सिलीगुड़ी।
संस्था के नाम पर बाजार से उगाही और कोष के रुपये का गबन करने का आरोप जेबी सेवा ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष विपिन बिहारी गुप्ता पर लगा है। इस मामले को लेकर कलवार समाज और जेबी सेवा ट्रस्ट में कोहराम मचा हुआ है। बीते शनिवार को हुई बैठक में इसे मामले को लेकर जमकर हंगामा हुआ। बैठक में एक नई कार्यकारी गठित कर दी गई है। विजय कुमार गुप्ता को नई कार्यकारिणी का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं पूर्व अध्यक्ष विपिन बिहारी गुप्ता ने आरोपों को सिरे से खारिज कर इनके साक्ष्य प्रस्तुत करने की चुनौती दी है।
मामले के मुताबिक, वर्ष 2022 की शुरुआत में विपिन बिहारी गुप्ता के खिलाफ जेबी सेवा ट्रस्ट के कोष से डेढ़ लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया था। इसके बाद संस्था के बही-खातों को खंगाला गया तो करीब साढे नौ लाख रुपये की हेरा-फेरी सामने आई। गबन का आरोप लगते ही बीती 17 सितंबर को विपिन बिहारी गुप्ता समेत तीन लोगों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद नई कार्यकारिणी के गठन के लिए शनिवार 12 नवंबर की तारीख तय हुई थी। बीती 12 नवंबर को नई कार्यकारिणी के गठन के लिए बैठक होते ही विपिन बिहारी गुप्ता और उनके गुट ने कलवार भवन में हंगामा शुरू कर दिया। काफी देर हंगामा करते हुए विपिन बिहारी और उनके गुट के लोग बैठक से वाकआउट कर गए। इसके बाद जेबी सेवा ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य अजित प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में नई कार्यकारिणी का गठन किया गया।
वर्ष 2019 से 2022 तक के लिए गठित कमेटी के सचिव राजेश प्रसाद शाहबादी ने कहा कि समाज में विपिन बिहारी गुप्ता की काफी इज्जत थी। सभी लोग उन पर भरोसा करते थे, उनका कहना मानते थे। किसी ने सोचा भी नहीं था कि वह संस्था का पैसा इस तरह अपनी जेब में कर लेंगे और इसी भरोसे का उन्होंने गलत फायदा उठा लिया। शाहबादी ने कहा कि इस वर्ष जनवरी महीने में एक नेता के नाम पर विपिन बिहारी गुप्ता ने संस्था के कोष से डेढ़ लाख रुपये अपनी जेब में कर लिए, और इसका कोई लेखा-जोखा संस्था में जमा नहीं कराया। यह मामला सामने आने पर संस्था के बही-खाते खंगाले गए तो संस्था की सहायता के नाम पर बाजार से आठ लाख रुपये उगाही करने का एक और चौंकाने वाला मामला भी प्रकाश में आया।
इतना ही नहीं, ट्रस्ट की पिछली कमेटी ने जिस फ्लैट को खरीदने से इनकार कर दिया था, विपिन बिहारी गुप्का ने उसी फ्लैट को 15 लाख रुपये अधिक कीमत देकर खरीदा। बीते 23 अगस्त को 98 में से 53 ट्रस्टी की उपस्थिति में गबन का पूरा लेखा जोखा पेश किया गया। इसके बाद बीते 17 सितंबर को हुई बैठक में विपिन बिहारी गुप्ता ने सभी आरोपों को स्वीकारते हुए स्वेच्छा से अपने पद से इस्तीफा दिया। उनके साथ पूर्व सचिव राजेंद्र प्रसाद और कोषाध्यक्ष ज्ञानप्रकाश प्रसाद ने भी इस्तीफा दे दिया। साथ ही फ्लैट को शीघ्र बेचने और एक ऑडिट कराने का निर्यण लिया गया। इसी बैठक में नई कार्यकारिणी के गठन के लिए 12 नवंबर को बैठक होना तय किया गया था। शनिवार 12 नवंबर की सुबह संस्थापक सदस्य अजित प्रसाद की अध्यक्षता में कमेटी गठन की प्रक्रिया शुरू होते ही विपिन बिहारी गुप्ता औऱ उनके गुट ने विवाद शुरू कर दिया। दोपहर को बैठक से वे वॉकआउट कर गए। जिसके बाद नई कार्यकारिणी का गठन किया गया जो निम्न प्रकार हैः-
अध्यक्षः विजय कुमार गुप्ता
सचिव परिक्षित शाह
कोषाध्यक्ष गणेश प्रसाद
उपाध्यक्षः अझित प्रसाद और अजय कुमार जायसवाल
संयुक्त सचिवः दिलीप जायसवाल
अतिरिक्त सचिवः अनिल कुमार गुप्ता
संयुक्त कोषाध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता
दूसरी तरफ विपिन बिहारी गुप्ता ने आरोप लगाने वालों को साक्ष्य के साथ सामने आने की चुनौती दी है। उनका कहना है कि ट्रस्ट की पिछली बैठक में ही इस पूरे मामले की चर्चा अन्यत्र नहीं करने पर सहमति बनी थी लेकिन कुछ सदस्यों ने पूरे समाज में ढिंढोरा पीट दिया है।
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