August 2, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

भक्ति ही भवसागर से मुक्त होने का माध्यम

शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा में शिवहरे समाज की धरोहर मंदिर श्रीराधाकृष्ण में चल रहे सात दिनी 'संगीतमय श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञन-यज्ञ' के दूसरे दिन मंगलवार को को बल्लभ वेदांताचार्य श्रद्धेय पं. अनिल शास्त्री चतुर्वेदी ने कहा कि वह माता पृथ्वी तल पर धन्य है तथा उसी माता का जीवन सफल है, जिसका बेटा भगवान का भक्त हो। उन्होंने कहा कि भक्ति ही भवसागर से मुक्त होने का माध्यम है। प्रभु की भक्ति कभी व्यर्थ नहीं जाती। इसलिए भक्ति मार्ग पर चलकर ही कल्याण को प्राप्त किया जा सकता है। 
लोहामंडी स्थित मंदिर श्री राधाकृष्ण में भागवत-प्रेमियों के सम्मुख ध्रुव चरित्र, प्रहलाद चरित्र और नृसिंह अवतार के प्रसंगों का जीवंत वर्णन किया। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धर्म-शास्त्राचार्य पं. अनिल शास्त्री चतुर्वेदी की प्रभावशाली शैली का ही प्रभाव है कि मंदिर परिसर में भागवत सुनने आने वालों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। पं. अनिल शास्त्री चतुर्वेदी बुधवार को वामनावतार और श्रीराम जन्म एवं श्रीकृष्ण जन्म का व्याख्यान करेंगे। 
श्री राधाकृष्ण मंदिर समिति के अध्यक्ष अरविंद गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक शिवहरे, उपाध्यक्ष रिषी शिवहरे, महासचिव मुकुंद शिवहरे, सचिव धीरज शिवहरे, कोषाध्यक्ष कुलभूषण गुप्ता रामभाई, उपकोषाध्यक्ष रवि शिवहरे, मंदिर व्यवस्थापक जगदीश गुप्ता एवं राजेंद्र गुप्ता, शिवहरे समाज एकता परिषद के महासचिव अंकुर गुप्ता, कार्यकारिणी सदस्य रमन गुप्ता, डा. अजय गुप्ता, मनोज शिवहरे, संजय शिवहरे, सोहन शिवहरे, बृजकिशोर गुप्ता, सुनील गुप्ता, अजय गुप्ता, अखिलेश शिवहरे, धीरज शिवहरे, सुशील गुप्ता, अनूप गुप्ता, अरुन, आशीष. नरेश, विनय, चंदन, तुषार, अजय, सरजू गुप्ता समेत बड़ी संख्या में समाजबंधु मौजूद रहे।
 

    Leave feedback about this

    • Quality
    • Price
    • Service

    PROS

    +
    Add Field

    CONS

    +
    Add Field
    Choose Image
    Choose Video

    समाचार

    अदभुत..अविस्मरणीय! हजारीबाग में विधायक मनीष जायसवाल ने कराया 25

    समाचार

    मुरैना में शानदार पहल…सामाजिक कुरीतियों और चुनौतियों के खिलाफ

    समाज

    आइये शिवहरे समाज के अदभुत दाऊजी महाराज की महाआरती

    समाज

    आगरा के शिवहरों ने दाऊजी महाराज की अदभुत महाआरती