November 23, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

तो अध्यक्षजी अब विधायकजी बनेंगे!; रविंद्र शिवहरे कोलारस सीट से भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार; अपने ‘सबसे भरोसेमंद’ को इनाम देंगे सिंधिया

कोलारस (शिवपुरी)।
मध्य प्रदेश में शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा सीट वर्ष 2018 के चुनाव में महज 720 वोटों के मार्जिन से भाजपा के खाते में चली गई थी। लेकिन, इस बार यह सीट भाजपा के लिए अपेक्षाकृत आसान लग रही है। और इसकी वजह यह है कि कोलारस में ‘विकास पुरुष’ की छवि वाले लोकप्रिय व प्रभावशाली नेता रविंद्र शिवहरे इस बार भाजपा में हैं। उन्हें भाजपा के टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। चर्चा यह है कि भाजपा पार्टी ने यह सीट ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे में डाल दी तो रविंद्र शिवहरे की टिकट तय है, और फिर चुनाव में जीत भी पक्की है।
कोलारस में आमजन के बीच रविंद्र शिवहरे के प्रभाव और छवि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गत 18 वर्षों कोलारस नगर पालिका परिषद की कमान उन्हीं के पास है। इसमें दो कार्यकाल (2005-2010 एवं 2015-2020) वह स्वयं कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर अध्यक्ष चुने गए थे, एक कार्यकाल (2010-2015) में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती निशा भी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप ही अध्यक्ष निर्वाचित हुईं। वर्तमान रविंद्र शिवहरे ने अपनी भतीजा-वधु श्रीमती प्रियंका शिवहरे अध्यक्ष निर्वाचित कराया है जो उन्हीं के मार्गदर्शन में काम कर रही हैं। स्थानीय नगरवासी 18 साल पहले के कोलारस और आज के कोलारस में स्पष्ट अंतर महसूस करते हैं। पहले कोलारस तंग बदबूदार गलियों वाला नगर था, आज वही गलियां चौड़ी होकर प्लंबर टाइल्स से लेस साफ-सुथरी दिखाई देती हैं। कभी अंधेरे में रहने वाली नगर की प्रमुख सड़कें दूधिया रोशनी से जगमग हैं। नगर अब भयंकर जलसंकट से भी मुक्ति पा चुका है। हर घर नल है, जगह-जगह नलकूप हैं। इन कार्यों के चलते नगरवालियों के जेहन में रविंद्र शिवहरे की छवि ‘विकास पुरुष’ की बन चुकी है। 
ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे विश्वासपात्रों में शुमार रविंद्र शिवहरे पहले क्षेत्र में कांग्रेस का सबसे प्रभावशाली नाम थे, लेकिन जब सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन की, तब रविंद्र शिवहरे भी उनके साथ भाजपा में आ गए। अब क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता और छवि को देखते हुए उन्हें भाजपा के टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। इस बारे में शिवहरेवाणी ने जब रविंद्र शिवहरे से बात की तो उन्होंने कहा कि सिंधिया जी जो भी आदेश करेंगे, वह उसका पालन करेंगे। कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने के सवाल पर रविंद्र शिवहरे ने बड़ी साफगोई से कहा कि वह सियासी पॉलिटिक्स नहीं करते है, बल्कि निष्ठा की राजनीति करते हैं और उनकी निष्ठा हमेशा से सिंधियाजी के प्रति रही है।  
श्री रविंद्र शिवहरे का कहना है कि उन्होंने सदैव राजनीति को सेवा का माध्यम माना है और इसी नजरिये से काम करते हुए क्षेत्र में अंतिम पायदान के व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचाने का प्रयास उन्होंने हमेशा किया है। रविंद्र शिवहरे ने पूरी क्षमता के साथ नगर में विकास कार्य कराए, जनता के सुख-दुःख में साथ खड़े हुए जिससे क्षेत्र के लोगों के साथ उनके आत्मिक रिश्ते बने। सामाजिक क्षेत्र में भी वह काफी सक्रिय रहे। कई गरीब परिवारों की कन्याओं का विवाह स्वयं के व्यय पर करा चुके हैं, लावारिश शवों के दाह संस्कार अपने संसाधन से कराते रहे हैं। हर धर्म व संप्रदाय के धार्मिक व सामाजिक कार्यों में बराबर भागीदारी करते हैं। बीते कोरोना काल में अपने क्षेत्र में उन्होंने जो सेवा कार्य कराए, उसकी सराहना तो कई मंचों पर की जा चुकी है। रविंद्र शिवहरे कहते हैं कि यदि उन्होंने ‘जमीन की पॉलिटिक्स’ नहीं की होती तो लगातार चार बार नगर पालिका अध्यक्ष पाना संभव ही नहीं हो पाता। उनका कहना है कि यह राजनीति मैंने सिंधियाजी से सीखी है, और मैंने 25 साल से उनके साथ काम कर रहा हूं, और मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि राजनीति में मेरी निष्ठा सिंधियाजी के प्रति है। वह कांग्रेस में थे, तो मैं भी कांग्रेस में था, आज वह भाजपा में हैं तो मैं भी भाजपा में हूं।
रविंद्र शिवहरे के कोलारस में एबी रोड स्थित आवास ‘शिवहरे भवन’ पर सुबह से ही फरियादियों का मेला सा लग जाता है। लोग अपनी-अपनी समस्या लेकर आते हैं, जिनका वह अपने स्तर से निस्तारण का प्रयास करते हैं। सूत्रों का कहना है कि कोलारस यूं तो यादव बहुत क्षेत्र माना जाता है औऱ जातीय आंकड़ों के हिसाब से वैश्य मतदाता बहुत अधिक संख्या में नहीं हैं, लेकिन इन सब तथ्यों पर रविंद्र शिवहरे की लोकप्रियता भारी पड़ सकती है। इसके अलावा आर्थिक रूप से भी उनका परिवार काफी सक्षम माना जाता है। रविंद्र शिवहरे स्वयं तो बड़े कारोबारी हैं हीं, उनके बड़े भाई श्री बालगोविंद शिवहरे भी प्रतिष्ठित आबकारी कांट्रेक्टर और उद्योगपति हैं जो करैरा में रहते हैं। रविंद्र शिवहरे के बहनोई श्री लक्ष्मी नारायण शिवहरे जाने-माने  उद्योगपति और प्रतिष्ठित ‘मालवा ग्रुप’ के चेयरमैन हैं। राजनीतिक हल्के में भी उनका खासा प्रभाव माना जाता  है।
 

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