सीहोर।
सीहोर में गल्ला कोराबारी श्री सुशील शिवहरे की रेल हादसे में मौत हो गई। उनकी तीन बेटियों ने पिता की अंतिम क्रियायें कराईं, और उनकी चिता को मुखाग्नि दी। यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं।
दरअसल सीहोर मे जनता कालोनी निवासी 50 वर्षीय सुशील शिवहरे की तीन बेटियां थीं, कोई बेटा नहीं था। सुशील ने बेटों की तरह ही तीनों बच्चियों की परवरिश की थी। और, पिता की दुखद मौत पर बेटियों ने उस परवरिश का फर्ज अदा किया। बेटियों ने हिंदू रीति-रिवाज से पिता की अंतिम क्रियायें कीं, और उनकी दो बड़ी बेटियां ईशा और कशिश ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। यह दृश्य सभी को भावुक करने वाला था, कुछ लोग को फफक कर रो पड़े। हिंदू धर्म में आमतौर पर लोग बेटियों का श्मशान घाट जाना वर्जित मानते हैं, लेकिन अब लोग दकियानूसी विचारों से निकल रहे हैं। मोक्षधाम में मौजूद लोगों ने माना की कि बेटे ही सबकुछ नहीं होते हैं, बेटियां भी बेटों से कम नहीं होती हैं। सुशील शिवहरे की बेटियां समाज के लिए प्रेरणा हैं। ईशा और कशिश ने बताया कि पिता को उनसे बहुत लगाव था, उन्होंने बेटों की तरह उन्हें पाला है। इसीलिए हम बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाने का फैसला किया।
सुशील शिवहरे धार्मिक प्रवत्ति के, लेकिन प्रगतिशील सोच के व्यक्ति थे। हर महीने उज्जैन में महाकाल के दर्शन को जाते थे। शाजापुर में बोलाई के हनुमान को भी मानते थे। शनिवार 18 जनवरी को वह बोलाई हनुमान मंदिर जाने के लिए घर से निकले थे। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पर सवार होते समय अचानक ट्रेन चल दी, जिससे वह असंतुलित होकर गिर गए और ट्रेन के पहियों की चपेट में आ गए। हादसे में सुशील की मौके पर ही मौत हो गई। 19 जनवरी को उनका अंतिम संस्कार किया गया।
वुमन पॉवर
समाचार
हर आंख नम.. सीहोर में बेटियों ने पिता की चिता को दी मुखाग्नि; रेल हादसे में हुई थी सुशील शिवहरे की मौत
- by admin
- January 19, 2025
- 0 Comments
- Less than a minute
- 13 hours ago
Leave feedback about this