फिरोजाबाद।
फिरोजाबाद नगर निगम चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी उज्ज्वल गुप्ता (शिवहरे) इन दिनों चर्चा में हैं। पिछले कुछ सालों से भाजपा में सक्रिय उज्ज्वल गुप्ता पार्टी का टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय खड़ी हो गईं और अब पूरे जोश से चुनाव प्रचार में जुटी हैं। फिरोजाबाद की जनता भी अब एक पढ़ी-लिखी और योग्य प्रत्याशी के तौर पर उन्हें गंभीरता से लेने लगी है। कयास तो उनकी जीत के भी लगाए जा रहे हैं, लेकिन इतना तय है कि उज्ज्वल गुप्ता ने भाजपा की प्रत्याशी कामिनी राठौर की संभावनाओं पर ग्रहण लगा दिया है।
खास बात यह है कि भाजपा समर्थित वैश्य वर्ग पूरी तरह उज्ज्वल गुप्ता के साथ कड़ा दिखाई दे रहा है। वहीं अन्य वर्गों के पढ़े-लिखे वोटर भी उज्ज्वल को पसंद कर रहे हैं। खासकर युवा मतदाताओं में भी उनकी लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। नगर में शिवहरे गारमेंट्स के संचालक श्री सुनील कुमार शिवहरे एवं श्रीमती सुमन शिवहरे की पुत्री सुश्री उज्ज्वल गुप्ता एलएलबी, एलएलएम शिक्षित हैं, बेंगलुरू के एक लॉ कालेज में प्रवक्ता रही थीं। कोरोना की पहली लहर में लॉकडाउन के दौरान वह फिरोजाबाद आ गई थीं, और तब से भाजपा में सक्रिय थीं। मेयर पद का चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने काफी पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। सार्वजनिक मंचों पर प्रभावशाली तरीके से अपनी बात रखने में माहिर उज्ज्वल गुप्ता ने कई बार जनता के मुद्दों को अधिकारियों के सामने जोरदारी से उठाया है, खासतौर पर डेंगू संक्रमण के दौरान वह अस्पतालों में जरूरतमंदों की सेवा करती नजर आई थीं। उन्होंने मेयर पद के टिकट के लिए पार्टी में आवेदन किया था लेकिन पैनल में नाम शामिल नहीं किए जाने पर उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने की ठानी।
सुश्री उज्ज्वल गुप्ता पब्लिक में बेखौफ कहती हैं कि योग्यता और योगदान के आधार पर वह भाजपा के टिकट की हकदार थीं। भाजपा ने एक ऐसी घरेलू महिला को टिकट दे दिया है जो एक ठेकेदार की पत्नी है, जो पहले कभी राजनीति में सक्रिय नहीं रहीं। कहती हैं कि जो महिला जनता से अपनी अपील तक ठीक से नहीं कर सकती, वह शासन के सामने जनता की बात भला कैसे रख सकती है, शहर और जनता के हित के निर्णय कैसे कर सकती है। उनका यह दलील रहती है कि ऐसी महिला को टिकट देकर पार्टी (भाजपा) ने महिला आरक्षण के उद्देश्य को ही निरर्थक कर दिया है। फिलहाल उज्ज्वल गुप्ता ने इन दिनों चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। व्यापक जनसंपर्क कर रही हैं, जनता से बात कर रही हैं, कहीं-कहीं भाषण भी देना पड़ता है, हर स्थिति में उनकी अपनी योग्यता सामने आती है। उनके चुनाव प्रचार का तरीका भी सबसे अलग है। उनका कोई चुनाव कार्यालय नहीं है। सुबह कुछ युवाओं के साथ एक गाड़ी पर सवार होकर जनसपंर्क पर निकल जाती हैं और पूरे दिन लोगों से मिलती हैं। जगह-जगह उनका स्वागत किया जा रहा है, खासतौर पर वैश्य वर्ग उनके साथ नजर आ रहा है, जिसकी वजह से भाजपा प्रत्याशी की नींद उड़ी हुई है। अभी तक की स्थिति यह है कि उज्ज्वल गुप्ता ने निर्दलीय होने के बावजूद अन्य प्रत्याशियों के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
बीते रोज उज्ज्वल गुप्ता के घर बने शनि मंदिर में अचानक आ लगने की घटना भी मतदाताओं के बीच चर्चा में है। उज्ज्वल गुप्ता का कहना है कि पहले कभी ऐसी घटना सामने नहीं आई है, उन्होंने संदेह जताया है कि भाजपा ने दवाब बनाने की रणनीति के तहत इस साजिश को अंजाम दिया हो सकता है। दो रोज पहले ही सोशल मीडिया पर यह चर्चा हुई थी कि उज्ज्वल गुप्ता ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में बैठने का निर्णय किया है, जब उज्ज्वल गुप्ता ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए ऐसी किसी संभावना से साफ इनकार किया है।
पिछड़ा वर्ग महिला आरक्षित फिरोजाबाद मेयर के पद के लिए कुल 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। और, सभी घरेलू महिलाएं हैं। सपा और बसपा प्रत्याशी के पति भी नगर निगम में ठेकेदार हैं। ऐसे में उज्ज्वल गुप्ता एकमात्र प्रत्याशी हैं जो आत्मनिर्भर और उच्च शिक्षित हैं, आत्मविश्वास से लबरेज नजर आती हैं। जिस तरह से उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है, उसे देखते हुए यदि वह मेयर निर्वाचित हो जाएं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
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