आगरा/फिरोजाबाद।
फिरोजाबाद में बीती 12 दिसंबर को हरिवंश गुप्ता (शिवहरे) की मौत बाथरुम में लगे गैस गीजर की वजह से हुई थी। पहले इसे लेकर संदेह था, लेकिन स्थिति-परिस्थिति और गैस गीजर से हुई पुरानी घटनाओं को देखते हुए यह लगभग स्पष्ट हो चुका है। परिवार के नजदीकी लोगों का भी कहना है कि हो ना हो, हादसा गैस गीजर की वजह से ही हुआ है। हरिवंश गुप्ता अपने घर के बाथरूम में मूर्छित मिले थे, अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
गैस गीजर में एलपीजी से पानी गर्म करने का सिस्टम होता है। बिजली के गीजर के मुकाबले गैस गीजर काफी सस्ते होते हैं और इनके संचालन का खर्च भी बिजली गीजर चलाने के मुकाबले कम रहता है। यह सब तो ठीक है, लेकिन गैस गीजर के इस्तेमाल में बरते जाने वाले ऐहतियात को लेकर लोग जागरूक नहीं हैं, जिससे हादसे हो जाते हैं। गैस गीजर के लिए नीचे कुछ जरूरी एहतियात हैः-
1. गैस गीजर को बाथरूम के बाहर ही लगाना चाहिए, और वहां से एक पाइप के माध्यम से पानी गर्म बाथरूम में जाने की व्यवस्था बनाएं।
2. यदि गैस गीजर बाथरूम में लगाना ही एकमात्र विकल्प है तो ध्यान रखें कि उस बाथरूम में एक वेंटीलेटर (खिड़की) अवश्य होना चाहिए, जिसमें एग्जॉस्ट लगाएं। वरना बाथरूम कभी भी गैस चैंबर में बदल सकता है।
3. गैस गीजर को एक बार में लगातार 5 मिनट से अधिक नहीं चलाएं।
4. कोशिश यह करें कि बाथरूम में गैस गीजर चलाकर गर्म पानी से बाल्टी भर लें, फिर गैस गीजर बंद करके बाथरूम में घुसें।
इसलिए बेहद खतरनाक है
गैस गीजर के कारण होने वाले ऐसे हादसे एलपीजी गैस से नहीं होते, बल्कि कार्बन डाईऑक्साइज (CO2) और कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO) की वजह से होते हैं। गैस गीजर में एलपीजी गैस ऑक्सीजन से संपर्क में आने के बाद जलती है जिससे पानी गर्म होता है। एलपीजी में ब्यूटेन और प्रोपेन गैस होती है जो जलने के बाद कार्बन डाईऑक्साइज (CO2) उत्पन्न करती है। वहीं एलपीजी वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन के संपर्क से जलती है, लिहाजा गीजर चलने पर बाथरूम में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जाती है औऱ कार्बन मोनोऑक्साइड बनने लगती है। ये दोनों ही गैसें, CO2 और CO, बेहद घातक होती हैं। बाथरूम में इन दोनों गैसों से या इनमें किसी भी एक गैस की अधिकता से व्यक्ति का दम घुटने लगता है, शरीर में ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रभावित हो जाता है, जिससे दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, व्यक्ति बेहोश हो जाता है और अधिक देर होने पर मौत भी हो सकती है। अब तक गैस गीजर वाले बाथरूम में कई लोग मृत पाए गए हैं, और इन सभी मामलों में हानिकारक गैसें (CO2 और CO) ही मौत की वजह रहीं।
क्या हुआ था हरिवंश के साथ
फिरोजाबाद में जलेसर रोड स्थित रामकृष्ण कालोनी (विभवनगर से आगे) निवासी 33 वर्षीय हरिवंश गुप्ता (पुत्र स्व. श्री मुकेश गुप्ता) ने घर की ऊपरी मंजिल में बने बाथरूम में दो दिन पहले ही नया गैस गीजर लगवाया था। जिस बाथरूम में गीजर लगवाया, उसमें कोई खिड़की नहीं थी। हरिवंश 12 दिसंबर की दोपहर को इस बाथरूम में नहाने घुसे थे। नीचे उनकी पत्नी श्रीमती खुश्बू और माताजी श्रीमती अनीता घर के काम में व्यस्त थीं। परिवारीजनों के मुताबिक, हरिवंश गुप्ता आदतन नहाने में अधिक समय लेते थे। जानकारों ने बताया कि उनके बाथरूम में घुसने के कुछ ही देर बाद ही बाथरूम से पटा गिरने जैसी आवाज बार-बार आ रही थी, जो थोड़ी देर बाद बंद भी हो गई। लेकिन हरिवंश जब एक घंटे तक बाथरूम से बाहर नहीं निकले तो परिजनों को संदेह हुआ। उन्होंने ऊपर जाकर बाथरूम का दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं होने पर बाथरूम का दरवाजा तोड़ा गया, तो अंदर हरिवंश मूर्छित अवस्था में मिले। आनन फानन में उन्हें फिरोजाबाद के ट्रोमा सेंटर और फिर आगरा ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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