आगरा/वृंदावन।
वृंदावन की पावन मिट्टी भगवान श्रीकृष्ण की चरण-रज मानी जाती है। मान्यता है कि इसके स्पर्श मात्र से ही मानव जीवन धन्य हो जाता है, और वृंदावन की माटी में शरीर मिल जाए तो सीधे स्वर्ग जाने से कौन रोक सकता है भला। भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य उपासक श्रीमती पुष्पा शिवहरे (पत्नी स्व. श्री मनमोहन शिवहरे ‘बाबा’, गुजराती पाड़ा, आगरा वाले) की वृंदावन में प्राण त्यागने की इच्छा को प्रभु ने पूर्ण कर दिया है। वह रविवार, 1 अक्टूबर 2023 को वृंदावन स्थित इस्कॉन मंदिर में प्रभु को प्यारी हो गईं हैं।
श्रीमती पुष्पा शिवहरे 85 वर्ष से अधिक आयु की थीं और लंबी बीमारी के चलते उनके शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। अंतिम समय निकट आने का आभास होने पर उन्होंने वृंदावन में ही प्राण त्यागने की इच्छा व्यक्त की। इस पर परिजन उन्हें इस्कॉन मंदिर ले गए जहां उनके रहने की विशेष व्यवस्था की गई थी। एक सप्ताह मृत्यु शैय्या पर प्रतिदिन कृष्ण भजनों के श्रवण का आत्मिक आनंद प्राप्त करते हुए 1 अक्टूबर को उन्होंने प्राण त्याग दिए। 2 अक्टूबर की सुबह इस्कॉन मंदिर से ‘हरे रामा-हरे कृष्णा’ के भजनों के साथ उनके पार्थिव शरीर को यमुना तट स्थित मोक्षधाम ले जाया गया जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में श्रीमती पुष्पा शिवहरे के परिवारीजन, मित्र-समाज के लोग और इस्कॉन मंदिर के पदाधिकारी व श्रद्धालु उपस्थित रहे। बता दें कि श्रीमती पुष्पा शिवहरे का पूरा परिवार वर्षों से वृंदावन के इस्कॉन मंदिर से जुड़ा हुआ है।
शोकाकुल परिवारः-
चंदन मुखरिया शिवहरे (पुत्र)
बृजकिशोर शिवहरे-ओमकला शिवहरे (देवर-देवरानी)
आरती-मनोहर चौकसे ‘इंदौर’, बकुल-वीरेंद्र शिवहरे ‘शिवपुरी’ (पुत्री-दामाद)
मुकुल शिवहरे-प्रीती शिवहरे (भतीजा-वधु)
सावित्री पत्नी स्व. नवल किशोर शिवहरे ‘अंबाह’, गायत्री पत्नी स्व. रमेशचंद्र शिवहरे ‘फिरोजाबाद’ (ननद)
मीनाक्षी-रवि शिवहरे, राशि-हनी खंडेलवार (भतीजी-दामाद)
श्यामली शिवहरे, आराध्या शिवहरे (पौत्री) एवं समस्त मुखरिया परिवार।
निवासः-165, मारुति प्रभासन, मारुति सिटी रोड, शमशाबाद रोड, आगरा।
संपर्कः-8319129292
समाचार
वृंदावन में प्राण त्याग धन्य हो गईं श्रीमती पुष्पा शिवहरे
- by admin
- October 3, 2023
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- 1 year ago
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