शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
कोरोना वायरस के व्यापक प्रभाव पर प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की स्थिति इटली से एक महीने और अमेरिका से 15 दिन दूर है। ऐसी स्थिति में फंसे होने की कंपना ही कंपकपी पैदा कर देती है। दहशत के इस आलम में कल रविवार 22 मार्च का दिन भारत के लिए निर्णायक साबित हो सकता है, जब जनता कर्फ्यू के बहाने देशवासियों को पूरे 14 घंटे का सोशल डिस्टेंसिंग पीरियड मिलेगा। सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपाय और कुछ सामान्य सतर्कताएं ही कोरोना संक्रमण के चेन को ब्रेक कर सकती हैं। दूसरी अन्य बातों में नहीं पड़ें क्योंकि कोरोनावायरस information crises में फंसा गया है और यह स्थिति आमजन के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है।
दरअसल व्हाट्सएप पर कोरोना वायरस को लेकर नए-नए मैसेज आ रहे हैं, तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं, अपुष्ट जानकारियां दी जा रही हैं जो इस बीमारी को लेकर लोगों में भ्रांतियां पैदा कर रही हैं। जरूरत इस बात की है कि हम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ व्हाट्सएप पर बांटे जाने वाले अनर्गल ज्ञान से भी डिस्टेंसिंग यानी दूरी बनाएं। शिवहरेवाणी 11 बिंदुओं के अंतर्गत व्हाट्सएप पर कोरोना को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों का जिक्र करते हुए सही स्थिति प्रस्तुत कर रही है जिससे आपको इसके बचाव में राहत मिलेगीः-
1. हैंड सेनेटाइजर और साबुन से हैंडवॉशः-
व्हाट्सएप पर हैंडसेनेटाइजर को बचाव के कारगर उपाय के रूप में पेश किया जा रहा है। इससे बाजार में हैंडसेनेटाइजर की डिमांड काफी बढ़ गई है। हालांकि इसमे कोई दो राय नहीं कि हाथ सेनेटाइज करके इस वायरस से बचा जा जा सकता है लेकिन, हैंड सेनेटाइजर से कहीं अधिक कारगर है साबुन से हाथ धोना। साबुन से हैंडवॉश करने पर हाथों की धूल भी बह जाती है और गहरी सफाई होती है। आप साधारण साबुन से हाथ धो सकते हैं। सेनेटाइजर के बाद भी साबुन से हाथ धोना चाहिए।
2. हमेशा मास्क जरूरी नहीं-
कोरोना वायरस के सामने आने के बाद व्हाट्सएप पर मास्क पहनने को इसके बचाव के रूप में प्रसारित किया जा रहा है, जिससे मास्क की डिमांड भी काफी बढ़ गई है। जबकि, डब्लूएचओ के मुताबिक मास्क की आवश्यकता तभी है जब आप स्नीज (छींक) कर रहे हैं, या फिर आपके आसपास कोई संक्रमित व्यक्ति हो। वरना मास्क की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह एयरबोर्न वेक्टर नहीं है। यह रिसर्च जारी है कि कोरोना वायरस हवा में कितनी देर रह सकता है।
3. बचाव मिल चुका है
व्हाट्सएप पर ऐसे तमाम मैसेज चल रहे हैं। एक मैसेज में अमेरिका का है जिसमें एक व्यक्ति हाथ में फाइल लेकर कह रहा है कि कोरोना से घबराएं नहीं, इसका इलाज मिल गया है और टेस्टिंग होने वाली है। इस मैसेज के बात यह चर्चा भी शुरू हुई कि फार्मा कंपनियों ने लाभ कमाने के लिए इस वायरस को बनाया है। इसी तरह भारत में गौमूत्र को एक कारगर दवा के रूप में पेश किया जा रहा है, वहीं तिब्बी इसलामी डिवाइन रेमेडी ने भी इसकी दवा खोज लेने का दावा किया है जिसके व्हाट्सएप फारवर्ड किए जा रहे हैं। अमेरिकी में ईसाई धर्म के प्रचारक अलेक्जेंडर जोंस का व्हाट्सएप भी चल रहा है कि नैनो पार्टिकल वाले उनके सिल्वर कोटिंग टूथपेस्ट के इस्तेमाल से कोरोना वायरस नहीं होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन इन सब बातों पर कतई भरोसा न करें। सत्य यह है कि कोरोना का उपचार अभी तलाशा नहीं जा सका है
4. कॉमन कोल्ड या फ्लू
व्हाट्सएप पर ऐसे तमाम मैसेज हैं जिनमें कोरोना वायरस को कॉमन कोल्ड (सर्दी-जुकाम) या फ्लू बताया जा रहा है। लेकिन इस सच मानकर कोरोना को हल्के में लेना बड़ी भूल हो सकती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि कोरोना दुनिया की आधी आबादी को प्रभावित कर सकता है। कॉमन कोल्ड या फ्लू का ट्रांसमिशन इतनी आसानी से नहीं होता है और इसलिए इतनी अधिक आबादी मे नहीं फैल सकता। इसीलिए ऐसे मैसेज पर ध्यान न दें, और सतर्कता व एहतियात जारी रखें।
