November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

इस बार कलचुरी समाज के पांच सांसद; नाइक छठी और संजय जायसवाल पांचवी बार बने सांसद; कड़े मुकाबले में रितु जायसवाल हारीं

नई दिल्ली।
लोकसभा चुनाव 2024 में कलचुरी समाज के पांच सांसद निर्वाचित हुए हैं। भाजपा के यशो नाइक नार्थ गोवा सीट से छठवीं बार, और डा. संजय जायसवाल पश्चिमी चंपारण से तीसरी बार सांसद चुने गए। वहीं झारखंड की हजारीबाग सीट से भाजपा के मनीष जायसवाल और कर्नाटक की उडुपी-चिकमंगलूर सीट से भाजपा के ही कोटा श्रीनिवास पुजारी पहली बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। तमिलनाडु की कन्याकुमारी सीट से निवर्तमान सांसद विजय वसंथ ने फिर कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की है। इसके अलावा तिरुनेवली सीट से निर्वाचित हुए रॉबर्ट ब्रूस के बारे में भी कहा जा रहा है कि वह कलचुरी समाज से हैं, हालांकि वह ईसाई धर्मावलंबी हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव मे गिनतीभर के वोटों के अंतर से हारने वालीं रितु जायसवाल को लोकसभा चुनाव में भी दुर्भाग्यपूर्ण हार का सामना करना पड़ा। शिवहर सीट से राजद प्रत्याशी रितु जायसवाल कड़े मुकाबले में महज 29 हजार वोटों के मामूली अंतर से चुनाव हार गई हैं। इस सीट पर जदयू की लवली आनंद विजयी घोषित की गईं। रितु जायसवाल को 447469 वोट मिले। वहीं पश्चिम बंगाल के आसनसोल संसदीय क्षेत्र से भाजपा के एसएस अहलुवालिया भी चुनाव हार गए हैं। उन्हें टीएमसी प्रत्याशी सिनेस्टार शत्रुघ्न सिन्हा ने 60 हजार वोटों से हराया।
मोदी-2 सरकार में कैबिनेट मंत्री श्रीपद यशो नाइक गोवा की उत्तरी गोवा लोकसभा सीट से लगातार छठवीं बार सांसद निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस के रमाकांत खलप को 1.16 लाख वोटों से हराया है। वहीं बिहार से भाजपा के डा. संजय जायसवाल भी लगातार पांचवी बार सांसद निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने पश्चिमी चंपारण सीट से कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी पर लगभग 1,37 लाख वोटों से जीत दर्ज की है। झारखंड के भाजपा नेता मनीष जायसवाल अब विधायक से सांसद बन चुके हैं। उन्होंने हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से 2.80 लाख वोटों के बड़े अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया है। उन्हें कुल 6.5 लाख से अधिक वोट मिले। बता दें कि मनीष जायसवाल वर्तमान में हजारीबाग से ही विधायक हैं। अब उन्हें विधानसभा सीट छोड़नी होगी।
इस बार दक्षिणी राज्यों में विभिन्न राजनीतिक दलों ने कलचुरी समाज के नेताओं को खासी संख्या में टिकट दिया था। लेकिन केवल तीन प्रत्याशी ही जीत सके। तमिलनाडु की कन्याकुमारी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी विजय वसंथ ने भाजपा के पोन राधाकृष्ण को 1.8 लाख से अधिक वोटों से हराया। खास बात यह है कि पोन राधाकृष्ण भी कलचुरी समाज से ही ताल्लुक रखते हैं। इसी सीट पर कलचुरी समाज की एक अन्य प्रत्याशी झांसी रानी ने अन्नाद्रमुक के टिकट पर चुनाव लड़ा था और वह 89 हजार वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहीं। कर्नाटक के उडुपी-चिकमंगलूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के कोटा श्रीनिवास पुजारी विजयी हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस के जयप्रकाश हेगड़े को 2.5 लाख से अधिक मतों से हराया।
