करवा चौथ का शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारंभ – सुबह 3.01 बजे (24 अक्टूबर, 2021)
चतुर्थी तिथि समाप्त – सुबह 5.43 बजे (25 अक्टूबर 20201)
चंद्रोदय का समय – रात 8.11 बजे
करवा चौथ पूजा मुहूर्त – शाम 6.55 बजे से रात्रि 8.51
आगरा।
आज करवाचौथ का व्रत कर रहीं महिलाओं के लिए अच्छी खबर है। नक्षत्रों और ग्रहों के कई शुभ संयोग बन रहे हैं जो उनके अखंड सौभाग्य को बढ़ाने के साथ ही जीवन में खुशी और समृद्धि लाकर एक नई ऊर्जा का संचार कर सकते हैं।
इनमें एक बड़ा संयोग रोहिणी नक्षत्र और रविवार का बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस संयोग से व्रत स्त्रियों को भगवान श्रीगणेश के साथ सूर्यदेव की कृपा भी प्राप्त होगी। बता दें कि चतुर्थी की तिथि भगवान गणेश की मानी जाती है।
इसके अलावा पांच बड़े योग बन रहे हैं जिनकी जुगलबंधी सुहागिन महिलाओं के अखंड सौभाग्य को बढ़ाएंगे। ये पांच योग हैं शशमहापुरुष योग, उभयचरी योग, शंख योग, शुभकर्तरी योग और विमल योग। आइये इन योगों के बारे में जानते हैः-
शश महापुरुष योगः- यह शनि की विशेष स्थिति से बनता है, इस योग से धन, संपत्ति, समृद्धि, प्रसिद्धि सहज ही प्राप्त हो जाती है।
उभयचरी योगः करवा चौथ पर सूर्य से चंद्रमा के अतिरिक्त राहु-केतु की विशेष स्थिति उभयचरी योग बना रही है। जो व्रत रखने वाली सुहागिनों के भाग्य प्रबल बनाएगा।
शंख योगः शंख योग के चलते करवा चौथ का यह पर्व महिलाओं को दया, पुण्य, बुद्धि जैसे गुणों से संपन्न करेगा, सुकर्मों की ओर से रुझान पैदा करेगा।
शुभ कर्तरी योगः-करवा चौथ पर शुभ ग्रहों (बृहस्पति,शुक्र,चन्द्रमाँ,बुध) की विशेष स्थिति यह योग बना रही है। यह वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाएगा और धनाभाव में धन प्राप्ति कराएगा।
विमल योगः-करवा चौथ पर यह योग धन संचय की प्रवृत्ति को बढ़ाने और सदाचारी जीवन की ओर प्रवृत्त करेगा।
इस तरह करवा चौथ पर इन योगों का संयोग आपके जीवन में लाभपूर्ण बदलाव लाने वाला सिद्ध हो सकता है। इसीलिए बेहतर की उम्मीद रखिये, और अपने जीवन को धैर्य, संतोष, प्रेम व शांति से परिपूर्ण बनाने का प्रयास कीजिए।
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