आगरा।
कोशिश भी कर उम्मीद भी रख रास्ता भी चुन
फिर इस के ब’अद थोड़ा मुकद्दर तलाश कर।
आगरा में नाई की मंडी निवासी अंकित शिवहरे की सफलता निदा फाजली के इस शेर की तर्जुमानी है। बीएसएनएल में लेखा अधिकारी अंकित शिवहरे ने बारह साल की लगातार कोशिशों के बाद सीए बनने के अपने सपने को अंततः पूरा कर ही लिया। गुरुवार को परिणाम घोषित हुआ तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा।
अंकित शिवहरे दस साल से बीएसएन में लेखा अधिकारी हैं, और बीते तीन वर्षों से आगरा में पोस्टेड हैं। आमतौर पर करियर में ऐसा पद पाने के बाद लोग इसी को मुद्दर मानकर सपनों का पीछा करना छोड़ देते हैं। लेकिन, अंकित ने कोशिशों और उम्मीद का दामन कभी नहीं छोड़ा। झक मराकर मुकद्दर को भी साथ देना ही पड़ा।बीकॉम करने के बाद अंकित शिवहरे ने सीए की पढ़ाई शुरू की और शुरुआती ग्रुपों को जल्दी-जल्दी निकाल भी लिया लेकिन फाइनल ग्रुप में कामयाबी अटक गई थी। दो-तीन प्रयासों में भी फाइनल ग्रुप क्लीयर नहीं हुआ। इसी बीच उन्हें बीएसएनल में लेखा अधिकारी पर उनकी नियुक्ति हो गई। बीते दस साल इस नौकरी में उन्हें मंडला, मेरठ, मथुरा… जाने कहां-कहां पोस्टिग मिली, लेकिन उन्होंने सीए फाइनल ग्रुप की अपनी तैयारी जारी रखी, और आज कामयाबी मिल ही गई।
हल्का मदन, नाई की मंडी निवासी अंकित शिवहरे बहुत साधारण परिवार से हैं। उनके पिता श्री योगेश शिवहरे कुछ वर्ष पहले तक हींग की मंडी में चाय की दुकान करते थे, जबकि मां श्रीमती सुमन शिवहरे धार्मिक विचारों की गृहणी हैं। मुश्किलों के दिनों में भी उन्होंने बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। अंकित शिवहरे केx छोटे भाई आदित्य शिवहरे पंजाब नेशनल बैंक की जयपुर हाउस लोहामंडी ब्रांच में डिप्टी मैनेजर हैं। सबसे छोटा भाई शुभम शिवहरे ने दयालबाग से डिप्लोमा (सिविल इंजीनियरिंग) किया है, और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। अंकित शिवहरे की पत्नी श्रीमती प्रिया शिवहरे सरकारी प्राथमिक विद्यालय, सैंया में अध्यापिका हैं।
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