झांसी।
झांसी के कलचुरी कलवार समाज ने बीते रोज दशहरा पर्व सामूहिक रूप से मनाया। इस दौरान भगवान सहस्रबाहु अर्जुन की पूजा अर्चना के बाद परंपरागत तरीके से शस्त्रों का पूजन किया गया। फिर, एक-दूसरे को पान खिलाकर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया।
बता दें कि झांसी में दशहरा के दिन रावण दहन के बाद एक दूसरे को पान खिलाने की अनोखी परंपरा है जो कि सदियों से चली आ रही है। इसके पीछे कई कहानियां हैं। कुछ लोगों का कहना है कि भगवान श्री राम ने रावण का वध करने के बाद पान खाया था। कुछ मानजे है कि पुराणों में पान को स्नेह और जीत का प्रतीक माना गया है, लिहाजा दशहरा के दिन लोग एक दूसरे को पान खिलाकर असत्य पर सत्य की जीत की ख़ुशी मनाते हैं। एक दलील यह, कि पान स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होता है और नवरात्रि के नौ दिन व्रत रखने के बाद पान खाने से पाचन सही रहता है। खैर जो भी हो, पूरे झांसी में दशहरा के दिन सड़क किनारे पान की बड़े-बड़े फड़ लग जाते हैं। पान की ऐसी मंडी शायद ही कहीं और दिखाई दे।
शंकर सिहं का बगीचा स्थित भगवान सहस्रबाहु अर्जुन मंदिर में शस्त्र पूजन एवं दशहरा मिलन समारोह आयोजित किया गया। भगवान सहस्रबाहु अर्जुन जयंती समारोह महासमिति और क्षत्रिय कलचुरी कलवार महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस समारोह का शुभारंभ भगवान सहस्रबाहु अर्जुन की पूजा अर्चना से हुआ जिसके बाद पूरे विधि-विधान से शस्त्र पूजन किया गया। अंत में सभी ने एक-दूसरे को फ्लेवर्ड पान खिलाकर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया। पान खाने वाले लोग भी समाजबंधुओं के आग्रह को ठुकरा न सके और होठों पर बीड़े की लाली ने उनकी मुस्कराहट पर चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षत्रिय कलचुरी कलवार महासंघ के अध्यक्ष अजीत राय ने की।
इस अवसर पर हरिश्चंद्र राय, गिरीश शिवहरे, बृजबिहारी राय, उमाशंकर राय, दिनेश राय, विजय राय, नीलू राय, हरीश राय, मुरली राय, अरविंद राय, अंशुक राय, आनंद राय, भरत राय, रामकुमार शिवहरे, प्रिंस शिवहरे, अनिल राय, अभिषेक राय समेत कई समाजबंधु उपस्थित रहे।
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