November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

चित्रकूट में शिवहरे धर्मशाला विवाद; सुरेंद्रनाथ शिवहरे को अध्यक्ष पद से हटाया; केशवबाबू शिवहरे बने नए अध्यक्ष; सुरेंद्रनाथ ने एसपी से की शिकायत

बांदा। 
चित्रकूट स्थित शिवहरे धर्मशाला में अध्यक्ष को लेकर विगत कई माह से चल रही उथल पुथल में एक नया मोड़ आ गया, जब बीते रोज (14 नवंबर, रविवार) प्रबंध समिति की एक बड़ी मीटिंग में दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित कर श्री सुरेंद्रनाथ शिवहरे (कपिला पशु आहार, कानपुर) को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। उनके स्थान पर सर्वसम्मति से मोदहा (हमीरपुर) के श्री केशवबाबू शिवहरे को नया अध्यक्ष बनाया गया है। यही नहीं, धर्मशाला के दो कमरों में कथित तौर पर श्री सुरेंद्रनाथ शिवहरे के लगाए ताले भी खुलवा दिए गए। 
दूसरी तरफ, श्री सुरेंद्रनाथ शिवहरे ने जबरिया धर्मशाला पर कब्जा करने और ताले तोड़कर घुसने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इस संबंध में उन्होंने सतना के एसपी को एक शिकायती पत्र भेजा है, जिसकी प्रतिलिपि नयागांव (चित्रकूट) थाना प्रभारी को भेजकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
नव नियुक्त अध्यक्ष श्री शिवहरे ने बताया कि शिवहरे धर्म शाला चित्रकूट धाम में है यह तीर्थ स्थान है यहां दूर दराज से समाज के लोग कामतानाथ के दर्शन के लिए आते है लेकिन यंहा भारी अव्यवस्था होती थी। ऐसी शिकायतों से समाज और सामाजिक धर्मशाला की छवि खराब होती थी। समाज के लोगों को धर्मशाला के कर्मचारियों से बेइज्जत होना पड़ता था, और कई बार महंगे पैसे देकर दूसरे होटलों में रुकना पड़ता था।

सुरेंद्रनाथ शिवहरे अब केवल कार्यकारिणी सदस्य
बैठक में सर्वसम्मति से नवीन कार्यकारिणी की घोषणा की गई जिसमें श्री केशवबाबू शिवहरे को अध्यक्ष बनाने के साथ ही श्री महादेव शिवहरे को उपाध्यक्ष, श्री राजकुमार गुप्ता को मंत्री, श्री द्वारिका प्रसाद शिवहरे को संगठन मंत्री, श्री कालिका प्रसाद शिवहरे को कोषाध्यक्ष, श्री प्रकाशबाबू गुप्ता को प्रचार मंत्री, श्री श्यामलाल शिवहरे को ऑडीटर बनाया गया। इनके अलावा श्री संदीप कुमार गुप्ता, श्री वेदप्रकाश गुप्ता, श्री अखिलेश शिवहरे, श्रीमती राजेश्वरी शिवहरे पत्नी स्व. श्री रमेशचंद्र शिवहरे, श्री सुरेंद्रनाथ शिवहरे (कपिला, कानपुर) और श्री अजय गुप्ता को सदस्य के तौर पर नई कार्यकारिणी में स्थान दिया गया है।

अल्टीमेटमः तीन दिन में ताले खोलें 
बैठक में आरोप लगाया गया कि श्री सुरेंद्रनाथ शिवहरे बीती 11 नवंबर को सहस्त्रबाहु जयंती पर धर्मशाला में आए थे, और कार्यक्रम में भाग लेने के पश्चात 5 कमरों में अपना ताला लगाकर चले गए । जबकि, धर्मशाला के सभी कमरे किराये पर दिए जाते हैं जिनसे होने वाली आय से ही इसका रखरखाव होता है। 13 नवंबर को धर्मशाला के चार कमरों की मरम्मत का काम चल रहा था, और बाकी सभी कमरे बुक थे, लिहाजा कार्यकारिणी सदस्यों को ठहरवाने के लिए दो कमरों के ताले खुलवाने पड़े थे जो श्री सुरेंद्रनाथ शिवहरे ने लगाए थे। बैठक में प्रस्ताव पारित कर श्री सुरेंद्रनाथ शिवहरे को अल्टीमेटम दिया है कि कि वे तीन दिन के अंदर बाकी कमरों में लगाए अपने ताले खुलवा दें, वरना मजबूरन हमें ये ताले तुड़वाने पड़ेंगे।

सुरेंद्रनाथ शिवहरे पर और भी कई आरोप
बैठक में श्री सुरेंद्रनाथ शिवहरे के खिलाफ आरोपों की एक लंबी फेहरिस्त जारी की, मसलन उन्होंने कभी नियमतः और समयानुसार कार्यकारिणी की बैठक नहीं बुलाई, स्वयं मीटिंग का प्रस्ताव पारित करने, स्वयं कमेटी का गठन करने, बगैर प्रस्ताव के सदस्यों को हटा देने और नए सदस्य रखने के आऱोप भी लगाए। इस संबंध में उनके पुत्र विशाल शिवहरे का उल्लेख किया गया जिन्हें बगैर प्रस्ताव के कार्यकारिणी में शामिल कर उन्हें उपाध्यक्ष बना देने की बात कही।

19 दिसंबर को कार्यकारिणी की अगली बैठक
बैठक में लखनऊ निवासी कार्यकारिणी सदस्य श्री संदीप कुमार गुप्ता औऱ उनके बड़े भाई श्री धर्मेंद्र गुप्ता ने धर्मशाला की ऊपरी मंजिल के सभी सातों कमरों की मरम्मत और सुंदरीकरण कराने का प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए इसका पूरा खर्च वहन करने का आश्वासन दिया। इसके लिए उन्होंने बैठक में ही कोषाध्यक्ष को दो लाख रुपये की धनराशि सौंपी। बैठक में धर्मशाला से संबंधित कई अन्य प्रस्ताव भी पारित किए गए। अगली बैठक अब 19 दिसंबर को होना निर्धारित हुआ है।

पुलिस से कार्रवाई की मांग, सुरेंद्र शिवहरे ने कहा-हो सकती है कोई अप्रिय घटना
वहीं दूसरी ओर, श्री सुरेंद्रनाथ शिवहरे ने एसपी सतना को शिकायती पत्र लिखकर आरोप लगाया कि संस्था के बायलाज के विपरीत खुद स्वयंभू वर्तमान अध्यक्ष बनने के उद्देश्य से उक्त व्यक्ति द्वारा बैठक बुलाई गई और दबंगई से अध्यक्ष पद को भी हथियाने का प्रयास किया जा रहा है। संस्था के बायलाज के अनुसार वह वैधानिक रूप अध्यक्ष पद पर काबिज हैं। केशव बाबू शिवहरे द्वारा बुलाई गई बैठक पूर्णतया संस्था के नियमों के विपरीत है। उन्होंने केशवबाबू शिवहरे पर सीधे तौर पर आरोप लगाया कि वह संस्था व बाहर के कुछ अन्य अराजक तत्वों से मिलकर धर्मशाला पर कब्जा करने की कोशिश निरंतर करते आ रहे हैं। उन्होंने एसपी से संस्था को पुलिस सुरक्षा देकर अराजकतत्वों पर कार्यवाही करने की मांग की है और आशंका जताई कि यदि पुलिस सुरक्षा न मिली तो शीध्र ही कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है।

 

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