November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शिक्षा/करियर समाचार

एक चायवाला ऐसा भी…गर्भवती महिलाओं व बच्चों को निःशुल्क देता है दूध और बेसहारा मरीजों को दवाएं

 

जगदलपुर।
प्रयागराज के फूलपुर कस्बे का एक ग्रेजुएट लड़का घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर जगदलपुर में चाय बेचकर बड़ा नाम कर रहा है। जगदलपुर के महारानी अस्पताल के सामने चाय की टपरी चलाने वाले अशोक जायसवाल अस्पताल में प्रसूताओं और बच्चों के लिए दूध व अन्य जरूरी सामान निःशुल्क प्रदान कराते हैं, बेसहारा और गरीब मरीजों को दवाएं भी निःशुल्क उपलब्ध कराते हैं।
खास बात यह है कि अशोक जायसवाल साल-छह महीने से नहीं, बल्कि आठ साल से यह नेक कार्य कर रहे हैं। लोग उन्हें ‘डाक्टर चायवाला’ के रूप में जानते हैं। हाल ही में दोस्तों की सलाह पर उन्होंने अपनी टपरी के ऊपर इसी नाम से बोर्ड लगाकर उस पर अपनी निःशुल्क सेवाओं का उल्लेख कर दिया, तो मीडिया की नजर आ गए। स्थानीय मीडिया में उनकी खबरें चल गईं औऱ वह फेमस हो गए। शिवहरेवाणी से बातचीत में अशोक जायसवाल ने बताया कि वह अपनी टपरी से प्रतिदिन करीब 1000 चाय बेच लेते हैं। टपरी पर वह मरीजों और तीमारदारों की जरूरत का अन्य भी रखते हैं। 2015 में टपरी शुरू करने के साथ ही वह अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं और बच्चों को निःशुल्क दूध उपलब्ध कराते आ रहे हैं। गर्म पानी भी देते हैं। 
अशोक जायसवाल बताते हैं कि अस्पताल में कई बार गरीब बेसहारा लोगों को दवाओं के लिए परेशान होना पड़ता था। कुछ दवाएं जो सरकारी अस्पताल के दवाखाने में नहीं होती थीं, उन्हें बाहर से खरीदना उनकी क्षमता में नहीं होता था। ऐसे मरीजों को उन्होंने दवाएं दिलाना शुरू कर दीं। ऐसे मरीजों को वह 1500 रुपये तक की दवाएं बाजार से दिला देते हैं। इसके अलावा वह गर्मियों में निःशुल्क प्याऊ भी संचालित करते हैं।
इलाहाबाद के फूलपुर कस्बा निवासी श्री रामचंद्र जायसवाल एवं श्रीमती कांतिदेवी जायसवाल के पुत्र अशोक जायसवाल इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद 2015 में काम की तलाश में जगदलपुर में अपने जीजाजी और बहन के पास आ गए थे। यहां जीजाजी की सलाह पर उन्होंने महारानी अस्पताल के सामने चाय की टपरी खोल ली। यहां चाय बेचने के साथ ही उन्होंने अस्पताल आने वाली मरीजों की सेवा भी शुरू कर दी। और, यह क्रम आज तक जारी है। अशोक बताते हैं कि वह प्रतिदिन कम से कम 10 लीटर दूध निःशुल्क बांट देते हैं, आए दिन जरूरतमंदों को दवाएं भी दिलाते हैं, कुल मिलाकर औसतन 2000 रुपये रोज वह चैरिटी में खर्च करते हैं। अस्पताल में आने वाले लोग उन्हें बेहिसाब दुआएं देकर जाते हैं। अशोक जायसवाल कहते हैं कि इन दुआओं में बड़ी बरकत है। उन पर ईश्वर की कृपा बढ़ती जा रही है। चार वर्ष पहले अशोक का विवाह सुल्तानपुर की सपना जायसवाल से हुआ। उनके दो बेटे हैं 3 साल का मयंक और तीन महीने का अव्यान।

 

 

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