डॉमिनिका (वेस्टइंडीज)।
क्रिकेट के लिए अपने संघर्ष को लेकर दुनियाभर में चर्चित हुए भदोई के यशस्वी जायसवाल ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक जड़कर इतिहास रच दिया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ डॉमिनिका में खेले जा रहे पहले टेस्ट के दूसरे दिन यशस्वी जायसवाल ने शतक जड़ दिया है। देर रात समाचार लिखे जाने तक वह पिच पर जमे हुए हैं।
भारत से बाहर जाकर डेब्यू टेस्ट मैच में शतक ठोकने का कारनामा करने वाले यशस्वी जायसवाल भारत के सातवें खिलाड़ी हैं। इनसे पहले यह कारनामा सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, सुरेश रैना, अब्बास अली बेग, प्रवीण आमरे और सुरिंदर अमरनाथ कर चुके हैं। लेकिन यह कारनामा करने वाले वह एकमात्र ओपनर बैट्समैन हैं। जायसवाल वैसे तो आईपीएल में अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। लेकिन उन्होंने टेस्ट खेलते हुए काफी धैर्य के साथ बल्लेबाजी की। उन्होंने 215 गेंदों में 11 चौकों की मदद से शतक पूरा किया। अब तक की पारी में उन्होंने शायद ही कोई खराब शॉट खेला हो। बता दें कि मेजबान वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय किया लेकिन स्पिन अश्विन की शानदार गेंदबाजी के आगे पूरी टीम 150 रन पर ढह गई। जवाब में राहुल शर्मा और यशस्वी जायसवाल ओपनिंग पर उतरे और आज दूसरे दिन समाचार लिखे जाने तक इंडिया ने एक विकेट खोकर 235 रन बना लिए हैं। रोहित शर्मा 103 रन पर आउट हो चुके हैं जबकि यशस्वी जायसवाल अपनी शतकीय पारी में अभी नाबाद हैं।
इधर भदोही में यशस्वी जायसवाल के घर जश्न का माहौल है। भदोही के सुरियावां नगर में शास्त्रीनगर में उनके पिता श्री भूपेंद्र कुमार जायसवाल काफी भावुक नजर आए, लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं। बता दें कि यशस्वी जायसवाल देश के लिए क्रिकेट खेलना का सपना लेकर बहुत कच्ची उम्र में मुंबई आ गए थे। यहां उन्होंने आजाद मैदान के तंबू में दिन गुजारे, गोलगप्पे बेचे, डेयरी की दुकान पर काम किया लेकिन क्रिकेटर बनने के अपने सपने का पीछा करना नहीं छोड़ा। यशस्वी का चयन जब अंडर-19 टीम में हुआ तो उनका संघर्ष भी दुनिया के सामने आया।
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