आपको बता दें कि तमिलनाडु में कलचुरी समाज के सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। दक्षिण चेन्नई से भाजपा प्रत्याशी तमिलिसाई सोंदरराजन द्रमुक की थमीझाची थंगापंडियान से 2.26 लाख से अधिक वोटों से पराजित हुईं। वहीं उत्तरी चेन्नई से भाजपा के पॉल कनगराज (भाजपा) तीसरे स्थान पर रहे। थुथुकुडी सीट पर अन्नाद्रमुक के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं कलचुरी समाज की मातृशक्ति शिवसामी वेलुमणि भी चुनाव हार गई हैं। उन्हें द्रमुक प्रत्याशी कनीमोझी ने 4 लाख से अधिक वोटों से हराया है। इसी सीट पर कलचुरी समाज की एसडीआर विजयसीलन ने टीएमसी (एम) के टिकट पर चुनाव लड़ा था और वह लगभग 1.22 लाख वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। तमिलनाडु की डिंडीगुल सीट से पीएमके प्रत्याशी एम थिलगबामा भी तीसरे स्थान पर रहे हैं।
केरल से कलचुरी समाज के चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। चारों ने बीडीजेएस के टिकट पर चुनाव लड़ा और चारों को हार का सामना करना पड़ा। कोट्टायम से तुषार वेल्लापल्ली तीसरे नंबर पर रहे। हालांकि उन्हें 1.65 लाख से अघिक वोट मिले थे। इडुक्की लोकसभा क्षेत्र से संगीता विश्वनाथन 91 हजार वोटों के साथ तीसरे नंबर रहीं। मावेलिक्करा सीट से बीडीजेएस के ही बैजू कलासाला भी 1.42 लाख से अधिक मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। जबकि चलाकुडी सीट पर केए उन्नीकृष्णन चलाकुडी को भी तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। उन्हें1.06 लाख से अधिक वोट मिले थे।
कर्नाटक में दक्षिण कन्नड सीट पर कलचुरी समाज के पदमराज पुजारी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और वह 1.5 लाख मतों से हार गए। इसी तरह शिवमोगा से कांग्रेस की गीता शिवराजकुमार भी भाजपा प्रत्याशी से 2.5 लाख वोटों से हार गईं।
आंध्र प्रदेश की राजमंदुरी सीट पर वाईएसआरसीपी प्रत्याशी गुडरी श्रीनिवास को भी हार का सामना पड़ा। वह 4.87 लाख वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। आंध्र के ही नरसापुर संसदीय क्षेत्र से उमा बाला 4.3 लाख वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। तेलंगाना की भोगिर सीट से कलचुरी समाज के बूरा नरसैया गौड ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा।
इस बार महाराष्ट्र में कलचुरी समाज ने अन्य राजनीतिक दलों से तवज्जो नहीं मिलने पर अपने दम पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की अच्छी पहल की। खास बात यह है कि सभी ने दिल से चुनाव लड़ा और निर्दलीय प्रत्याशी के हिसाब से ठीकठाक वोट भी हासिल किए। बुलढाना सीट से कलचुरी समाज के नंदू जगन्नाथ लवांगे ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और 5713 वोट लेकर अपना दमखम दिखाया। भंडारा गोंदिया सीट से निर्दलीय प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार जायसवाल ने भी स्वजातीय सहयोग से लगभग तीन हजार वोट प्राप्त किए। अकोला सीट से आचार्य दीप गणोजे ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और 1618 वोट पाने में सफल रहे। नागपुर से कलचुरी समाज के संतोष लाजेवार ने एआईएफबी (आल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक) प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और महज 567 वोट उन्हें मिले। महाराष्ट्र की ही रावेट सीट से गणेश करुतले ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ा।
डिस्क्लेमरः- शिवहरेवाणी ने अपनी अधिकतम जानकारी के आधार पर यह आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। ऐसे हो सकता है कि कलचुरी समाज के और अधिक लोगों ने इस लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाया हो, जिसकी जानकारी हमें न हो।

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