नई दिल्ली।
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron) का खौफ बढ़ता जा रहा है। देश में अब तक 580 से अधिक केस मिल चुके हैं। कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। ऐसे में कोरोना संबंधी एहतियात बरतना हर किसी के लिए जरूरी है। ब्लड ग्रुप A, B और RH+ वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए, ऐसा एक हालिया शोध में सामने आया है। शोध में संकेत मिला है कि A, B ब्लड ग्रुप और RH+ वाले लोगों को कोरोना संक्रमण (Corona infection) का खतरा बहुत अधिक होता है। वहीं AB, O ब्लड ग्रुप और Rh- वाले लोगों में कोरोना होने का खतरा कम है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह शोध ‘फ्रंटियर्स इन सेल्युलर एंड इंफेक्शन माइक्रोबायोलॉजी’ पत्र में प्रकाशित हुआ है। यह अध्ययन वास्तविक समय पीसीआर के माध्यम से परीक्षण किए गए कुल 2,586 कोरोना रोगियों पर किया गया था, जिन्हें 8 अप्रैल 2020 से 4 अक्टूबर 2020 तक सर गंगा राम अस्पताल (SGRH) में भर्ती कराया गया था। वैसे तो किसी खास ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति की कोरोना संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता को लेकर कोई ठोस संबंध अभी तक स्थापित नहीं है, लेकिन इस शोध में इन 2,586 मरीजों के आंकड़ों से प्राप्त नतीजे कुछ खास ब्लड ग्रुप वाले लोगों को सतर्क करने वाले हैं।
शोध में प्राप्त आंकड़ों के आधार पर अलग-अलग ब्लड ग्रुप में कोरोना होने की फ्रीक्वेंसी बताई गई है, जिसे नीचे दिए दर्शाया गया हैः-
- A ब्लड ग्रुप की फ्रीक्वेंसी 29.93%
- B ब्लड ग्रुप की फ्रीक्वेंसी 41.8%
- O ब्लड ग्रुप की फ्रीक्वेंसी 21.19 %
- AB ब्लड ग्रुप की फ्रीक्वेंसी 7.89%
क्या है RH फैक्टर
आरएच फैक्टर एक प्रोटिन है जो रेड ब्लड सेल्स की कोशिकाओं की सतह पर हो सकता है। ये जिन लोगों के खून में पाया जाता है उनके खून को आरएच पॉजिटिव (RH+) कहते हैं और जिन लोगों के खून में नहीं पाया जाता है उन्हें आरएच निगेटिव (RH-) कहते हैं। इस तरह ये भी बताता है कि किन लोगों को कोविड-19 का खतरा ज्यादा और किन लोगों में कम।
रिसर्च में बताया गया कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ए और बी है या फिर जिनमें आरएच पॉजिटिव तत्व है वे कोविड संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। जबकि जिन लोगों का ब्लड ग्रप ओ, एबी है या फिर उनके खून में आरएच तत्व नहीं है उनमें कोरोना का खतरा कम है। सर गंगा राम अस्पताल के डॉ विवेक रंजन ने कहा, ‘शोध में हमने पाया कि ब्लड ग्रुप B के पुरुष रोगियों में इसी ब्लड ग्रुप वाली महिला रोगियों की तुलना में कोविड-19 का खतरा अधिक होता है। AB ब्लड ग्रप वाले 60 वर्ष के आयु वर्ग के रोगियों में भी संक्रमण का खतरा ज्यादा है।’ हालांकि, किसी खास ब्लड ग्रुप, बीमारी की गंभीरता और मृत्यु दर के प्रति इनकी संवेदनशीलता के बीच कोई संबंध नहीं मिला है। ब्लड ग्रुप और कोविड-19 (SARS-CoV-2) के बीच संबंध का पता लगाने के लिए बड़े, बहुकेंद्रीय और संभावित अध्ययन की जरूरत है। इस शोध में बस ये पाया गया है कि ए ब्लड ग्रुप और आरएच+ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को कोरोना जल्दी हो सकता है और उन्हें इससे रिकवरी में बाकी लोगों की तुलना ज्यादा समय लग सकता है।
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