ग्वालियर/डबरा।
यह जो चित्र आप देख रहे हैं, डबरा में सराफा बाजार के रहने वाले 24 साल के सागर शिवहरे उर्फ चिराग शिवहरे का है जो बीती 8 जुलाई से लापता था। परिजनों और रिश्तेदारों ने तलाश के लिए फेसबुक पर इसी फोटो के साथ उसकी डिटेल पोस्ट की थी, इस उम्मीद में कि शायद कोई उसके बारे में कोई जानकारी दे दे। आज दो दिन बाद आज उसकी हत्या की बात सामने आई तो घरवालों का मानो कलेजा ही फट गया। डबरा के फोम कारोबारी अनिल शिवहरे के इकलौते पुत्र सागर शिवहरे की हत्या उसके दोस्त ने ही कर दी। यही नहीं, हत्या के बाद कंडों में उसके शव को जलाया, और फिर उसकी अस्थियां और राख नाले में बहा दी। हत्या में उस लड़की के शामिल होने की बात भी सामने आई है जो पिछले छह साल से सागर की दोस्त थी और दोनों ने जीवन में एकसाथ आगे बढ़ने का फैसला किया।
सोमवार (10 जुलाई) की शाम करीब 4 बजे पुलिस ने सागर शिवहरे की लाश के जले हुए अवशेष बरामद किए। पुलिस का कहना है कि लव ट्रायंगल का मामला है। पुलिस सागर के शव के अवशेष का डीएनए टेस्ट कराएगी। सागर की मौत की खबर से परिवार में कोहराम मचा है। पिता अनिल, मां नीलम और बहन अनमोल शिवहरे समेत पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। सागर शिवहरे अपने घर का इकलौता चिराग था, परिजनों ने उसका एक नाम चिराग भी रखा था। हाल ही में उसने ग्वालियर के आईटीएम इंजीनियरिंग कालेज से बीबीए किया था और इन दिनों डबरा में पिता के फोम कारोबार में हाथ बंटा रहा था। मृतक के चाचा दीपक शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि सागर शनिवार दोपहर करीब 2 बजे पार्टी करने जाने की बात कहकर घर से निकला था। देर तक नहीं लौटा तो पिता ने शाम 6.30 बजे उसे कॉल किया, तो सागर ने एक घंटे में लौटने की बात कही। एक घंटे बाद फिर कॉल किया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। शाम 7.22 बजे सागर के मोबाइल से एक घंटे में आने का मैसेज आया। इसके बाद रात करीब 8 बजे उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। बेटे के नहीं लौटने पर परिजनों को चिंता हुई और वे रात 11 बजे डबरा थाने पहुंचे। पुलिस ने सुबह तक इंतजार करने को कहा। अगले दिन भी सागर का पता नहीं चला तो पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने सागर के मोबाइल की लोकेशन निकाली। आखिरी लोकेशन लोकेशन ग्वालियर में थाटीपुर स्थित दर्पण कॉलोनी की मिली।
पता चला कि यहां यश जादौन नाम का एक लड़का रहता है जो पिछले कुछ दिनों से चिराग के संपर्क में था। पुलिस ने तत्काल यश जादौन को निगरानी में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। पहले तो उसने कहा कि सागर उससे मिलने आया था जरूर लेकिन मुलाकात के बाद वह चला गया था। सोमवार को पुलिस ने जब सख्ती की, तो यश ने अपने चचेरे भाई की मदद से सागर की हत्या करने की बात कबूल ली। यश जादौन ने पुलिस को बताया कि 8 जुलाई की दोपहर को उसने सागर को वॉटसएप कॉल कर उसे बताया थी कि तेरी (सागर की) गर्लफ्रेंड तुझे धोखा दे रही है, वह मेरे साथ रिलेशन में है। इस बात का सबूत देखने के लिए उसने सागर को थाटीपुर स्थित दर्पण कॉलोनी में अपने रूम पर आने को कहा। तब सागर अपने परिजनों को पार्टी करने जाने की बात कहकर डबरा से निकल आया था। सागर दर्पण कालोनी में यश जादौन से मिला। यश जादौन ने बताया कि उसने सागर को कई सबूत दिए। इसके बाद उसने अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर सागर की गला दबाकर हत्या कर दी।
सागर की हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए यश जादौन ने 500 कंडों का इंतजाम किया। फिर रात के अंधेरे में चिराग के शव को गाड़ी में डालकर कलक्ट्रेट के पास पहुंचा जहां घनी झाड़ियों के बीच सागर की लाश को कंडों पर रखकर जला दिया। अगले दिन यानी रविवार की सुबह वह फिर कलक्ट्रेट के पास झाड़ियों में गया जहां सागर की लाश को जलाया था। वहां उसने सागर की अस्थियों और राख को इकट्ठा कर पास ही नाले में बहा दिया। और फिर बड़े इत्मान के साथ लौट आया, इस भरोसे के साथ कि अब उसे कोई पकड़ नहीं सकता।
चिराग के चाचा दीपक शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि चिराग की डबरा की ही एक युवती से थी जो उसकी क्लासमेट भी थी। बेकरी चलाने वाले एक पंजाबी परिवार की बेटी दृष्टि नाम की इस युवती से उसकी छह साल से दोस्ती थी और वे एक-दूजे से प्रेम भी करने लगे थे। वे साथ पढ़ते भी थे। चिराग उसे लेकर काफी सीरियस था। जानकारी के मुताबिक, पांच महीने पहले कालेज में फेयरवेल पार्टी हुई थी जिसमें यश जादौन भी शामिल हुआ जो इसी कॉलेज में बीबीए का सेकंड ईयर का स्टूडेंट है। यहीं यश की मुलाकात पहली बार दृष्टि से हुई और दोनों दोस्त भी बन गए। दृष्टि एक साथ सागर और यश से रिश्ता रखे हुए थी। सागर को यश से दृष्टि की दोस्ती पसंद नहीं थी और वह उस पर यश से संबंध नहीं ऱखने का दबाव बना रहा था। युवती ने यह बात यश को बताई। इसके बाद दोनों ने चिराग को रास्ते से हटाने का निर्णय किया और साजिश रचकर चिराग की हत्या कर दी।
खास बात यह है कि सागर की हत्या की पूरी जानकारी दृष्टि को थी। सागर की हत्या के बाद यश ने दृष्टि को कॉल कर बताया था कि काम हो गया है। इसके बाद दृष्टि बार-बार सागर की मां नीलम को कॉल करती रही कि सागर का फोन नहीं लग रहाव है, उससे बात करनी है। मामले में पुलिस युवती को भी आरोपी बना सकती है।
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