आगरा।
आज अहोई अष्टमी का व्रत है, यानी दीपावली के आरंभ होने की सूचना देने वाला पर्व। आज से ठीक सातवें दिन दीपावली होगी। कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर रखा जाने वाला अहोई अष्टमी का व्रत पहले पुत्रों की माताएं पुत्रों के स्वास्थ्य एवं दीर्घायु के लिए करती थीं। आज के बदलते दौर में वे महिलाएं भी व्रत रखने लगी हैं जो पुत्री या पुत्रियों की मां हैं। एक-दो नहीं, ऐसी कई महिलाएं हैं और आने वाले वक्त में यह एक परंपरा का रूप लेगी। वैसे भी, मूलतः यह व्रत संतान के स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए रखे जाने का उल्लेख है, चाहे वह पुत्र हो या पुत्री।
अहोई अष्टमी की तिथि गुरुवार 28 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 51 मिनट पर आरंभ हो रही है। पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6.40 बजे से रात 8.50 बजे तक रहेगा। खास बात यह है कि आज अहोई अष्टमी पर गुरु-पुष्य योग बन रहा है जो पूजा और शुभ कार्यों के लिए शुभ फलदायी होता है। एक और बात जो ध्यान रखनी है, वह यह कि शाम 5 बजकर 03 मिनट से 6 बजकर 39 मिनट तक मेष लग्न रहेगी जिसे चर लग्न कहते हैं, इस काल में पूजा करना शुभ नहीं माना जाता है। अहोई आठे तिथि का समापन 29 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 9 बजे तक रहेगा। जो महिलाएं सुबह की पूजा करती हैं, वे शुक्रवार सुबह अहोई अष्टमी की पूजा कर सकती हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अहोई अष्टमी के दिन खास उपाय करने से संतान की प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है। निःसंतान दंपति को अहोई अष्टमी के दिन गणेशजी पर बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। साथ ही ‘ओम पार्वतीप्रियनंदनाय नम:’ मंत्र का 11 माला जाप करें। मान्यता है कि अहोई अष्टमी के दिन से लगातार 45 दिनों तक यह उपाय अपनाने से आपको संतान की प्राप्ति हो सकती है।
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