अरे कोरोना वयरस एक कॉमन कोल्ड है। एख तो यह कॉमन कोल्ड इतनी आसानी से पास नहीं होता है, इतने लोगों तक नहीं फैलता है। एक रिसर्च में कहा गया है कि कोरोना दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी को प्रभावित कर सकता है। लेकिन कॉमन कोल्ड इतनी आसानी से ट्रांसमित नहीं होता है। इतने लोगों तक नहीं फैल सकता है। इसलिए इस मैसेज पर भरोसा न करें। इसे कतई हल्के में न लें।
5. गर्मी में मर जाएगा कोरोना वायरस
व्हाट्सएप पर चल रहा है कि इंडिया को ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है, कोरोना वायरस गर्मी में सरवाइव नहीं कर पाएगा और इंडिया में भीषण गर्मी का मौसम आने वाला है। दरअसल यह बात अभी तक मेडिकली प्रूव नहीं हुई है। डब्लूएचओ का कहना है कि ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है कि कोरोना वायरस गर्मी मे सरवाइव नहीं कर पाएगा।
6. नॉनवेजिटेरियन को रिस्क
व्हाट्सएप पर एक भ्रांति यह भी फैलाई जा रही है। और, इसका असर इतना व्यापक हुआ है कि चिकन के दाम एकदम से नीचे आ गए है। जबिक स्थापित सत्य यह है कि कोरोना वायरस नॉन वेजेटेरियन फूड से नहीं फैलता है। इसीलिए इस तरह के मैसेज का भरोसा न करें।
7. सांस रोकने से पता चलेगा कोरोना
एक मैसेज यह चल रहा है कि यदि आप दस सेकेंड के लिए रोक सकते हैं, और आपको खांसी नहीं आती है तो आपको कोरोना नहीं है। कोरोना का कोई भी मरीज आसानी से बिना खांसे दस सेकेंड तक सांस रोक सकता हैं। कई स्वस्थ लोग ऐसे भी हो सकते हैं जिनके लिए दस सेकेंड सास रोक पाना मुश्किल हो जाए। लिहाजा जांच के लिए ऐसी कोई कसौटी नहीं है, इन बातो पर बिल्कुल ध्यान नहीं दें।
8. ओSSSम के उच्चारण से वायरस भाग जाएगा
व्हाट्सएप पर यह मैसेज आपने देखा होगा, क्या आप इस पर भरोसा करेंगे। इसमे दो राय नहीं कि ओम के उच्चारण से मन को शांति प्राप्ति होती है, लेकिन कोरोना से राहत मिलेगी, इसका कोई आधार नहीं है। किसी रिसर्च की आवश्यकता भी नहीं है। इस बारे में आपको स्वयं सोचना है।
9. पानी पीने से लाभ
व्हाट्सएप पर एक अजीबोगरीब जानकारी आ रही है। इस मैसेज में कहा गया है कि कोरोना वायरस होठ से आता है, इसके लिए गर्म पानी पीने की सलाह दी जा रही है। दावा यह है कि गर्मपानी पीने से होठ पर लगा वायरस पेट में चला जाएगा जहां नमक का ऐसिड उन वायरसों को मार देगा। गर्म नीबूं पानी पीने से भी कोरोना का वायरस दम तोड़ देगा। लेकिन ये सारी बातें पूरी तरह निराधार हैं। इस तरह के घरेलू नुस्खों पर कतई भरोसा न करें।
10. युवाओं को कोई खतरा नहीं
अब तक धारणा यही थी कि युवाओं और बच्चों के लिए कोरोना वायरस घातक नहीं है। आंकड़े भी बताते हैं कि कोरोना वायरस से ज्यादातर वृद्धों की मौत हुई है। लेकिन अब डब्लूएचओ ने चेतावनी जारी की है कि युवाओं को भी इससे बराबर का जोखिम है। अस्पतालों में भर्ती होने वालों में बड़ी संख्या युवाओं की है।
11. यह एक साजिश है
व्हाट्सएप पर ये मैसेज भी आपने देखा होगा कि कोरोना वायरस एक बायो-वेपन (जैविक हथियार) है जिसे चीन ने बनाया था। सालों पहले लिखी गई एक नॉवेल में वुहान 400 नाम के एक वायरस का जिक्र किया गया था। और, अब उसी वुहान से यह घातर वायरस उठा है। लेकिन यह महज एक संयोग है कि चीन का वुहान शहर इस वायरस से सबसे पहले प्रभावित हुआ, लेकिन इसके बायो-वेपन होने का कोई सबूत नहीं है। ना ही फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा लाभ कमाने के लिए इसे बनाए जाने की बात में कोई दम है।
इन बिंदुओं से आप समझ गए होंगे कि फिलहाल हमारे पास कोरोना वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एक कारगर उपाय हो सकता है। हमारे देश में कोरोना का प्रसार हुआ तो स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है क्योंकि हमारे यहां पर्याप्त संख्या में अस्पताल नहीं हैं, अस्पतालों में पर्याप्त बेड नहीं हैं, डॉक्टरों की कमी है…वेंटीलेटर्स की तो बात ही छोड़ दीजिए, जांच के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं है, सरकार के पास फंड नहीं है और अब मोहलत भी नहीं है। ऐसे में रविवार को जनता कर्फ्यू का पालन करें.., यही उपाय है हमारे पास।
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