November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

युक्रेन से लौटी विदुषी शिवहरे, आगरा कैंट स्टेशन पर परिवार ने किया स्वागत

आगरा/बाड़ी।
बेटी भयंकर युद्ध के बीच जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष कर रही है, और हजारों किलोमीटर दूर बैठी उसकी मां अपने भय को छुपाकर उसे  हौसला दे रही है। और, अंत में बेटी तमाम मुश्किलों से जूझती हुई घर लौटने में कामयाब होती है। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है, हकीकत है। मां-बेटी का यह मिलन आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की एक शानदार तस्वीर है।
धौलपुर के बाड़ी की विदुषी शिवहरे युक्रेन से घर लौट आई है। 7 मार्च की देर रात आगरा कैंट स्टेशन पर वह अपने परिवार से मिली तो भावुक हो गई। पिता शेखर शिवहरे, मां वंदना शिवहरे, बहन अनामिका और भाई कृष्णा शिवहरे उसे रिसीव करने आए थे। सभी ने विदुषी की घर वापसी को सेलिब्रेट किया, रेस्टोरेंट में डिनर किया और अपनी गाड़ी से बाड़ी लौट गए। 
वंदना शिवहरे ने बताया कि बेटी ने बीत दस दिनों में बहुत  संघर्ष किया है, वह उन हालात से वह जूझकर आई है जिनकी हम कल्पना भी नहीं करते। उसने एक मुश्किल जंग जीती है, अपने बूते पर। वहीं विदुषी का कहना है कि फैमिली की सपोर्ट के बिना यह संभव नहीं था। मैं लगातार मम्मी के संपर्क में थी और वह मुझे हौसला दे रही थीं, मेरे उन फ्रेंड्स से भी बात कर रही थीं जो मेरे साथ संघर्ष कर रहे थे। मैं जानती थी कि वह बहुत चिंतित और आशंकित हैं…लेकिन उन्होंने  अपने भय को मेरे सामने  जाहिर नहीं होने दिया। 
विदुषी ने बताया कि युक्रेन पर रूस के हमले वो मंजर मेरे लिए किसी दुःस्वप्न की तरह हैं। हम तो इंडिया लौट आए हैं, लेकिन युक्रेन के नागरिकों के पास उस तबाही को झेलने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कैसे भी हो, युद्ध रुकना चाहिए।
 

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