कानपुर।
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण गर्ग उर्फ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बाद एक और ढोंगी बाबा इन दिनों में चर्चा में है। तंत्र-मंत्र से बीमारियों के इलाज का दावा कर भोले-भाले लोगों से ठगी करने वाले कानपुर के संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा को कानपुर के ही युवा वकील अनिरुद्ध जायसवाल ने खुला चैलेंज दिया है। कानपुर के जूही इलाके में रहने वाले अनिरुद्ध जायसवाल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर चुनौती दी है कि यदि स्वयंभू करौली बाबा अपने कथित चमत्कार से उनके बच्चों की बीमारी को ठीक कर दें, तो वह अपनी समस्त संपत्ति उसे दान कर देंगे। शिवहरेवाणी से बातचीत में उन्होंने बताया कि आज दो दिन बाद भी उनकी चुनौती पर करौली बाबा की ओर से कोई जवाब नहीं आया है, करौली बाबा या तो अपना चमत्कार दिखाए वरना धर्म के नाम पर ठगी कर सनातन को बदनाम करना बंद करे।
अधिवक्ता अनिरुद्ध जायसवाल ने यह वीडियो संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा द्वारा नोएडा के एक चिकित्सक सिद्धार्थ चौधरी के साथ गुंडई और मारपीट की घटना सामने आने के बाद जारी किया है। इस मामले में पीड़ित चिकित्सक ने संतोष सिंह भदौरिया के खिलाफ केस दर्ज कराया है। अब कानपुर के वकील अनिरुद्ध जायसवाल ने करौली बाबा को चुनौती दी है। जूही इलाके में रहने वाले अनिरुद्ध जायसवाल और उनकी पत्नी श्रीमती माधवी जायसवाल की जुड़वां बेटे-बेटी पैदायशी बीमारी से पीड़ित हैं। बेटे श्लोक जायसवाल को बोलने और सुनने में दिक्कत है, उसकी स्पीच थैरेपी चल रही है। वहीं बेटी स्तुति जायसवाल की आंखों में भैंगापन की बीमारी है। अनिरुद्ध जायसवाल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है जिसमें वह कहते हैं, कि करौली बाबा अपने दरबार में सभी रोगों के इलाज का जो दावा करते हैं, मैं उससे पूरी तरह असहमत हूं। मैं कथित करौली सरकार के स्वयंभू बाबा संतोष सिंह भदौरिया को खुला चैलेंज देता हूं कि मेरे दोनों बच्चों को अपने चमत्कार से ठीक करके दिखाए, मुझे बताएं कि मैं आपके दरबार में कब आ जाऊं। यदि आपने मेरे दोनों बच्चों को ठीक कर दिया तो मेरे नाम जो भी संपत्ति है, उसे आपको दान कर दूंगा।
मजे की बात यह है कि आज दो दिन बाद भी संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा ने अनिरुद्ध जायसवाल की इस चुनौती का कोई जवाब नहीं दिया है। अनिरुद्ध जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि उनके चैलेंज का कोई जवाब संतोष सिंह भदौरिया या उसके आश्रम की ओर से नहीं आया है। उन्होंने कहा कि उनकी चुनौती पर संतोष सिंह भदौरिया चुप क्यों हैं, वह या तो अपना चमत्कार दिखाएं वरना धर्म का धंधा करना बंद करे। आपको बता दें कि अधिवक्ता अनिरुद्ध जायसवाल का आगरा से निकट संबंध हैं। उनकी माताजी श्रीमती मीरा जायसवाल आगरा में नाई की मंडी निवासी स्व. श्री लालता प्रसाद शिवहरे भौरे जी की पुत्री हैं और श्री पवन शिवहरे की बहन हैं।
करौली बाबा ने ऐसे फैलाया जाल
वकील अनिरुद्ध जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि संतोष सिंह भदौरिया को वह काफी समय से देख रहे हैं। महेंद्र सिंह टिकैत के जमाने में वह किसान यूनियन का नेता हुआ करता था। बाद में (1990 के दशक में) हत्या के एक मामले में वह जेल भी गया। इसके बाद कानपुर में कप्तान बनकर आए एक आईपीएस अधिकारी से इसके निकट संबंध हो गए। इसी दौरान कानपुर में चकेरी से करीब 15 किलोमीटर दूर करौली नाम के गांव में इसने जमीन लेकर आश्रम बना लिया। चूंकि गांव का नाम पूज्य बाबा नीम करौली से मिलता जुलता है, लिहाजा ज्यादातर लोग इस भ्रम में संतोष भदौरिया को पूज्य बाबा नीम करौली की गद्दी से जोड़कर देखते हैं और यहां उसके झांसे में आ जाते हैं। अनिरुद्ध जायसवाल का मानना है कि लॉकडाउन के बाद से देश की बडी आबादी परेशान हाल है, और हर ओर से निराश होकर उन्हें लगता है कि बाबाओं के चमत्कार उनका जीवन बदल सकते हैं। संतोष सिंह भदौरिया जैसे ढोंगी इन्हीं भोले-भाले लोगों का गलत फायदा उठाते उठाते हैं। करौली बाबा से मिलने की फीस निर्धारित है, पितृदोष निवारण और कालसर्प योग की पूजा कराने के डेढ़ लाख रुपये तक वसूलता है। हद तो यह है कि यह संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा अपने दरबार में प्राचीन भारत के महान आयुर्वेदाचार्य ऋषि सुश्रुत का आह्वान करके उन्हें मरीज का लीवर बदलने और किडनी बदलने जैसे आदेश देने की हास्यास्पद हरकतें करता है और लोगों पर अंधविश्वास का ऐसा चश्मा चढ़ा है कि वे चुपचाप उसे ऐसा करते देखते हैं, और उससे प्रभावित हो जाते हैं। जायसवाल का कहना है कि ऐसे ढोंगियों की की करतूतों को उजागर करने का काम मीडिया को करना चाहिए, लेकिन वह चुप रहकर इस खेल का भागीदार बना हुआ है।
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