November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
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जब घर ढहाने वाले बुलडोजर पर घर बसाने निकला सिविल इंजीनियर; सुर्खियों में बैतूल के अंकुश जायसवाल की बारात; इस अदा पर फिदा हो गई दुल्हन

बैतूल।
इन दिनों लोगों के घर ढहाने के लिए बदनाम हो चुका बुलडोजर आज एक नेक काम के लिए चर्चा में आ गया। मध्य प्रदेश के बैतूल में अंकुश जायसवाल नाम के एक सिविल इंजीनियर ने बग्गी-घोड़ी छोड़ फूलों से सजे बुलडोजर की बकेट में बैठकर बारात निकाली। योगी और मामा के फेवरेट बुलडोजर को शादी जैसे पवित्र काम में आता देख लोग हैरत में पड़ गए। उनका कहना था कि हमने अक्सर धूल के गुबारों में सना बुलडोजर देखा है, फूल की कतारों से सजा बुलडोजर पहली बार देखा।
बता दें कि अंकुश जायसवाल टाटा कंसल्टेंसी में जॉब करते हैं, औऱ इन दिनों मध्य प्रदेश के राजगढ़ में एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। उसका विवाह बैतूल जिले के नेशनल हाइवे स्थित गांव पाढर में रहने वाले अनाज कारोबारी श्री संजय मालवीय एवं श्रीमती बबीता मालवीय की पुत्री स्वाति मालवीय से होना तय हुआ। शादी 22 जून को कैसरबाग मैरिज लॉन में होना तय थी। 
22 जून की शाम करीब 7 बजे अंकुश की बारात बैतूल की सड़क पर निकली तो लोग चौंक गए। जाहिर है कि इन लोगों ने जीवन में पहली बार किसी बारात में दूल्हे को बुलडोजर पर सवार देखा। फूलों से सजे बुलडोजर के बकेट पर अंकुश जायसवाल के साथ उनके कुछ दोस्त और रिश्तेदार भी बारी-बारी सवार हो रहे थे। दूल्हे अंकुश जायसवाल का कहना है कि उनकी दिली ख्वाहिश थी कि उनकी बारात बुलडोजर पर निकले। उन्होंने बात की तो परिजन भी राजी हो गए। वहीं दूल्हे के बड़े भाई पंकज जायसवाल का कहना है कि उन्होंने घोड़ी का इंतजाम तो कर लिया था, लेकिन अंकुश की इच्छा रखते हुए बुलडोजर पर बारात निकली। जानकारी के मुताबिक बुलडोजर की बारात देखने वालों की इस कदर भीड़ जुट गई कि शाम सात बजे शुरू हुई बारात को दो किलोमीटर का सफर तय करने में चार घंटे लग गए। अंकुश ने बुलडोजर की बकेट पर बैठकर दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जमकर डांस किया।  बारात रात 11 बजे कैसरबाग मैरिज लॉन पहुंची, जिसके बाद विवाह की रस्में आगे बढ़ीं। दुल्हन स्वाति मालवीय भी अपने दूल्हे की इस अदा पर फिदा नजर आई।
मजे की बात यह है कि दो दिन पहले मंगलवार को अंकुश के घर केरपानी में वर निकासी की रस्म भी बुलडोजर से की गई। यहां भी अंकुश अपने भांजे-भांजियों के साथ बुलडोजर की बकेट पर बैठकर बैंडबाजों के साथ केरपानी के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर पहुंचा। यहां भी बुलडोजर पर दूल्हे को देखने के लिए लोगों का मजमा लग गया।
 

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