती है।
पिता पी.जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि एस्ट्रोनॉमी (खगोलशास्त्र) शुरू से पीयूष का फेवरेट सब्जेक्ट रहा और यही वजह है कि उसने कक्षा छह से ही डा. एपीजे अब्दुल कलाम और स्पेसफील्ड साइंटिस्ट एलन मस्क की पुस्तकें पढ़नी शुरू कर दी थीं। दो साल पहले उसने नसों ओलंपियाड में गोल्ड मैडल हासिल किया। वह बताते हैं कि एपीजे अब्दुल कलाम और एलन मस्क से प्रेरित होकर पीयूष ने भी पुस्तक लिखने की ठान रखी थी, और इसके लिए उसने 50 से भी ज्यादा किताबें, यूट्यूब व अन्य सोशल नेटवर्क साइट्स का अध्ययन किया है। फिर 13 अध्यायों में इन जानकारियों को रोचक शैली में पिरोया। पीयूष ने हर अध्याय के अंत में स्कूली किताब की भांति प्रश्न उत्तर का जिक्र किया।
पी.जायसवाल बताते हैं कि शुरू में उन्हें पुस्तक प्रकाशित हो पाने पर संशय था। मित्रों की सलाह पर उन्होंने सीबीएसई की पुस्तकें प्रकाशित करने वाले नोशन प्रेस बुक्स से संपर्क किया, फिर ईमेल से पुस्तक की सामग्री का विवरण भेजा जिसका अध्ययन करने के बाद नोशन प्रेस ने पुस्तक प्रकाशित करने की स्वीकृति दे दी। नोशन प्रेस ने प्रकाशन से पहले दो बार पीयूष से पुस्तक की सामग्री में सुधार मांगे। बीती 22 जुलाई, 2021 को नोशन प्रेस ने इसे प्रकाशित कर दिया। पुस्तक हाथ में आते ही पीयूष की खुशी का ठिकाना न रहा।
Leave feedback about this