गाजियाबाद।
गाजियाबाद की छह साल की बच्ची अपरा जायसवाल ने ओलंपियाड टार्च रन इंटरनेशनल ओपन रैपिड चैस टूर्नामेंट 2022 के अंडर 07 (बालिका वर्ग) में पहला स्थान हासिल किया है। खास बात यह है कि अपरा ने महज चार महीने पहले ही शतरंज सीखना शुरू किया था। दिल्ली चैस एसोसिएशन ने बीती रात टूर्नामेंट के विजेताओं की सूची जारी करते हुए बताया कि चैंपियन अपरा को छह हजार रूपये की नगद पुरस्कार राशि दी जाएगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार की शाम चेन्नई में होने वाले चैस ओलंपियाड की मशाल जलाई और उसे पांच बार के चैस विश्व विजेता विश्वनाथन आनंद को सौंपा था। इसी कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए इस टूर्नामेंट का आयोजन इंदिरा गांधी स्टेडियम में किया गया था। इस टूर्नामेंट में कई राज्यों से आए कुल 1549 खिलाडि़यों ने हिस्सा लिया। इनमें ग्रांड मास्टर और इंटरनेशनल मास्टर्स भी पहुंचे थे।
अपरा के पिता और वरिष्ठ पत्रकार शोभित जायसवाल बेटी की इस विलक्षण जीत से खुद भी हैरत में हैं। शिवहरेवाणी से बातचीत में उन्होंने बताया कि चार महीने पहले ही अपरा के चाचा ने उसे चैस लाकर दिया था। शुरू में तो उन्होंने स्वयं अपरा को चैस खेलना सिखाया, लेकिन चैस में उसकी रुचि और चातुर्य को देख उन्होंने उसे कोच राशिद के अंडर में कर दिया, ताकि वह अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब के चेस सीख सके। अपरा जायसवाल ने अपनी जीत कोच राशिद को समर्पित की है। अपरा ने बीते महीने अपने पहले ही टूर्नामेंट ‘चैस पैराडोस इंटर स्कूल चैंपियनशिप’ में ट्राफी जीती थी। अपरा डीपीएसजी मेरठ रोड की कक्षा दो की छात्रा है। अपरा की मम्मी श्रीमती अल्का जायसवाल शिक्षिका हैं।
जाने-माने समाजसेवी स्व. महेशचंद्र जायसवाल की पौत्री है अपरा
अपरा के बाबा स्वर्गीय महेश चंद्र जायसवाल जाने-माने समाजसेवी थे। वह लंबे समय तक जायसवाल सभा, बरेली के कोषाध्याक्ष पद पर रहे। उन्होंने जायसवाल सभा बरेली के तत्वाधान में अनेकों सम्मेलनों का आयोजन भी किया। उन्होंने जायसवाल समाज नाम की पत्रिका का संचालन भी किया। उनके प्रयासों से कई कलवार जाति के कई युवक युवतियों का विवाह आसानी से हो सका।
Leave feedback about this