सिलीगुड़ी (प.बंगाल)।
आप यूं ही बनाते रहिये पहचान अपनी,
हवाएं खुद ही तुम्हारा तराना गाएंगी।
कलवार, कलार, कलाल समाज के वर्गों के बीच एकता के प्रयास जिस तरह विभिन्न स्तरों पर जारी हैं, उससे देखकर लगता है कि निश्चय ही एक न एक दिन हमारा समाज एक गौरवशाली समाज की प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त कर लेगा। यह कहना है बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद का। वह सिलीगुड़ी में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कलवार, कलाल, कलार एकता महाकुंभ के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर वक्ताओं ने इस बात पर सहमति जाहिर की कि कलवार, कलाल, कलार समाज के समस्त वर्गों को अब कलचुरी या किसी एक नाम की छतरी के नीचे एकत्र हो जाना चाहिए।
उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि श्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि कलार समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। वैश्य समाज के ही एक वर्ग के रूप में कलार समाज की राष्ट्र निर्माण में भूमिका रगों में दौड़ते रुधिर की तरह है। समाज को निरंतर ऊर्जा देना हमारा संस्कार है। उन्होंने आह्वान किया कि समाजबंधु अपने बच्चों के उत्थान पर ध्यान दें, क्योंकि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है, ऐसे में हमारे नौजवान ही हमारे आज का भविष्य होंगे।
इससे पूर्व राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की संयोजिका श्रीमती अर्चना जायसवाल ने अतिथियों का परिचय देते हुए कहा कि अब जरूरत है कि हम अपनी अलग-अलग पहचान छोड़कर एक नाम के अंतर्गत एकजुट हो जाएं। इसके लिए वह लंबे समय से प्रयास कर रही हैं, और आज का आयोजन इस दिशा में मील का पत्थर बनने जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मानव जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि लोगों के जुड़ने से ही समाज में बल आता है। यदि आज हमारा समाज खड़ा है तो आने वाला समय समाज को अदभुत तरीके से आगे ले जाएगा। उन्होंने राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की राष्ट्रीय संयोजिका श्रीमती अर्चना जायसवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य है कि श्रीमती अर्चना जायसवाल जैसी नारी शक्ति आज जहां हैं, उन्हें उससे कहीं आगे होना चाहिए था। समाज के लिए उनके नेक इरादों और ईमानदार सोच का मैं कायल हूं और उनकी मुहीम को कामयाब होते देखता हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि नारी शक्ति के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। अंत में उन्होंने सभी से एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा कि हमें मिलकर समाज के लिए लड़ना है, लड़ने से दो ही चीजे होती हैं या तो हम जीतते हैं या सीखते हैं। जब हम एकजुट होंगे तो हमें चीखने-चिल्लाने की जरूरत नहीं रहेगी, क्योंकि हजारों आवाजें मिलकर फुसफुसाएंगी भी, तो भी दुनिया सुनेगी।
महामंडलेश्वर संत श्रीश्री 1008 स्वामी संतोषानंद देवजी महाराज (हरिद्वार) ने अपने आशीषवचन में स्वजातीय बंधुओं से आह्वान किया कि आप जिस भी वर्ग हैं और जो भी उपनाम लगाते हों, अपने नाम के आगे या पीछे कलवार अवश्य लिखें। अखिल भारतीय जायसवाल समवर्गीय महासभा के अध्यक्ष लालचंद गुप्ता ने अपने संबोधन में बताया कि समाज के भीष्म पितामह श्री बसंतलाल सावजी की अगुवाई में उनका संगठन विगत दो दशकों से समाज को अखिल भारतीय स्तर एकजुट करने के गंभीर प्रयास कर रहा है। और अब भी, सामाजिक एकता की किसी भी मुहीम में हर प्रकार साथ देने को तैयार है।
सीआरपीएफ के डीआईजी प्रभंजन कुमार ने कहा कि आज से हमारी पहचान कलचुरी हो गई है, और मुझे यकीन है कि यह नई पहचान समाज को एक नई शक्ति प्रदान करेगी। कलचुरी एकता महासंघ के मध्य प्रदेश अध्यक्ष राकेश राय (सीहोर) ने अपने संबोधन में अगले अंतरराष्ट्रीय कलचुरी एकता महाकुंभ का आयोजन सीहोर मे कराने का प्रस्ताव रखा।
मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, महामंडलेश्वर संत श्री श्री 1008 स्वामी संतोषानंद देवजी महाराज, वयोवृद्ध समाजसेवी बसंतलाल साव, कलचुरी एकता महासंघ की राष्ट्रीय संयोजिका श्रीमती अर्चना जायसवाल, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मानव जायसवाल, कार्यक्रम संयोजक विपिन बिहारी गुप्ता, सीआरपीएफ के डीआईजी प्रभंजन कुमार, राकेश जायसवाल (इंदौर), स्वामी हरिहरदासजी महाराज (वृंदावन), स्वामी ओमप्रकाशजी महाराज (दिल्ली), नेपाल कलचुरी समाज के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद (काठमांडु), भूटान कलचुरी समाज के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने भगवान सहस्त्रबाहु के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वल एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का उदघाटन किया। सिलीगुड़ी की स्वजातीय महिलाओं ने सामूहिक स्वागत गान प्रस्तुत किया।
मंचासीन अतिथियों में मध्य प्रदेश कलचुरी एकता महासंघ के अध्यक्ष राकेश राय, कार्यकारी अध्यक्ष किशोर राय (नरसिंहपुर), पंकज चौकसे (गोटेगांव), कलचुरी एकता महासंघ के राष्ट्रीय सचिव विष्णु शिवहरे, रजनीश सुवालका (भीलवाड़ा), राजस्थान महिला अध्यक्ष सुनीता सुवालका, रजनी सुवालका (उदयपुर) भी शामिल रहे। इस दौरान सभी अतिथियों ने आयोजन समिति द्वारा प्रकाशित पत्रिका कलवार जागरण का विमोचन किया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में स्वामी ओमप्रकाश ने जीवन में ध्यान के महत्व को बताते हुए कहा कि हम सब सहस्त्रबाहु की संतानें हैं और ध्यान-योग से हम उनके जितने ही बलशाली बन सकते हैं। स्वामी हरिहरदासजी महाराज ने वेदों के उद्धरण देते हुए भगवान सहस्त्रबाहु महाराज के दैवीय गुणों का बखान किया। द्वितीय सत्र को उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी, पीके चौधरी (पटना), रजनीश सुवालका, ओमप्रकाश गुप्ता (दिल्ली), दिलीप जायसवाल (दिल्ली), कमलेंद्र जायसवाल (प्रयागराज) समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया। वयोवृद्ध समाजससेवी बसंतलाल साव के अध्यक्षीत उदबोधन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
Leave feedback about this