शिवहरे वाणी नेटवर्क
भोपाल।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बसंतकुंज स्थित भगवान सहस्त्रबाहु मंदिर पर कलचुरी समाज के परिवार मिलन समारोह की अनोखी पहल अब एक परंपरा का रूप ले चुकी है। इस परंपरा से जुड़ चुके परिवारों ने 50वां परिवार मिलन समारोह पूरे जोश और जश्न के साथ मनाया। इस अवसर पर 50 समाजबंधुओं द्वारा भगवान सहस्त्रबाहु की भव्य महाआरती देखते ही बन रही थी। बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुतियां से मन मोह लिया। और, अंत में सबने मिलकर केक काटा, समाज की एकता के पचासवें पढ़ाव के नाम।
बता दें कि परिवार मिलन कार्यक्रम के तहत यहां हर महीने एक भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें कलचुरी परिवार आपस में मिलते-बतियाते हैं, एक-दूसरे के सुख-दुःख साझा करते हैं। श्री सहस्त्रबाहु कलचुरी महासभा के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं राजनीतिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक श्री राजाराम शिवहरे ने बताया कि बीती 26 जून को परिवार मिलन का लगातार पचायवां परिवार मिलन समारोह धूमधाम से आयोजित किया गया। इस अवसर पर संगीतमय सुन्दर कांड का पाठ किया गया और समाज के 50 व्यक्तियों द्वारा भगवान श्री सहस्रबाहु जी की महाआरती की सुमधुर प्रस्तुति की गई। सुश्री वेदांशी शिवहरे, तेजल सूर्यवंशी, निष्ठा आर्य ने सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दी, वहीं सुप्रिया राय एवं संगीता चौरागढे ने एकल नृत्य प्रस्तुत किया। शिवांश राय द्वारा गिटार पर प्रस्तुति दी गई। हर प्रस्तुति पर बच्चों को भरपूर सराहना मिली। अंत में केक काटकर 50 वें परिवार मिलन समारोह की रस्म अदा की गई। इस अवसर पर मोहन जायसवाल, एलएन मालवीय, बाबूलाल जायसवाल, शिशुपाल जायसवाल, रामरूप कटकवार के सौजन्य से सुरुचिपूर्ण भोज का सभी ने आनंद लिया। महामंत्री श्री मोहन जायसवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
बता दें कि पिछले 50 महीने से निरंतर चल रहे परिवार मिलन समारोह में अब तक महामंडलेश्वर परमानंद गिरि महाराज, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई बड़ी हस्तियां भी शिरकत कर चुकी हैं। श्री राजाराम शिवहरे बताया कि चार साल पहले महज 12 परिवारों के साथ शुरू किए गए परिवार मिलन समारोह की आयोजन समिति में इस समय 72 परिवार स्थायी रूप से जुड़ चुके हैं, जबकि हर माह भंडारे में सैकड़ों परिवार भाग लेते हैं।
साफ-सुथरी व्यवस्था
जहां तक हर महीने परिवार मिलन समारोह मे होन वाले भंडारे के लिए आर्थिक व्यवस्था का सवाल है, तो इसे सुव्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया जाता है। मसलन आज की बात करें, तो आयोजन समिति में मौजूदा 72 सदस्यों को साल के 12 महीनों के अनुपात में विभाजित कर दिया गया है। यानी हर महीने छह परिवारों पर भंडारे का आर्थिक व्यय वहन करने की जिम्मेदारी होती है। आमतौर पर महीने के तीसरे शनिवार या सरकारी छुट्टी के दिन इसका आयोजन होता है लेकिन किसी खास पर्व या आयोजक परिवार अपनी सुविधा से भी दिन निर्धारित लेते हैं। भगवान सहस्त्रबाहु की पूजा अर्चना और भोग लगाने के बाद ही भंडारा चालू होता है।
कलचुरी समाज की जागरूकता का प्रतीक है मंदिर
बसंत कुंज स्थित श्री सहस्त्रबाहु मंदिर का 12 हजार वर्ग फुट का विशाल परिसर समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना और जागरूकता का प्रतीक बन गया है। 10-15 साल पहले यहां एक वीरान टीला हुआ करता था लेकिन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री दिलीप सूर्यवंशी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राजाराम शिवहरे की पहल पर यहां पौधारोपण अभियान शुरू किया गया। हर साल कारगिल विजय दिवस पर 5000 पौधे कारगिर युद्ध में शहीद जवानों की स्मृति में लगाए जाते हैं। आज मदिर का विशाल परिसर हजारों फलदार व छांवदार पेड़ों के साथ फूलों की रंगत से शोभायमान है।
समाचार
50वां परिवार मिलन…बड़ों के कमाल में बच्चों का धमाल
- by admin
- October 29, 2016
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